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कोटा ACB के ट्रैप का मामला: दौसा की तरह यहां भी दो RAS अधिकारी हैं रडार पर - ACM BK Tiwari

दौसा एसीबी मामले की तरह ही एक मामला कोटा में सामने आ रहा है. जिसमें दो आरएएस अधिकारी शामिल है. जिनमें एसडीएम लाडपुरा दीपक मित्तल और एसीएम बीके तिवारी के लिए रिश्वत लेने के मामले में नाम सामने आ रहा हैं. इसके अलावा मंडाना के नायब तहसीलदार विनय चतुर्वेदी की भी इसमें भूमिका संदिग्ध है. साथ ही एसीबी ने रिश्वत राशि, उसकी बरामदगी और लेन-देन में प्रथम दृष्टया सबकी संलिप्तता मानी है. साथ ही इनके संबंध में साक्ष्य एकत्रित करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

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कोटा में दो RAS अधिकारी ACB के रडार पर
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Published : Feb 5, 2021, 5:31 PM IST

कोटा. कोटा एसीबी ने शुक्रवार को दो सरकारी कार्मिकों और एक दलाल के रिश्वत लेने के मामले में कार्रवाई की है. जिसमें एक सरकारी कार्मिक एकांत उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया गया है. जबकि दूसरा सरकारी कार्मिक दीपक रघुवंशी फरार है जिसकी तलाश एसीबी की टीमें कर रही है. हालांकि इस पूरे प्रकरण में सामने आ रहा है कि इन दोनों सूचना सहायकों ने अपने कार्यालय के उच्चाधिकारियों के लिए रिश्वत ली है.

ऐसे में दौसा की तरह ही कोटा में भी दो आरएएस अधिकारी शामिल है. जिनमें एसडीएम लाडपुरा दीपक मित्तल और एसीएम बीके तिवारी के लिए रिश्वत लेने के मामले में नाम सामने आ रहा हैं. इसके अलावा मंडाना के नायब तहसीलदार विनय चतुर्वेदी की भी इसमें भूमिका संदिग्ध है. साथ ही एसीबी ने रिश्वत राशि, उसकी बरामदगी और लेन-देन में प्रथम दृष्टया सबकी संलिप्तता मानी है. साथ ही इनके संबंध में साक्ष्य एकत्रित करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

कोटा में दो RAS अधिकारी ACB के रडार पर

पहले पक्ष से मांगी रिश्वत नहीं दी, तो दूसरे के नाम कर दी करोड़ों की जमीन

रिश्वत के मामले में सामने आ रहा है कि परिवादी हेमराज और उसके भाइयों का जमीन का विवाद उनके चाचा जमुनालाल से चल रहा है. इस मामले में एसीबी के अधिकारी मान रहे हैं कि दूसरे पक्ष से रिश्वत राशि मिल जाने के बाद अधिकारियों ने ये जमीन उनके नाम कर दी गई. इसमें मुकदमा एसीएम में चल रहा था. जिसके बाद 2 करोड़ रुपए का मुआवजा भी दूसरे पक्ष को मिलने वाला है. अब उसी मुआवजे की राशि का चेक जारी नहीं हो, इसके लिए आरोपियों ने एक लाख रुपए की रिश्वत ली गई है.

आरोपी ने एसडीएम को किया फोन, बोले ऑफिस आओ यही करेंगे बात

परिवादी हेमराज ने 1 लाख रुपए रिश्वत के दलाल बलराम मीणा को दिए, एसीबी ने उसे पकड़ लिया. इसके बाद आरोपी सूचना सहायक एकांत उपाध्याय ने रिश्वत की राशि लेकर थेगड़ा अक्षरधाम कॉलोनी के पास बुलाया. जहां से एकांत उपाध्याय को भी एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया. यहां से एसीबी के कहने पर उसने एसीएम ऑफिस के सूचना सहायक दीपक रघुवंशी को फोन किया. साथ ही एसडीएम दीपक मित्तल को भी फोन किया. इस पर मित्तल ने उन्हें फोन पर यही कहा कि वे ऑफिस आ जाएं, वही पूरी बात करेंगे. इस कार्रवाई को एसीबी के निरीक्षक अजीत बागडोलिया, कांस्टेबल भरत सिंह, नरेंद्र सिंह, दिलीप सिंह, देवेंद्र सिंह, बृजराज सिंह, मुकेश कुमार, मनोज कुमार, जोगेंद्र सिंह व सरोज गौड़ ने अंजाम दिया है.

