कोटा. हरिओम नगर कच्ची बस्ती निवासी महेंद्र कुमार के घर जब एक करोड़ का बिल पहुंचा तो उनकी आंखें फटी की फटी रह गईं. इस बिल में उनके घर पर बीते एक माह में 1167890 यूनिट का उपभोग दिखाया गया था. इसमें नियत तिथि तक बिल 99,45,318 रुपए (KEDL sent bill of one crore to the consumer) था और अंतिम तारीख 23 मार्च थी जिसके बाद यह राशि बढ़कर 1,01,31,312 रुपये हो जानी थी.
कोटा शहर के रंगबाड़ी इलाके में नगर बस्ती रहने वाले उपभोक्ता को जब एक करोड़ का बिजली का बिल मिला तो उसके घर के सारे लोग चौक गए. उन्होंने घर के पंखे और लाइट से लेकर अन्य उपकरण भी चालू करना बंद कर दिया. हालात ऐसे हो गए कि परिजन परेशान हो गए और आसपास के लोग भी बिल देखकर चौक जा रहे थे. उन्होंने बिजली कार्मिकों को बिल दिखाया तो उन्होंने कहा कि इसकी जांच की जाएगी लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया.
उपभोक्ता महेंद्र कुमार का कहना है कि उनका 20X30 का दो मंजिला मकान है जिसमें 6 कमरे हैं. एक भी कूलर नहीं है. उनका पैर बीते 10 सालों से फ्रैक्चर है और वह पूरी तरह से बेड रेस्ट पर हैं. मकान में मजदूरी करने वाले किराएदार रहते हैं. ऐसे में इतना बिल आने का सवाल ही नहीं उठता है.
निजी बिजली कंपनी कोटा इलेक्ट्रिसिटी डिसटीब्यूशन लिमिटेड के खिलाफ आंदोलन चला रहे हिम्मत सिंह हाड़ा इस परिवार के साथ आ गए हैं. उन्होंने कहा कि दोषी कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. इस बिल को तुरंत दुरुस्त करने की बात भी कही है. उनका कहना है कि इस तरह से उपभोक्ताओं को डराया और धमकाया भी जाता है. उनको ज्यादा बिल भेज दिया जाता है और फिर कम करने के नाम पर उनके बिल से उपयोग की गई बिजली से ज्यादा राशि वसूल ली जाती है.
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दूसरी तरफ, निजी बिजली कंपनी के कमर्शियल हेड रविशंकर शुक्ला का कहना है कि यह बिल गलती से जारी हो गया है. इसे क्वालिटी चेक में तुरंत पकड़ लेना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया जा सका. इस बारे में भी जांच करवाई जाएगी और तुरंत इसका रिवाइज बिल जारी करवा दिया. यह जानकारी भी होली के बाद ही पता चल पाएगी. हालांकि उपभोक्ता को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, उसे बिल जमा कराने की लास्ट डेट भी 23 मार्च है. ऐसे में उपभोक्ताओं को परेशानी भी नहीं होगी.
1167890 यूनिट का बिल थमा दिया
हरिओम नगर निवासी उपभोक्ता महेंद्र कुमार को यह बिल 12 मार्च 2022 को जारी हुआ है. यह 1 महीने का बिल है, जबकि उनके यहां पर औसत बिल ही करीब 70 से लेकर 310 यूनिट का आता है. फरवरी के उपभोग का जारी बिल में पिछली रीडिंग 16938 थी, जबकि इस बार की रीडिंग 1184828 बिल में दर्शाई गई है. ऐसे में उसको 1167890 यूनिट का बिल भेज दिया गया है जिसकी राशि 99 लाख 45 हजार 318 रुपए का है. इसकी जमा कराने की अंतिम तिथि 23 मार्च है और उसके बाद में 1 करोड़ 1 लाख 31 हजार 312 रुपए का बिल होगा. जबकि महेंद्र कुमार का बिल 1500 से लेकर 4000 रुपए तक आता है.
बिल देने में गलती, फिर कंप्यूटर ने क्या देखा?
निजी बिजली कंपनी केईडीएल के प्रतिनिधियों का कहना है कि कहीं रीडिंग गलत सिस्टम में चल गई होगी. इसके चलते ही ज्यादा राशि का बिल जारी हो गया है. इसको दुरुस्त करवाया जाएगा और उपभोक्ता को तुरंत राहत दी जाएगी. हालांकि केईडीएल दावे करती है और उन्हें व्यवस्था को दुरुस्त रखने की बात करती है, लेकिन जब कंप्यूटर में यह बिल चढ़ा तो कंपनी को जानकारी मिलनी चाहिए थी. इसी तरह अचानक किसी उपभोक्ता का बिल बढ़ जाता है. उन्हें बिल जारी करने के पहले देखना भी चाहिए.