नागौर. जिला मुख्यालय की राजकीय कांकरिया स्कूल में नीम और बरगद के पेड़ों की कटाई का मामला सामने आया है. स्थानीय लोगों और पर्यावरण प्रेमियों के तीखे विरोध के बाद अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. घटना का पता चलते ही पहले कोतवाली थाना पुलिस और फिर नागौर तहसीलदार मौके पर पहुंचे. वहीं तहसीलदार ने दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए और उस हिसाब से रिपोर्ट तैयार की.
स्थानीय लोगों और पर्यावरण प्रेमियों का आरोप है कि स्कूल के खेल मैदान में बास्केटबॉल कोर्ट के पास लगा बरगद का पेड़ 500 साल पुराना है. जिसकी बड़ी डालियों को काट दिया गया है. इससे इस पेड़ को नुकसान पहुंचने और इसके नष्ट होने तक का खतरा पैदा हो गया है.
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उनका आरोप है कि स्कूल परिसर में नीम सहित अन्य पेड़ों को भी आरा मशीन की सहायता से काटा गया है. जिसे उनके विरोध के बाद छिपा दिया गया है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी आरा मशीन से पेड़ों की कटाई पर पाबंदी लगा रखी है.
इस मामले में स्कूल के प्रधानाचार्य शंकर लाल शर्मा का कहना है कि बरगद की कुछ शाखाएं काफी नीचे तक लटकी हुई हैं और काफी कमजोर भी हो गई थी. जिसके चलते यह शाखाएं कभी भी गिरकर बड़े हादसे का कारण बन सकती थी. इसी कारण इनकी छंगाई की गई है. स्कूल परिसर में ही नीम और अन्य पेड़ काटने के आरोप पर स्कूल प्रशासन का कहना है कि उनसे भी परेशानी हो रही थी. जिसके चलते प्रशासन से अनुमति लेकर उन्हें कटवाया गया है.
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फिलहाल, इस पूरे मामले को लेकर कार्यवाहक तहसीलदार का कहना है कि दोनों पक्षों की बाते सुनकर रिपोर्ट बना ली गई है और दोनों पक्षों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं. साथ ही स्कूल प्रशासन को सख्त हिदायत दी गई है कि भविष्य में जरूरी होने पर भी बिना सक्षम अनुमति के पेड़ों की कटाई नहीं करवाई जाए.