पढ़ें- कोटा में भी भारत माला प्रोजेक्ट के तहत आया घूस का मामला : 1 लाख रिश्वत के मामले में दो आरोपी गिरफ्तार, एक फरार

पहले दूसरे पक्ष से ली रिश्वत, अब इस पक्ष सभी ले रहे थे

इस मामले में सामने आ रहा है कि फैसला एसीएम ने 1 फरवरी को सुनाया है. हालांकि इसके पहले ही परिवादी हेमराज से दलाल बलराम मीणा ने चार लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी ताकि वो फैसला उनके हक में करवा दें हालांकि उन्होंने पैसा नहीं दिया. इसके बाद दूसरे पक्ष से पैसा लेने के बाद एसीबी के अधिकारी स्वीकार रहे हैं जिसके बाद दूसरे पक्ष के नाम से सलाह हो गई और जमीन उनके नाम चली गई. अब जमीन की जो मुआवजा राशि दो करोड़ रुपए उन्हें मिलने वाली थी उसका चेक रिलीज नहीं होने के लिए ही परिवादी से दोबारा रिश्वत की मांग की गई और आज उसी रिश्वत की राशि एक लाख रुपए लेते हुए आरोपी गिरफ्तार हुए हैं.

सूचना मिलते ही फरार हो गया दीपक

एसीएम ऑफिस का सूचना सहायक दीपक रघुवंशी भी इस मामले में आरोपी है. एसीबी के हत्थे चढ़ने के बाद एकांत उपाध्याय की बात एसीएम ऑफिस के सूचना सहायक दीपक रघुवंशी से भी बात की थी. हालांकि इसके बाद किसी तरह से दीपक को एसीबी का हिंट मिल गया और वो अपने घर से भी गायब हो गया. एसीबी ने उसके गिरफ्तारी के लिए कोटा शहर में कई जगह दबिश दी है. हालांकि दीपक केशवपुरा निवासी है.

कोटा. कोटा एसीबी ने शुक्रवार को दो सरकारी कार्मिकों और एक दलाल के रिश्वत लेने के मामले में कार्रवाई की है. जिसमें एक सरकारी कार्मिक एकांत उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया गया है. जबकि दूसरा सरकारी कार्मिक दीपक रघुवंशी फरार है जिसकी तलाश एसीबी की टीमें कर रही है. हालांकि इस पूरे प्रकरण में सामने आ रहा है कि इन दोनों सूचना सहायकों ने अपने कार्यालय के उच्चाधिकारियों के लिए रिश्वत ली है.

ऐसे में दौसा की तरह ही कोटा में भी दो आरएएस अधिकारी शामिल है. जिनमें एसडीएम लाडपुरा दीपक मित्तल और एसीएम बीके तिवारी के लिए रिश्वत लेने के मामले में नाम सामने आ रहा हैं. इसके अलावा मंडाना के नायब तहसीलदार विनय चतुर्वेदी की भी इसमें भूमिका संदिग्ध है. साथ ही एसीबी ने रिश्वत राशि, उसकी बरामदगी और लेन-देन में प्रथम दृष्टया सबकी संलिप्तता मानी है. साथ ही इनके संबंध में साक्ष्य एकत्रित करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

