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नागौरः 500 साल पुराने बरगद के पेड़ की काटी गई टहनियां, विवाद बढ़ने पर पहुंचे तहसीलदार

खेल मैदान में व्यावसायिक मेलों के आयोजन को लेकर पिछले कुछ दिनों से लगातार चर्चा में बनी राजकीय कांकरिया स्कूल के खाते में मंगलवार को एक नया विवाद जुड़ गया है. अब नीम और बरगद के हरे-भरे पेड़ काटने की बात सामने आई है. स्थानीय लोगों और पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि बरगद का पेड़ 500 साल पुराना है और उसकी बड़ी शाखाएं काटने से अब उसके नष्ट होने का खतरा है, जबकि स्कूल प्रशासन का कहना है कि बरगद के पेड़ को काटा नहीं गया है, उसकी छंगाई की गई है.

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Published : Jan 21, 2020, 9:29 PM IST

cutting 500-year-old banyan tree, 500 साल पुराने बरगद का पेड़ काटने का आरोप
500 साल पुराने बरगद का पेड़ काटने का आरोप

नागौर. जिला मुख्यालय की राजकीय कांकरिया स्कूल में नीम और बरगद के पेड़ों की कटाई का मामला सामने आया है. स्थानीय लोगों और पर्यावरण प्रेमियों के तीखे विरोध के बाद अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. घटना का पता चलते ही पहले कोतवाली थाना पुलिस और फिर नागौर तहसीलदार मौके पर पहुंचे. वहीं तहसीलदार ने दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए और उस हिसाब से रिपोर्ट तैयार की.

500 साल पुराने बरगद का पेड़ काटने का आरोप

स्थानीय लोगों और पर्यावरण प्रेमियों का आरोप है कि स्कूल के खेल मैदान में बास्केटबॉल कोर्ट के पास लगा बरगद का पेड़ 500 साल पुराना है. जिसकी बड़ी डालियों को काट दिया गया है. इससे इस पेड़ को नुकसान पहुंचने और इसके नष्ट होने तक का खतरा पैदा हो गया है.

पढ़ेंः नागौर: ऐतिहासिक रामदेव पशु मेला का 25 जनवरी से आयोजन

उनका आरोप है कि स्कूल परिसर में नीम सहित अन्य पेड़ों को भी आरा मशीन की सहायता से काटा गया है. जिसे उनके विरोध के बाद छिपा दिया गया है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी आरा मशीन से पेड़ों की कटाई पर पाबंदी लगा रखी है.

इस मामले में स्कूल के प्रधानाचार्य शंकर लाल शर्मा का कहना है कि बरगद की कुछ शाखाएं काफी नीचे तक लटकी हुई हैं और काफी कमजोर भी हो गई थी. जिसके चलते यह शाखाएं कभी भी गिरकर बड़े हादसे का कारण बन सकती थी. इसी कारण इनकी छंगाई की गई है. स्कूल परिसर में ही नीम और अन्य पेड़ काटने के आरोप पर स्कूल प्रशासन का कहना है कि उनसे भी परेशानी हो रही थी. जिसके चलते प्रशासन से अनुमति लेकर उन्हें कटवाया गया है.

पढ़ेंः राहुल गांधी के वेलकम में जुटी कांग्रेस, पायलट-गहलोत ने लिया स्टेडियम का जायजा

फिलहाल, इस पूरे मामले को लेकर कार्यवाहक तहसीलदार का कहना है कि दोनों पक्षों की बाते सुनकर रिपोर्ट बना ली गई है और दोनों पक्षों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं. साथ ही स्कूल प्रशासन को सख्त हिदायत दी गई है कि भविष्य में जरूरी होने पर भी बिना सक्षम अनुमति के पेड़ों की कटाई नहीं करवाई जाए.

नागौर. जिला मुख्यालय की राजकीय कांकरिया स्कूल में नीम और बरगद के पेड़ों की कटाई का मामला सामने आया है. स्थानीय लोगों और पर्यावरण प्रेमियों के तीखे विरोध के बाद अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. घटना का पता चलते ही पहले कोतवाली थाना पुलिस और फिर नागौर तहसीलदार मौके पर पहुंचे. वहीं तहसीलदार ने दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए और उस हिसाब से रिपोर्ट तैयार की.

500 साल पुराने बरगद का पेड़ काटने का आरोप

स्थानीय लोगों और पर्यावरण प्रेमियों का आरोप है कि स्कूल के खेल मैदान में बास्केटबॉल कोर्ट के पास लगा बरगद का पेड़ 500 साल पुराना है. जिसकी बड़ी डालियों को काट दिया गया है. इससे इस पेड़ को नुकसान पहुंचने और इसके नष्ट होने तक का खतरा पैदा हो गया है.

