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जीवित व्यक्ति को मृत घोषित कर बंद की पेंशन, पीड़ित विभाग के काट रहा चक्कर

कोटा में एक जीवित पेंशनर को मृत घोषित कर मुख्यमंत्री पेंशन योजना के तहत दी जाने वाली पेंशन बंद कर दी. इस पर बुजुर्ग को पेंशन वापस चालू करवाने के लिए विभाग के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. इस पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

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Published : Aug 9, 2020, 4:39 AM IST

Kota Latest News, Pension Department Negligence
जीवित व्यक्ति को मृत घोषित कर बंद की पेंशन

कोटा. मुख्यमंत्री पेंशन योजना के तहत दी जाने वाली पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग की घोर लापरवाही सामने आई है. विभाग ने जीवित पेंशनर को मृत घोषित कर पेंशन रोक दी है. मामला शहर के नगर निगम के वार्ड 47 के निवासी रमेश चंद झमटानी का है. 63 वर्षीय रमेश ने सितम्बर 2019 को पेंशन के लिए सत्यापन करवाया था. उसके बाद 16 अगस्त 2019 को भुगतान किया गया, लेकिन 27 जनवरी 2020 से ही रमेश की पेंशन बंद कर दी गई.

जीवित व्यक्ति को मृत घोषित कर बंद की पेंशन

बुजुर्ग रमेशचंद्र कोरोना के चलते लॉकडाउन लग जाने से विभाग तक नहीं पहुच पाया. अनलॉक के बाद रमेश ने निगम में पेंशन रोकने की जानकारी मांगी, लेकिन निगम ने रमेश की पेंशन बंद होने की वजह नहीं बताई. वहीं कलेक्ट्रेट में पता करने पर पेंशन रोके जाने का कारण रमेश की मृत्यु होना बताया. जब रमेश अपने मूल दस्तावेजों को प्रस्तुत किया, तब जाकर अधिकारियों की आंखें खुली.

पढ़ें- बूंदी में बीच-बचाव करना युवक को पड़ा भारी, मारपीट में गई जान

सरकारी बैंक में इस तरह की लापरवाही बहुत बड़ा गंभीर मामला बनता है. बता दें कि जूते के शोरूम पर हेल्पर का काम करने वाले रमेश ने विगत दिनों आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन अब उसे दोबारा वृद्ध को पेंशन मिलने की आस जगी है.

कोटा. मुख्यमंत्री पेंशन योजना के तहत दी जाने वाली पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग की घोर लापरवाही सामने आई है. विभाग ने जीवित पेंशनर को मृत घोषित कर पेंशन रोक दी है. मामला शहर के नगर निगम के वार्ड 47 के निवासी रमेश चंद झमटानी का है. 63 वर्षीय रमेश ने सितम्बर 2019 को पेंशन के लिए सत्यापन करवाया था. उसके बाद 16 अगस्त 2019 को भुगतान किया गया, लेकिन 27 जनवरी 2020 से ही रमेश की पेंशन बंद कर दी गई.

जीवित व्यक्ति को मृत घोषित कर बंद की पेंशन

बुजुर्ग रमेशचंद्र कोरोना के चलते लॉकडाउन लग जाने से विभाग तक नहीं पहुच पाया. अनलॉक के बाद रमेश ने निगम में पेंशन रोकने की जानकारी मांगी, लेकिन निगम ने रमेश की पेंशन बंद होने की वजह नहीं बताई. वहीं कलेक्ट्रेट में पता करने पर पेंशन रोके जाने का कारण रमेश की मृत्यु होना बताया. जब रमेश अपने मूल दस्तावेजों को प्रस्तुत किया, तब जाकर अधिकारियों की आंखें खुली.

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सरकारी बैंक में इस तरह की लापरवाही बहुत बड़ा गंभीर मामला बनता है. बता दें कि जूते के शोरूम पर हेल्पर का काम करने वाले रमेश ने विगत दिनों आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन अब उसे दोबारा वृद्ध को पेंशन मिलने की आस जगी है.

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