कोटा. नए साल के मौके पर कोटा ग्रामीण पुलिस ने अपनी उपलब्धियां बताने और पिछले पूरे साल का लेखा-जोखा मीडिया के सामने आज पेश किया. इसके साथ ही कोटा ग्रामीण एसपी शरद चौधरी ने कहा कि इस बार के नए साल में शराब पीने वाले पुलिसकर्मियों पर भी कार्य किया जाएगा और उन्हें क्लीनिकल उपचार के साथ शराब के सेवन से रोकने का प्रयास किया जाएगा.
एसपी चौधरी ने मीडिया से कहा कि जिले भर में जो भी इस तरह का व्यसन करने वाला पुलिसकर्मी होगा, जो लगातार शराब पी रहा है, उसकी पहचान की जाएगी, इसके बाद उसे प्रोफेशनल तरीके से डॉक्टर से लगाकर उसके व्यसन को दूर किया जाएगा. उसकी काउंसलिंग की जाएगी और उसे मुक्ति दिलाई जाएगी. इसके लिए उन्हें एक सेंटर तैयार करना होगा, जो कि कोटा ग्रामीण पुलिस में होगा. वहां पर पुलिस कार्मिकों को कई दिनों तक लगातार 24 घंटे की एक्टिविटी करवाई जाएगी. उनका पूरा प्रोफेशनल इलाज उन्हें दिया जाएगा. क्योंकि, ऐसे कई लोग हैं, जो कई सालों से शराब पी रहे हैं उनके अंदर व्यसन की कमजोरी हो गई है. इसके चलते उनका मोरल भी डिमोरलाइज हो रहा है.
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पेंडेंसी खत्म करने में अव्वल रही है कोटा ग्रामीण पुलिस
ग्रामीण एसपी सौरभ चौधरी ने बताया कि राजस्थान के सभी जिलों में कोटा ग्रामीण पुलिस को पेंडेंसी खत्म करने में पहला स्थान मिला है. कोटा में केवल 5 फ़ीसदी ही पेंडेंसी है. जबकि, जो अन्य जिले हैं, वहां पर 40 से 42 फ़ीसदी तक पेंडेंसी है. दूसरी तरफ कंप्यूटराइजेशन की प्रक्रिया जो राजस्थान पुलिस में चल रही है और एफआईआर, केस डायरी को ऑनलाइन करने का काम भी हमने किया है. इसमें भी कोटा ग्रामीण पुलिस अव्वल प्रदेश में रहा है. एसपी चौधरी ने बताया कि एक्सीडेंट मृतक और घायलों की संख्या कम करने पर भी हमने अंकुश लगाया है. कोटा ग्रामीण पूरे जिले में 20 से 25 फ़ीसदी तक दुर्घटनाओं में कमी आई है. घायलों की संख्या भी कम हुई है.
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2020 का कोई बड़ा मामला नहीं, जिसका खुलासा बाकी हो
इसके अलावा कोविड-19 में सभी राजस्थान पुलिस के जिलों ने अच्छा काम किया है. कोटा ग्रामीण पुलिस भी इसमें शामिल रही है. अपराधों की संख्या 2020 में 2019 की अपेक्षा 3 फ़ीसदी कम हुई है. यह पूरे राजस्थान में औसत से है. क्योंकि 3 महीने कोविड-19 के चलते सब कुछ बंद था. जितने भी मुख्य केस हैं. वह भी कोटा ग्रामीण पुलिस ने पूरे वर्कआउट किए हैं. इसके अलावा 2020 का कोई भी महत्वपूर्ण केस में अनुसंधान पेंडिंग और खुलासा होना बाकी नहीं है. पुलिस मुख्यालय से भी जो उपलब्धियां मिली है, उन पर भी अब काम किया जा रहा है.