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उनका आरोप है कि स्कूल परिसर में नीम सहित अन्य पेड़ों को भी आरा मशीन की सहायता से काटा गया है. जिसे उनके विरोध के बाद छिपा दिया गया है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी आरा मशीन से पेड़ों की कटाई पर पाबंदी लगा रखी है.

इस मामले में स्कूल के प्रधानाचार्य शंकर लाल शर्मा का कहना है कि बरगद की कुछ शाखाएं काफी नीचे तक लटकी हुई हैं और काफी कमजोर भी हो गई थी. जिसके चलते यह शाखाएं कभी भी गिरकर बड़े हादसे का कारण बन सकती थी. इसी कारण इनकी छंगाई की गई है. स्कूल परिसर में ही नीम और अन्य पेड़ काटने के आरोप पर स्कूल प्रशासन का कहना है कि उनसे भी परेशानी हो रही थी. जिसके चलते प्रशासन से अनुमति लेकर उन्हें कटवाया गया है.

पढ़ेंः राहुल गांधी के वेलकम में जुटी कांग्रेस, पायलट-गहलोत ने लिया स्टेडियम का जायजा

फिलहाल, इस पूरे मामले को लेकर कार्यवाहक तहसीलदार का कहना है कि दोनों पक्षों की बाते सुनकर रिपोर्ट बना ली गई है और दोनों पक्षों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं. साथ ही स्कूल प्रशासन को सख्त हिदायत दी गई है कि भविष्य में जरूरी होने पर भी बिना सक्षम अनुमति के पेड़ों की कटाई नहीं करवाई जाए.

Intro:खेल मैदान में व्यावसायिक मेलों के आयोजन को लेकर पिछले कुछ दिनों से लगातार चर्चा में बनी राजकीय कांकरिया स्कूल के खाते में आज एक नया विवाद जुड़ गया है। यहां नीम और बरगद के हरे-भरे पेड़ काटने का का मामला सामने आया है। स्थानीय लोगों और पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि बरगद का पेड़ 500 साल पुराना है और उसकी बड़ी शाखाएं काटने से अब उसके नष्ट होने का खतरा है। जबकि स्कूल प्रशासन का कहना है कि बरगद के पेड़ को काटा नहीं गया है। छंगाई की गई है।


Body:नागौर. जिला मुख्यालय की राजकीय कांकरिया स्कूल में नीम और बरगद के पेड़ों की कटाई का मामला सामने आया है। स्थानीय लोगों और पर्यावरण प्रेमियों के तीखे विरोध के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया। पहले कोतवाली थाना पुलिस और फिर नागौर तहसीलदार मौके पर पहुंचे। तहसीलदार ने दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए और मौका रिपोर्ट तैयार की।
स्थानीय लोगों और पर्यावरण प्रेमियों का आरोप है कि स्कूल के खेल मैदान में बास्केटबॉल कोर्ट के पास लगा बरगद का पेड़ 500 साल पुराना है। जिसकी बड़ी डालियों को काट दिया गया है। इससे इस पेड़ को नुकसान पहुंचने और इसके नष्ट होने तक का खतरा पैदा हो गया है। उनका आरोप है कि स्कूल परिसर में ही नीम सहित अन्य पेड़ों को भी आरा मशीन की सहायता से काटा गया है। जिसे उनके विरोध के बाद छिपा दिया गया है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी आरा मशीन से पेड़ों की कटाई पर पाबंदी लगा रखी है।
इस मामले में स्कूल के प्रधानाचार्य शंकर लाल शर्मा का कहना है कि बरगद की कुछ शाखाएं काफी नीचे तक लटकी हुई हैं और काफी कमजोर भी हो गई थी। जिसके चलते ये शाखाएं कभी भी गिरकर बड़े हादसे का कारण बन सकती थी। इसी कारण इनकी छंगाई की गई है। स्कूल परिसर में ही नीम व अन्य पेड़ काटने के आरोप पर स्कूल प्रशासन का कहना है कि उनसे भी परेशानी हो रही थी। जिसके चलते प्रशासन से अनुमति लेकर उन्हें कटवाया गया है।


Conclusion:फिलहाल, इस पूरे मामले को लेकर कार्यवाहक तहसीलदार का कहना है कि मौका रिपोर्ट बना ली गई है और दोनों पक्षों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं। साथ ही स्कूल प्रशासन को सख्त हिदायत दी गई है कि भविष्य में जरूरी होने पर भी बिना सक्षम अनुमति के पेड़ों की कटाई नहीं करवाई जाए।
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बाईट 01- हिम्मताराम भाम्भू, पर्यावरण प्रेमी।
बाईट 02- शंकर लाल शर्मा, प्रधानाचार्य, कांकरिया स्कूल।
बाईट 03- अणदाराम जांगिड़, कार्यवाहक तहसीलदार, नागौर।
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