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जेके लोन अस्पताल में शिशुओं की मौत का सिलसिला जारी, अस्पताल अधीक्षक ने कहा हाइपोथर्मिया से हुई मौत

कोटा के जेके लोन अस्पताल में शिशुओं की मौत के मामले पर अस्पताल सख्त होता नजर आ रहा है. रविवार को अस्पताल अधीक्षक ने कहा कि बच्चों की मौत हाइपोथर्मिया (अल्पताप) से हुई है. उन्होंने बताया कि कोटा में 4 नए सहायक आचार्यों की भी नियुक्ति की गई है.

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अस्पताल अधीक्षक हुए मीडिया से रूबरू
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Published : Jan 5, 2020, 5:04 PM IST

कोटा. शहर के जेके लोन अस्पताल बच्चों की मौत के मामले में देश भर में सुर्खियों पर बना हुआ है. अभी तक शिशुओं की मौत का आंकड़ा 110 पर पहुंच गया है. शनिवार को अस्पताल में चार बच्चों ने दम तोड़ दिया था. रविवार को जब इन बच्चों की मौत के बारे में अस्पताल अधीक्षक सुरेशचंद्र दुलारा से बात की तो उन्होंने कहा कि जो बच्चे बाहर से आए हैं, वह हाइपोथर्मिया (अल्पताप) के शिकार थे.

जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक हुए मीडिया से रूबरू

अधीक्षक ने अस्पताल की व्यवस्थाओं के बारे में बताया कि जब से उन्होंने ज्वाइन किया है, तब से व्यवस्थाओं में सुधार हुआ है. उन्होंने बताया कि कई उपकरणों की सीएमसी जारी कर दी गई है और कुछ नए उपकरण उपलब्ध करा दिए गए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि अस्पताल के वार्डो में खिड़कियां टूटी हुई थी, जिससे ठंडी हवा अंदर आती थी, उनको बंद करा दिया गया है. वहीं एक छोटे कमरे को रिनोवेट कर एनआईसीयू बना रहे हैं.

सीनियर फ्रोफेसर डॉ. जगदीश सिंह होंगे नए एचओडी

अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि राज्य सरकार के आदेश से जयपुर सीनियर प्रोफेसर डॉ. जगदीश सिंह को मेडिकल कॉलेज के पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट के नए एचओडी के रुप में नियुक्त किया गया है. इसके साथ ही 4 नए सहायक आचार्यों को भी कोटा में नियुक्ति दी गई है. नए सहायक आचार्यों में डॉ. शिवलाल मीणा, डॉ. चेतन मीणा, डॉ. ममता बजाड़ और डॉ. मोहम्मद अजीज शामिल हैं.

पढ़ेंः डिप्टी सीएम, चिकित्सा मंत्री के दौरे के बाद भी नहीं थम रहा जेके लोन में मौत का सिलसिला, 4 और बच्चों ने दम तोड़ा, अबतक 110 की मौत

बच्चों की मौत हाइपोथर्मिया से हुई

डॉ. दुलारा ने बच्चों की मौत पर कहा कि जो बच्चे यहां पर बाहर से रेफर होकर आए हैं, वह ठंड का शिकार हुए हैं. बच्चों की मौत के आंकड़े के बारे में दुलारा ने बताया कि दिसंबर और जनवरी महीने में 110 बच्चों की मौत हो चुकी है. साथ ही उन्होंने बताया कि डेथ ऑडिट कमेटी बनाई गई है, जिसमें दोनों डिपार्टमेंट के एचओडी उसमें काम कर रहे हैं. साथ ही जिसमें जिस रोगी की मौत होती है, उसकी पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है. वहीं वर्तमान में जितने भी बच्चे की यहां पर मौत हुई है, वह सब हाईफोथर्मिया के शिकार थे.

कोटा. शहर के जेके लोन अस्पताल बच्चों की मौत के मामले में देश भर में सुर्खियों पर बना हुआ है. अभी तक शिशुओं की मौत का आंकड़ा 110 पर पहुंच गया है. शनिवार को अस्पताल में चार बच्चों ने दम तोड़ दिया था. रविवार को जब इन बच्चों की मौत के बारे में अस्पताल अधीक्षक सुरेशचंद्र दुलारा से बात की तो उन्होंने कहा कि जो बच्चे बाहर से आए हैं, वह हाइपोथर्मिया (अल्पताप) के शिकार थे.

जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक हुए मीडिया से रूबरू

अधीक्षक ने अस्पताल की व्यवस्थाओं के बारे में बताया कि जब से उन्होंने ज्वाइन किया है, तब से व्यवस्थाओं में सुधार हुआ है. उन्होंने बताया कि कई उपकरणों की सीएमसी जारी कर दी गई है और कुछ नए उपकरण उपलब्ध करा दिए गए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि अस्पताल के वार्डो में खिड़कियां टूटी हुई थी, जिससे ठंडी हवा अंदर आती थी, उनको बंद करा दिया गया है. वहीं एक छोटे कमरे को रिनोवेट कर एनआईसीयू बना रहे हैं.

