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ब्लैक फंगस संक्रमण: एमबीएस अस्पताल में भर्ती हुए अब तक 56 मरीज, 40 का उपचार जारी... 5 की मौत भी हुई - कोटा में ब्लैक फंगस से मौत

कोरोना महामारी से छुटकारा मिल नहीं पाया कि ब्लैक फंगस ने पांव पसारना शुरू कर दिया है. कोटा जिले में अब तक ब्लैक फंगस के 56 मरीज सामने आए हैं. वहीं इससे अब तक 5 मरीजों की मौत हो चुकी है. जिसको देखते हुए कोटा के एमबीएस अस्पताल में डेडीकेटेड वार्ड शुरू किया गया है.

Black Fungus in Kota, Black Fungus Ward in Kota Medical College
कोटा में बढ़ रहा ब्लैक फंगस का कहर
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Published : May 28, 2021, 12:49 PM IST

कोटा. कोविड-19 का असर कम हुआ है, लेकिन उसके साथ ही ब्लैक फंगस संक्रमण महामारी भी अपनी जड़ें जमा रही है. कोटा के एमबीएस अस्पताल में डेडीकेटेड वार्ड शुरू किया गया है. जिसके फुल हो जाने के बाद एक और वार्ड मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने शुरु करवा दिया है. जिसमें भी अभी एक दो मरीजों को भर्ती किया गया है. साथ ही लगातार मरीज भी सामने आ रहे हैं.

कोटा में बढ़ रहा ब्लैक फंगस का कहर

मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के अनुसार अब तक 56 मरीज यहां पर भर्ती हो चुके हैं. वहीं वर्तमान में करीब 40 मरीज एमबीएस अस्पताल में उपचार करवा रहे हैं. इनमें से 5 मरीजों की मौत चार के दौरान हुई है. हालांकि निजी अस्पताल भी ब्लैक फंगल महामारी के मरीजों के ऑपरेशन कर रहे हैं. साथ ही निजी अस्पतालों में हुई मरीजों का रिकॉर्ड भी अभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पास नहीं है.

निजी अस्पताल में करवाया ऑपरेशन, दवा नहीं मिली तो सरकारी में हुए भर्ती

एमबीएस अस्पताल के ब्लैक फंगस वार्ड में 10 मरीज ऐसे भी भर्ती हैं, जिन्होंने कोटा शहर के निजी अस्पतालों में ब्लैक फंगस का ऑपरेशन करवाया, लेकिन उसके बाद लगने वाला एंफोटरइसिन बी इंजेक्शन उन्हें वहां नहीं मिल पा रहा था. इसके चलते निजी अस्पतालों ने उन्हें सरकारी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. जिसके बाद वे एमबीएस अस्पताल में अच्छा उपचार ले रहे हैं. हालांकि अभी भी दवाओं का टोटा बना हुआ है. चिकित्सकों का कहना है कि यहां पर एक मरीज को 4 से 5 सौ इंजेक्शन चाहिए होते हैं. जबकि सरकारी सप्लाई में ही 50 इंजेक्शन उन्हें मिले हैं. ऐसे में यह भर्ती 40 मरीजों के लिए कम हैं.

इन 5 मरीजों की हुई है मौत, झालावाड़ के ज्यादा

एमबीएस अस्पताल में भर्ती हुए 5 मरीजों की मौत बीते 2 दिनों में हो चुकी है. इनमें से 2 मरीज ब्लैक फंगस पॉजिटिव थे. इनमें विमलेश और महावीर ब्लैक फंगस के लिए डेडीकेटेड वार्ड में ही भर्ती थे. वहीं दो मरीज ऐसे हैं, जिनके अस्पताल में भर्ती होने के बाद ही मौत हो गई. उनकी जांचें चिकित्सक नहीं करवा पाए थे. उन्हें चिकित्सकों ने संदिग्ध माना है. इनमें हरिराम और पृथ्वी सिंह शामिल हैं. एक मरीज महिला मरीज लाजवंती की भी उपचार के दौरान मौत एमबीएस अस्पताल में हुई थी. यह पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में भर्ती थी. इनमें से 3 मरीज झालावाड़ जिले के रहने वाले हैं.