कोटा में दो RAS अधिकारी ACB के रडार पर

पहले पक्ष से मांगी रिश्वत नहीं दी, तो दूसरे के नाम कर दी करोड़ों की जमीन

रिश्वत के मामले में सामने आ रहा है कि परिवादी हेमराज और उसके भाइयों का जमीन का विवाद उनके चाचा जमुनालाल से चल रहा है. इस मामले में एसीबी के अधिकारी मान रहे हैं कि दूसरे पक्ष से रिश्वत राशि मिल जाने के बाद अधिकारियों ने ये जमीन उनके नाम कर दी गई. इसमें मुकदमा एसीएम में चल रहा था. जिसके बाद 2 करोड़ रुपए का मुआवजा भी दूसरे पक्ष को मिलने वाला है. अब उसी मुआवजे की राशि का चेक जारी नहीं हो, इसके लिए आरोपियों ने एक लाख रुपए की रिश्वत ली गई है.

आरोपी ने एसडीएम को किया फोन, बोले ऑफिस आओ यही करेंगे बात

परिवादी हेमराज ने 1 लाख रुपए रिश्वत के दलाल बलराम मीणा को दिए, एसीबी ने उसे पकड़ लिया. इसके बाद आरोपी सूचना सहायक एकांत उपाध्याय ने रिश्वत की राशि लेकर थेगड़ा अक्षरधाम कॉलोनी के पास बुलाया. जहां से एकांत उपाध्याय को भी एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया. यहां से एसीबी के कहने पर उसने एसीएम ऑफिस के सूचना सहायक दीपक रघुवंशी को फोन किया. साथ ही एसडीएम दीपक मित्तल को भी फोन किया. इस पर मित्तल ने उन्हें फोन पर यही कहा कि वे ऑफिस आ जाएं, वही पूरी बात करेंगे. इस कार्रवाई को एसीबी के निरीक्षक अजीत बागडोलिया, कांस्टेबल भरत सिंह, नरेंद्र सिंह, दिलीप सिंह, देवेंद्र सिंह, बृजराज सिंह, मुकेश कुमार, मनोज कुमार, जोगेंद्र सिंह व सरोज गौड़ ने अंजाम दिया है.

पढ़ें- कोटा में भी भारत माला प्रोजेक्ट के तहत आया घूस का मामला : 1 लाख रिश्वत के मामले में दो आरोपी गिरफ्तार, एक फरार

पहले दूसरे पक्ष से ली रिश्वत, अब इस पक्ष सभी ले रहे थे

इस मामले में सामने आ रहा है कि फैसला एसीएम ने 1 फरवरी को सुनाया है. हालांकि इसके पहले ही परिवादी हेमराज से दलाल बलराम मीणा ने चार लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी ताकि वो फैसला उनके हक में करवा दें हालांकि उन्होंने पैसा नहीं दिया. इसके बाद दूसरे पक्ष से पैसा लेने के बाद एसीबी के अधिकारी स्वीकार रहे हैं जिसके बाद दूसरे पक्ष के नाम से सलाह हो गई और जमीन उनके नाम चली गई. अब जमीन की जो मुआवजा राशि दो करोड़ रुपए उन्हें मिलने वाली थी उसका चेक रिलीज नहीं होने के लिए ही परिवादी से दोबारा रिश्वत की मांग की गई और आज उसी रिश्वत की राशि एक लाख रुपए लेते हुए आरोपी गिरफ्तार हुए हैं.

सूचना मिलते ही फरार हो गया दीपक

एसीएम ऑफिस का सूचना सहायक दीपक रघुवंशी भी इस मामले में आरोपी है. एसीबी के हत्थे चढ़ने के बाद एकांत उपाध्याय की बात एसीएम ऑफिस के सूचना सहायक दीपक रघुवंशी से भी बात की थी. हालांकि इसके बाद किसी तरह से दीपक को एसीबी का हिंट मिल गया और वो अपने घर से भी गायब हो गया. एसीबी ने उसके गिरफ्तारी के लिए कोटा शहर में कई जगह दबिश दी है. हालांकि दीपक केशवपुरा निवासी है.

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