सीनियर फ्रोफेसर डॉ. जगदीश सिंह होंगे नए एचओडी

अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि राज्य सरकार के आदेश से जयपुर सीनियर प्रोफेसर डॉ. जगदीश सिंह को मेडिकल कॉलेज के पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट के नए एचओडी के रुप में नियुक्त किया गया है. इसके साथ ही 4 नए सहायक आचार्यों को भी कोटा में नियुक्ति दी गई है. नए सहायक आचार्यों में डॉ. शिवलाल मीणा, डॉ. चेतन मीणा, डॉ. ममता बजाड़ और डॉ. मोहम्मद अजीज शामिल हैं.

पढ़ेंः डिप्टी सीएम, चिकित्सा मंत्री के दौरे के बाद भी नहीं थम रहा जेके लोन में मौत का सिलसिला, 4 और बच्चों ने दम तोड़ा, अबतक 110 की मौत

बच्चों की मौत हाइपोथर्मिया से हुई

डॉ. दुलारा ने बच्चों की मौत पर कहा कि जो बच्चे यहां पर बाहर से रेफर होकर आए हैं, वह ठंड का शिकार हुए हैं. बच्चों की मौत के आंकड़े के बारे में दुलारा ने बताया कि दिसंबर और जनवरी महीने में 110 बच्चों की मौत हो चुकी है. साथ ही उन्होंने बताया कि डेथ ऑडिट कमेटी बनाई गई है, जिसमें दोनों डिपार्टमेंट के एचओडी उसमें काम कर रहे हैं. साथ ही जिसमें जिस रोगी की मौत होती है, उसकी पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है. वहीं वर्तमान में जितने भी बच्चे की यहां पर मौत हुई है, वह सब हाईफोथर्मिया के शिकार थे.

Intro:कोटा
जेके लोन अस्पताल में शिशुओं की मौत का सिलसिला अस्पताल अधीक्षक हुए मीडिया से रूबरू,जयपुर के सीनियर फ्रोफेसर डॉ.जगदीश सिंह होंगे नए एचओडी, साथ ही चार नए सहायक प्रोफेसर भी आएंगे:-
जेकेलोन अस्पताल में नवजात शिशुओं की मौत का सिलसिला लगातार जारी है अभी तक का शिशुओं की मौत का आंकड़ा110 पर पहुच गया।
जेकेलोन अस्पताल के अधीक्षक जब मीडिया से रूबरू हुए तो उन्होंने अस्पताल की व्यवस्थाओं पर कहा कि अब सुधरेगी हालात
Body:कोटा का जेकेलोन अस्पताल बच्चो की मौत के मामले में देश मे सुर्खियों पर बना हुआ है।वही आज जब इस बच्चो की मौत के बारे में अस्पताल अधीक्षक सुरेशचंद्र दुलारा से बात की तो उन्होंने बच्चो की मौत पर बयान देते हुए बच्चों की मौत पर कहा जो बच्चे बाहर से आये है वह हाईफ़ोथर्मिया के शिकार थे।
कोटा का जेकेलोन अस्पताल इन दिनों शिशुओं की मौत पर सुर्खियों में बना हुआ है।वही आज अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुरेशचंद्र दुलारा मीडिया से रूबरू हुए।अस्पताल की व्यवस्थाओं के बारे में बताया कि जब से जोइन किया है व्यवस्थाओं में सुधार हुआ है।कई उपकरणों की सीएमसी जारी कर दी है।ओर कुछ नए उपकरण उपलब्ध करा दिए गए है।उन्होंने कहा अस्पताल के वार्डो में खिड़कियां टूटी हुई थी जिससे ठंडी हवा अंदर आती थी।उनको बंद करा दिया गया है।वही एक छोटा कमरे को रिनोवेट कर एनआईसीयू बना रहे हैं।
जयपुर के सीनियर फ्रोफेसर डॉ.जगदीश सिंह होंगे नए एचओडी, साथ ही चार नए सहायक प्रोफेसर भी आएंगे:-
अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि राज्य सरकार के आदेश से जयपुर सीनियर प्रोफेसर डॉ.जगदीश सिंह को मेडिकल कॉलेज के पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट के एचओडी इसके साथ ही चार नये सहायक आचार्यो को भी कोटा में नियुक्ति दी गई है नए सहायक आचार्यो में डॉ.शिवलाल मीणा, डॉ.चेतन मीणा, डॉ.ममता बजाड़ ओर डॉ.मोहम्मद अजीज शामिल है।
डॉ.दुलारा ने बच्चो की मोत पर कहना है कि जो बच्चे यहां पर बाहर से रेफर होकर आए है वह ठंड का शिकार हुये है।बच्चो की मौत के आंकड़े के बारे में बताया कि दिसंबर ओर जनवरी में110 बच्चो की मौत हो चुकी है।
Conclusion:बच्चो की मौत हाईफ़ोथर्मिया से हुई:-
दुलारा ने बताया कि डेथ ऑडिट कमेटी बनाई है जिसमे दोनो डिपार्टमेंट के एचओडी उसमे काम कर रहे है।जिसमे जिस रोगी की मौत होती है उसकी पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है।
डॉ.दुलारा ने बच्चो की मौत पर कहा कि वर्तमान में जितने भी बच्चे यहां पर मौत हुई है वह सब हाईफ़ोथर्मिया के शिकार थे।
बाईट-डॉ.सुरेशचंद्र दुलारा,अधीक्षक, जेकेलोन अस्पताल
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