लगातार हो रहे हैं मरीजों के ऑपरेशन

ईएनटी के प्रोफेसर डॉ. राजकुमार जैन ने बताया कि ब्लैक फंगस इन्फेक्शन के लिए एक डेडीकेटेड बोर्ड मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने बनाया हुआ है. वह सभी चिकित्सक एक साथ मिलकर दो राउंड लेते हैं. साथ ही मरीजों की स्थिति के अनुसार उन्हें उपचार और सुझाव भी दे रहे हैं. प्रत्येक ब्लैक फंगस इंफेक्शन के मरीज को बोर्ड के अनुसार ही ऑपरेशन की प्लानिंग भी की जाती है और लगातार एमबीएस अस्पताल में मरीजों के ऑपरेशन भी हो रहे हैं.

कोटा. कोविड-19 का असर कम हुआ है, लेकिन उसके साथ ही ब्लैक फंगस संक्रमण महामारी भी अपनी जड़ें जमा रही है. कोटा के एमबीएस अस्पताल में डेडीकेटेड वार्ड शुरू किया गया है. जिसके फुल हो जाने के बाद एक और वार्ड मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने शुरु करवा दिया है. जिसमें भी अभी एक दो मरीजों को भर्ती किया गया है. साथ ही लगातार मरीज भी सामने आ रहे हैं.

कोटा में बढ़ रहा ब्लैक फंगस का कहर

मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के अनुसार अब तक 56 मरीज यहां पर भर्ती हो चुके हैं. वहीं वर्तमान में करीब 40 मरीज एमबीएस अस्पताल में उपचार करवा रहे हैं. इनमें से 5 मरीजों की मौत चार के दौरान हुई है. हालांकि निजी अस्पताल भी ब्लैक फंगल महामारी के मरीजों के ऑपरेशन कर रहे हैं. साथ ही निजी अस्पतालों में हुई मरीजों का रिकॉर्ड भी अभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पास नहीं है.

निजी अस्पताल में करवाया ऑपरेशन, दवा नहीं मिली तो सरकारी में हुए भर्ती

एमबीएस अस्पताल के ब्लैक फंगस वार्ड में 10 मरीज ऐसे भी भर्ती हैं, जिन्होंने कोटा शहर के निजी अस्पतालों में ब्लैक फंगस का ऑपरेशन करवाया, लेकिन उसके बाद लगने वाला एंफोटरइसिन बी इंजेक्शन उन्हें वहां नहीं मिल पा रहा था. इसके चलते निजी अस्पतालों ने उन्हें सरकारी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. जिसके बाद वे एमबीएस अस्पताल में अच्छा उपचार ले रहे हैं. हालांकि अभी भी दवाओं का टोटा बना हुआ है. चिकित्सकों का कहना है कि यहां पर एक मरीज को 4 से 5 सौ इंजेक्शन चाहिए होते हैं. जबकि सरकारी सप्लाई में ही 50 इंजेक्शन उन्हें मिले हैं. ऐसे में यह भर्ती 40 मरीजों के लिए कम हैं.

इन 5 मरीजों की हुई है मौत, झालावाड़ के ज्यादा

एमबीएस अस्पताल में भर्ती हुए 5 मरीजों की मौत बीते 2 दिनों में हो चुकी है. इनमें से 2 मरीज ब्लैक फंगस पॉजिटिव थे. इनमें विमलेश और महावीर ब्लैक फंगस के लिए डेडीकेटेड वार्ड में ही भर्ती थे. वहीं दो मरीज ऐसे हैं, जिनके अस्पताल में भर्ती होने के बाद ही मौत हो गई. उनकी जांचें चिकित्सक नहीं करवा पाए थे. उन्हें चिकित्सकों ने संदिग्ध माना है. इनमें हरिराम और पृथ्वी सिंह शामिल हैं. एक मरीज महिला मरीज लाजवंती की भी उपचार के दौरान मौत एमबीएस अस्पताल में हुई थी. यह पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में भर्ती थी. इनमें से 3 मरीज झालावाड़ जिले के रहने वाले हैं.

लगातार हो रहे हैं मरीजों के ऑपरेशन

ईएनटी के प्रोफेसर डॉ. राजकुमार जैन ने बताया कि ब्लैक फंगस इन्फेक्शन के लिए एक डेडीकेटेड बोर्ड मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने बनाया हुआ है. वह सभी चिकित्सक एक साथ मिलकर दो राउंड लेते हैं. साथ ही मरीजों की स्थिति के अनुसार उन्हें उपचार और सुझाव भी दे रहे हैं. प्रत्येक ब्लैक फंगस इंफेक्शन के मरीज को बोर्ड के अनुसार ही ऑपरेशन की प्लानिंग भी की जाती है और लगातार एमबीएस अस्पताल में मरीजों के ऑपरेशन भी हो रहे हैं.

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