कोटा. शहर के महावीर नगर क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में ब्लैक फंगस इंफेक्शन (Black Fungus In Kota) से पीड़ित मरीजों के एंफोटरइसिन-बी इंजेक्शन (Amphotericin-B Injection) लगने के बाद साइड इफेक्ट होने की जानकारी सामने आते ही हड़कंप मच गया. इंजेक्शन लगने के बाद मरीजों का बीपी (Blood Pressure) कम हो गया और पीठ में कंपन की शिकायत भी आई. साथ ही मरीजों में घबराहट शुरू हो गई.
जिसके बाद उन्हें दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया गया. इस पर ड्रग कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (Drug Control Organization) ने जांच शुरू कर दी है और मंगलवार को जांच टीम अस्पताल पहुंची, जहां पर इन आवश्यक नमूने भी लिए गए. ड्रग कंट्रोल ऑफिसर उमेश मुखिया ने बताया कि ड्रग कंट्रोलर राजस्थान राजाराम शर्मा ने निर्देशित किया था कि इस बारे में उन्हें शिकायत मिली है. इस शिकायत पर संज्ञान लेने के बाद नमूने ले लिए गए हैं और इन्हें जांच के लिए लेबोरेटरी में भिजवाया जाएगा. जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर प्रहलाद मीणा के नेतृत्व में ड्रग कंट्रोल ऑफिसर उमेश मुखिजा, डॉ. संदीप कुमार कैले, रोहिताश नागर और ओम प्रकाश चौधरी की टीम ने बताया कि एंफोटरइसिन-बी का इंजेक्शन की 100 डोज अस्पताल के मेडिकल स्टोर में सप्लाई हुई थी. जीएसटी के अतिरिक्त 4085 रुपये में इनकी सप्ताई अस्पताल को गई थी. वहीं इसकी एमआरपी 4450 रुपए है. इंजेक्शन पर दी गई जानकारी के अनुसार ये हिमाचल के काला अंब में निर्मित है.
कोटा में अहमदाबाद की एक फर्म ने बेचे थे जिसके बाद ये इंजेक्शन कोटा की जीएन फार्मा डिस्ट्रीब्यूटर घटोत्कच सर्किल बालाजी मार्केट को सप्लाई हुए. यहां से एस्पिरा इंटरप्राइजेज विज्ञान नगर और बाद में अस्पताल को सप्लाई हुए. हालांकि अभी ड्रग कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन को हिमाचल से अहमदाबाद सप्लाई की जानकारी से संबंधित कागजात नहीं मिले हैं. फिलहाल, अस्पताल के मेडिकल स्टोर पर ही इंजेक्शन के नमूने लिए गए हैं. इसके अलावा दोनों पर फर्मों को इंजेक्शन की सप्लाई रोकने के निर्देश दिए हैं.
5 मरीजों को लगे थे 19 इंजेक्शन
अस्पताल में भर्ती पांच मरीजों को ये इंजेक्शन लगाए गए थे. उनमें मधु, मुकुट बिहारी शर्मा, कमल विजय, राजमल और योगिता जैन शामिल हैं. इन सभी का ब्लैक फंगस से संक्रमित होने की वजह से ऑपरेशन हुआ था जिसके बाद इस इंजेक्शन की डोज दी गई थी. इसके बाद ही सभी की तबीयत बिगड़ गई और इनमें से 4 मरीजों को तो 4-4 और एक मरीज को इंजेक्शन की तीन डोज लगाई गई थी. ऐसे में 19 इंजेक्शन का उपयोग किया गया था, जबकि अस्पताल में 100 इंजेक्शन सप्लाई हुए थे. ऐसे में 81 इंजेक्शन अभी भी अस्पताल के मेडिकल स्टोर में थे, जिनमें से 80 इंजेक्शन सीज कर लिए गए हैं.