कोटा. जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्रसूता वार्ड के हालातों को पहले भी प्रकाशित किया जा चुका है लेकिन, अभी तक हालत जस के तस बने हुए हैं. हालांकि खबर प्रकाशन के बाद मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल और अधीक्षक ने दौरा कर हालात जाने थे, जिसके बाद पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने एक नया वार्ड बनाने को कहा था. उसके बाद वार्ड तो बन कर तैयार हो गया लेकिन, अभी तक अस्पताल प्रशासन को नहीं दिया. जिससे हालात जस के तस बने रहने से भर्ती महिलाओं को परेशानियां झेलनी पड़ रही है.
दीगोद कस्बे से आई पीड़िता के परिजनों ने बताया कि सुबह ही डिलवरी हुई थी लेकिन, पलंग नहीं होने से नीचे जमीन पर भर्ती कर दिया गया, जिससे आने जाने वालों से काफी परेशानी आ रही है और इसके साथ ही गलन ओर ठंडी हवा आने से बच्चे को निमोनिया होने का भी डर बना रहता है.
बूंदी के डाबी क्षेत्र से आई बाली बाई के परिजनों का कहना है कि डिलवरी होने के बाद जमीन पर लेटा दिया, जब अस्पताल के स्टाफ से पलंग की बात हुई तो उनका कहना है कि पलंग खाली होने के बाद दिया जायेगा. नीचे जमीन पर काफी परेशानी आ रही है.
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अभी प्रसूता वार्ड में सिर्फ 20 बेड उपलब्ध है, जब उनमें से किसी की छुट्टी होती है तब दूसरे को दिया जाता है. हालांकि, पीडब्ल्यूडी ने एक नया प्रसूता वार्ड बना दिया लेकिन अभी तक अस्पताल प्रशासन को नहीं दिया.