कोटा. शहर के जेके लोन अस्पताल बच्चों की मौत के मामले में देश भर में सुर्खियों पर बना हुआ है. अभी तक शिशुओं की मौत का आंकड़ा 110 पर पहुंच गया है. शनिवार को अस्पताल में चार बच्चों ने दम तोड़ दिया था. रविवार को जब इन बच्चों की मौत के बारे में अस्पताल अधीक्षक सुरेशचंद्र दुलारा से बात की तो उन्होंने कहा कि जो बच्चे बाहर से आए हैं, वह हाइपोथर्मिया (अल्पताप) के शिकार थे.
अधीक्षक ने अस्पताल की व्यवस्थाओं के बारे में बताया कि जब से उन्होंने ज्वाइन किया है, तब से व्यवस्थाओं में सुधार हुआ है. उन्होंने बताया कि कई उपकरणों की सीएमसी जारी कर दी गई है और कुछ नए उपकरण उपलब्ध करा दिए गए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि अस्पताल के वार्डो में खिड़कियां टूटी हुई थी, जिससे ठंडी हवा अंदर आती थी, उनको बंद करा दिया गया है. वहीं एक छोटे कमरे को रिनोवेट कर एनआईसीयू बना रहे हैं.
सीनियर फ्रोफेसर डॉ. जगदीश सिंह होंगे नए एचओडी
अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि राज्य सरकार के आदेश से जयपुर सीनियर प्रोफेसर डॉ. जगदीश सिंह को मेडिकल कॉलेज के पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट के नए एचओडी के रुप में नियुक्त किया गया है. इसके साथ ही 4 नए सहायक आचार्यों को भी कोटा में नियुक्ति दी गई है. नए सहायक आचार्यों में डॉ. शिवलाल मीणा, डॉ. चेतन मीणा, डॉ. ममता बजाड़ और डॉ. मोहम्मद अजीज शामिल हैं.
बच्चों की मौत हाइपोथर्मिया से हुई
डॉ. दुलारा ने बच्चों की मौत पर कहा कि जो बच्चे यहां पर बाहर से रेफर होकर आए हैं, वह ठंड का शिकार हुए हैं. बच्चों की मौत के आंकड़े के बारे में दुलारा ने बताया कि दिसंबर और जनवरी महीने में 110 बच्चों की मौत हो चुकी है. साथ ही उन्होंने बताया कि डेथ ऑडिट कमेटी बनाई गई है, जिसमें दोनों डिपार्टमेंट के एचओडी उसमें काम कर रहे हैं. साथ ही जिसमें जिस रोगी की मौत होती है, उसकी पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है. वहीं वर्तमान में जितने भी बच्चे की यहां पर मौत हुई है, वह सब हाईफोथर्मिया के शिकार थे.