कोटा. जिले में बैराज से अभी भी लाखों क्यूसेक पानी की निकासी चंबल नदी में हो रही है. डाउन स्ट्रीम में तेज गति से चंबल नदी का पानी भर रहा है. वहीं बच्चे, लड़कियों समेत सैकड़ों लोग जान जोखिम में डालकर मछली पकड़ते हैं. ये लोग अपने जाल और कांटे लेकर चंबल के किनारों पर बैठे रहते हैं.
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जल संसाधन विभाग के अभियंताओं ने इनकी कई बार शिकायत की है. लेकिन अभी तक कोई कठोर कार्रवाई नहीं हुई है. जिस कारण मछली पकड़ने वाले लोगों का हौसला बुलंद है. कोटा बैराज से पानी छोड़ने पर चंबल नदी की डाउन स्ट्रीम में मछलियां बहकर पहुंच जाती है. जिससे सैकड़ों की संख्या में मछलियों के शिकार करने वाले लोगों की भीड़ यहां जम जाती है.
बैराज पर लगे अभियंताओं का कहना है कि वे जब भी बैराज के गेट खोलते हैं. इसके पहले सायरन बजाकर लोगों का आगह करते हैं. साथ ही पुलिस कंट्रोल रूम को भी सूचना देते हैं. लेकिन मछली पकड़ने वाले लोगों को किसी का डर नहीं है. वे बेखौफ होकर मछली पकड़ने के लिए चंबल के डाउनस्ट्रीम में पहुंच जाते हैं. जहां चट्टान के सहारे यह बैठे रहते हैं. हालात ऐसे रहते हैं कि किसी भी समय पानी के बहाव से इन्हें नुकसान हो सकता है. हादसे में इनकी जान भी जा सकती है.