कोटा. रिश्वत प्रकरण में एसीबी के शिकंजे में आए जिला प्रमुख सुरेन्द्र गुर्जर को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की विशेष अदालत में पेश किया गया. जहां से उसे कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है. अब 4 फरवरी को पुनः पेशी होगी.
एसीबी के जिला प्रमुख गुर्जर को कोर्ट में पेश कर देने के तुरंत बाद ही जमानत अर्जी भी दाखिल की गई थी. जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया है. हालांकि न्यायालय में पेश करने और जेल में भेजते समय भी जिला प्रमुख हंसता हुआ ही नजर आया. उसके चेहरे पर किसी तरह की कोई शिकन नहीं थी या फिर रिश्वत जैसे गंभीर आरोप होने के बावजूद भी निर्भीक ही नजर आया.
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कोटा जिला परिषद के बहुचर्चित रिश्वत प्रकरण में एसीबी सबूत जुटा रही है. बताया जा रहा है कि एसीबी ने जिला प्रमुख सुरेंद्र गुर्जर के खिलाफ पर्याप्त सबूत जुटा लिए हैं. उधर, आरोपी जिला प्रमुख के अधिवक्ताओं ने कोर्ट में जो जमानत अर्जी दाखिल की थी उसे खारिज कर दिया गया. इसके बाद फिर से भगवान वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय में बैचलर ऑफ आर्ट्स की फाइनल ईयर की परीक्षाओं का हवाला दिया गया जो 24 जनवरी से 8 मार्च तक होनी हैं, लेकिन न्यायालय ने इस अर्जी को भी खारिज कर दिया.
एसीबी बारां के निरीक्षक ज्ञान चंद मीणा ने बताया कि जिला प्रमुख और अन्य कार्मिकों के खिलाफ उन्होंने अभियोजन स्वीकृति मांगी है. जिसके मिलते ही जल्द ही रिश्वत के आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में पेश की जाएगी.
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गौरतलब है कि 13 दिसंबर 2019 को जिला प्रमुख के पीए चंद्र प्रकाश गुप्ता को 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए एसीबी ने गिरफ्तार किया था. इस मामले में जिला परिषद के कनिष्ठ सहायक कमलकांत वैष्णव को भी एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया था. वहीं, इस मामले में जिला प्रमुख की संलिप्तता सामने आने पर आज जिला प्रमुख सुरेंद्र गुर्जर को बारां एसीबी की टीम ने उनके कोटा स्थित सरकारी आवास से गिरफ्तार किया था.