कोटा. हाड़ौती में बीते साल से करीब 35 फीसदी कम भूमि पर गेहूं की फसल बोयी गई है. इसके चलते चना, सरसों और लहसुन में किसानों की रूचि बढ़ गई है. इस बार कृषि विभाग में जो हाड़ौती के चारों जिले कोटा, बारां, बूंदी और झालावाड़ में 5 लाख 65 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि पर गेहूं की फसल की बुवाई का लक्ष्य रखा था. लेकिन यह लक्ष्य भी इस बार काफी पीछे छूट गया है. महज 5 लाख 3 हजार 523 हेक्टेयर में ही गेहूं की बुवाई हुई है. जो पिछले साल की तुलना में 1 लाख 75 हजार 738 हेक्टेयर कम है. रिपोर्ट देखिये...
5 साल में गेहूं का सबसे कम रकबा
हाड़ौती संभाग में बीते 5 साल में गेहूं का यह रकबा सबसे कम है. ऐसे में इस बार उत्पादन भी गेहूं का कम ही होगा. बीते साल कोविड-19 महामारी के चलते किसानों ने गेहूं के रकबे को बढ़ा दिया था. यह रकबा कृषि विभाग के टारगेट से भी कई ज्यादा बढ़ गया था. जो कि 6 लाख 79 हजार 261 हेक्टेयर था. इसके चलते उत्पादन भी बंपर 32 लाख 89 हजार 795 मिट्रिक टन हुआ. लेकिन किसानों को इसका भाव नहीं मिला.
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मंडियों में भी सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के चलते गेहूं की खरीद को लेकर असमंजस रहा. साथ ही समर्थन मूल्य पर भी खरीद नहीं हुई इसके चलते किसानों को 1500 से 1600 रुपए क्विंटल के ही भाव मिल पाए. इसके चलते उन्होंने गेहूं से दूरी बना ली. जबकि गेहूं की फसल में पानी की मांग भी ज्यादा रहती है.
लक्ष्य से 50 फीसदी ज्यादा हुई चने की बुवाई
रबी के सीजन की मुख्य फसल चने की बुवाई पिछले साल 1 लाख 70 हजार 397 हेक्टेयर में हुई थी जिससे उत्पादन 2 लाख 99 हजार 626 मिट्रिक टन हुआ था. इस बार चने की बुवाई भी बढ़कर 2 लाख 40 हजार 995 हेक्टेयर में की गई है. जबकि लक्ष्य 1लाखा 60 हजार हेक्टेयर ही था. ऐसे में लक्ष्य की चौगुनी बुवाई चने की हाड़ौती के चारों जिलों में हुई है. वहीं बीते साल जहां पर सरसों की फसल 1 लाख 70 हजार 182 हेक्टेयर में हुई थी, जिससे उत्पादन 3 लाख 30 हजार 689 मिट्रिक टन हुआ था. इस बार यह बढ़कर 1 लाख 95 हजार 16 हैक्टेयर में हुई है.
लहसुन ने इस बार फिर जमाया है कब्जा
लहसुन के दाम नहीं मिलने के चलते किसानों ने इससे मुंह फेर लिया था. लेकिन अब फिर किसानों का रुझान लहसुन की तरफ बढ़ा है. इस बार 1 लाख 8 हजार 152 हेक्टेयर में लहसुन की फसल की गई है. जबकि बीते साल 57 हजार 513 हेक्टेयर में लहसुन की फसल की गई थी. जिसका उत्पादन 3 लाख 21 हजार 687 मिट्रिक टन हुआ था. साथ ही किसानों को दाम भी काफी अच्छा मिला था. जिसके बाद इस साल किसानों ने दुगने रकबे में लहसुन की फसल की बुवाई की है.
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गेहूं की फसल में 35 फ़ीसदी की गिरावट के साथ इस बार 5 लाख 3 हजार 523 हेक्टेयर में बुवाई की गई है. चने की फसल लक्ष्य से 50 प्रतिशत ज्यादा 2 लाख 40 हजार 995 हेक्टेयर में बोयी गई है. वहीं सरसों की फसल भी करीब 25 हजार हेक्टेयर ज्यादा में यानी 1 लाख 95 हजार 16 हेक्टेयर में बोयी गई है.