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कोटा मेडिकल कॉलेज जूझ रहा बेड की कमी से, प्रसूताएं जमीन पर लेटने को मजबूर

कोटा के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रसूता वार्ड में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है. वहीं बेड कम होने से प्रसूताओं को बच्चे सहित जमीन पर भर्ती कर दिया जा रहा है. हालांकि अस्पताल में पीडब्ल्यूडी के माध्यम से एक 35 बेड का नया वार्ड बनाया हुआ है. परंतु उसको अभी तक अस्पताल को सुपुर्द नहीं किया गया है.

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Published : Jan 8, 2020, 7:56 PM IST

kota news, कोटा न्यूज
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के गायनी वार्ड में है बेड की कमी

कोटा. जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्रसूता वार्ड के हालातों को पहले भी प्रकाशित किया जा चुका है लेकिन, अभी तक हालत जस के तस बने हुए हैं. हालांकि खबर प्रकाशन के बाद मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल और अधीक्षक ने दौरा कर हालात जाने थे, जिसके बाद पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने एक नया वार्ड बनाने को कहा था. उसके बाद वार्ड तो बन कर तैयार हो गया लेकिन, अभी तक अस्पताल प्रशासन को नहीं दिया. जिससे हालात जस के तस बने रहने से भर्ती महिलाओं को परेशानियां झेलनी पड़ रही है.

मेडिकल कॉलेज अस्पताल के गायनी वार्ड में है बेड की कमी

दीगोद कस्बे से आई पीड़िता के परिजनों ने बताया कि सुबह ही डिलवरी हुई थी लेकिन, पलंग नहीं होने से नीचे जमीन पर भर्ती कर दिया गया, जिससे आने जाने वालों से काफी परेशानी आ रही है और इसके साथ ही गलन ओर ठंडी हवा आने से बच्चे को निमोनिया होने का भी डर बना रहता है.

पढ़ें- नारा हम हिंदुस्तान का दे रहे हैं, और बच्चों का जीवन बचाने के लिए चाइनीज सामान खरीद रहे हैं : रघु शर्मा

बूंदी के डाबी क्षेत्र से आई बाली बाई के परिजनों का कहना है कि डिलवरी होने के बाद जमीन पर लेटा दिया, जब अस्पताल के स्टाफ से पलंग की बात हुई तो उनका कहना है कि पलंग खाली होने के बाद दिया जायेगा. नीचे जमीन पर काफी परेशानी आ रही है.

मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अभी प्रसूता वार्ड में सिर्फ 20 बेड उपलब्ध है, जब उनमें से किसी की छुट्टी होती है तब दूसरे को दिया जाता है. हालांकि, पीडब्ल्यूडी ने एक नया प्रसूता वार्ड बना दिया लेकिन अभी तक अस्पताल प्रशासन को नहीं दिया.

कोटा. जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्रसूता वार्ड के हालातों को पहले भी प्रकाशित किया जा चुका है लेकिन, अभी तक हालत जस के तस बने हुए हैं. हालांकि खबर प्रकाशन के बाद मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल और अधीक्षक ने दौरा कर हालात जाने थे, जिसके बाद पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने एक नया वार्ड बनाने को कहा था. उसके बाद वार्ड तो बन कर तैयार हो गया लेकिन, अभी तक अस्पताल प्रशासन को नहीं दिया. जिससे हालात जस के तस बने रहने से भर्ती महिलाओं को परेशानियां झेलनी पड़ रही है.

मेडिकल कॉलेज अस्पताल के गायनी वार्ड में है बेड की कमी

दीगोद कस्बे से आई पीड़िता के परिजनों ने बताया कि सुबह ही डिलवरी हुई थी लेकिन, पलंग नहीं होने से नीचे जमीन पर भर्ती कर दिया गया, जिससे आने जाने वालों से काफी परेशानी आ रही है और इसके साथ ही गलन ओर ठंडी हवा आने से बच्चे को निमोनिया होने का भी डर बना रहता है.

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बूंदी के डाबी क्षेत्र से आई बाली बाई के परिजनों का कहना है कि डिलवरी होने के बाद जमीन पर लेटा दिया, जब अस्पताल के स्टाफ से पलंग की बात हुई तो उनका कहना है कि पलंग खाली होने के बाद दिया जायेगा. नीचे जमीन पर काफी परेशानी आ रही है.

मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अभी प्रसूता वार्ड में सिर्फ 20 बेड उपलब्ध है, जब उनमें से किसी की छुट्टी होती है तब दूसरे को दिया जाता है. हालांकि, पीडब्ल्यूडी ने एक नया प्रसूता वार्ड बना दिया लेकिन अभी तक अस्पताल प्रशासन को नहीं दिया.

Intro:सम्भाग के सबसे बड़े अस्पताल में प्रसव होने के बाद महिलाओं को जमीन पर भर्ती कर दिया जाता है।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के गायनी वार्ड में है बेड की कमी से महिलाओं व नवजात शिशुओं को होता है सर्दी से निमोमिया होने का डर।

कोटा के मेडिकल कालेज अस्पताल में प्रसूता वार्ड में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है।वही बेड कम होने से प्रसूताओं को बच्चे सहित जमीन पर भर्ती कर दिया जा रहा है।हालांकि अस्पताल में पीडब्ल्यूडी के माध्य्म से एक 35 बेड का नया वार्ड बनाया हुआ है।परंतु उसको अस्पताल को सुपुर्द नही किया।

Body:कोटा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्रसूता वार्ड के हालातों को पहले भी प्रकाशित कर चुके है लेकिन अभी तक हालत जस के तस बने हुए है।हालांकि खबर प्रकाशन के बाद मेडिकल कालेज प्रिंसिपल व अधीक्षक ने दौरा कर हालात जाने थे।इसके बाद पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने एक नया वार्ड बनाने को कहा।उसके बाद वार्ड तो बन कर तैयार हो गया लेकिन अभी तक अस्पताल प्रशासन को नही दिया।जिससे हालात जस के तस बने रहने से भर्ती महिलाओं को परेशानिया झेलनी पड़ रही है।
दीगोद कस्बे से आई पीड़िता के परिजनों ने बताया कि सुबह ही डिलवरी हुई थी लेकिन पलंग नही होने से नीचे जमीन पर भर्ती कर दिया जिससे आने जाने वालों से काफी परेशानी आ रही है।और इसके साथ ही गलन ओर ठंडी हवा आने से बच्चे को निमोनिया होने का भी डर बना रहता है।बूंदी के डाबी क्षेत्र से आई बाली बाई के परिजनों का कहना है कि डिलवरी होने के बाद जमीन पर लेटा दिया जब अस्पताल के स्टाफ से पलंग की बात हुई तो उनका कहना है कि पलंग खाली होने के बाद दिया जायेग।नीचे जमीन पर काफी परेशानी आ रही है।
Conclusion:मेडिकल कालेज अस्पताल में अभी प्रसूता वार्ड में सिर्फ20 बेड उपलब्ध है जब इनमे किसी की छुट्टी होती है तब दूसरे को दिया जाता है।हालांकि पीडब्ल्यूडी ने एक नया प्रसूता वार्ड बना दिया लेकिन अभी तक अस्पताल प्रशासन को नही दिया।
बाईट ,राममूर्ति बाई,पीड़िता माँ
बाईट-मनोहर बाई,पीड़िता, सास
पीटीसी-त्रिभुवन सोलंकी,कंट्रीब्यूटर, कोटा
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