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कोटा: राष्ट्रपति पदक से सम्मानित थानाधिकारी की कोरोना से मौत

कोटा मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को बूंदी के कापरेन थानाधिकारी बुद्धिप्रकाश नामा की कोरोना से मौत हो गई. अचानक से शुक्रवार को उनको सांस लेने में परेशानी हुई. जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया. जिसके बाद देर रात उन्होंने दम तोड़ दिया. बुद्धिप्रकाश नामा को राष्ट्रपति पदक भी मिल चुका था.

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बूंदी के कापरेन थानाधिकारी बुद्धिप्रकाश नामा की कोरोना से मौत
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Published : Sep 19, 2020, 3:41 AM IST

Updated : Sep 19, 2020, 8:35 AM IST

कोटा. बूंदी जिले के कापरेन थानाधिकारी की शुक्रवार को कोरोना से मौत हो गई है. थानाधिकारी बुद्धिप्रकाश नामा 8 सितंबर को कोरोना पॉजिटिव आए थे. जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए कोटा के मेडिकल कॉलेज के एसएमबी वॉर्ड में भर्ती करवाया गया था. जहां शुक्रवार देर रात उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई और जिसके चलते उनकी मौत हो गई. बुद्धिप्रकाश नामा को कार्यकुशलता के लिए राष्ट्रपति पदक भी मिल चुका था.

कोटा मेडिकल कॉलेज के कार्यवाहक अधीक्षक डॉ. एस.जेलिया ने बताया कि बुद्धिप्रकाश नामा की लगातार तबीयत खराब हो रही थी. डॉ. जेलिया ने बताया कि 12 सितंबर को कापरेन थानाधिकारी की पहली कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आ गई थी. लेकिन उसके बाद भी उनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं आया. उन्हें लगातार सांस लेने में परेशानी आ रही थी. जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया.

कोरोना काल में दिल खोल कर की लोगों की मदद

कापरेन थानाधिकारी बुद्धिप्रकाश नामा ने कोरोना के बाद लगे लॉकडाउन में काफी सराहनीय काम किए. वो जरूरतमंदो को उनके घरों तक छोड़ कर आना हो या फिर भूखों को खाना खिलाना हो बुद्धिप्रकाश हमेशा आगे रहते थे. वो 14 सितंबर 1985 को कोटा में पुलिस कांस्टेबल के रूप में भर्ती हुए थे. बुद्धिप्रकाश अपने नाम की तरह ही काम में भी होशियार थे. उनकी कार्यकुशलता को देखते हुए राष्ट्रपति पदक भी मिल चुका था. वह कोटा जिले के खेड़ा रसूलपुर के रहने वाले थे.

कोटा. बूंदी जिले के कापरेन थानाधिकारी की शुक्रवार को कोरोना से मौत हो गई है. थानाधिकारी बुद्धिप्रकाश नामा 8 सितंबर को कोरोना पॉजिटिव आए थे. जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए कोटा के मेडिकल कॉलेज के एसएमबी वॉर्ड में भर्ती करवाया गया था. जहां शुक्रवार देर रात उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई और जिसके चलते उनकी मौत हो गई. बुद्धिप्रकाश नामा को कार्यकुशलता के लिए राष्ट्रपति पदक भी मिल चुका था.

कोटा मेडिकल कॉलेज के कार्यवाहक अधीक्षक डॉ. एस.जेलिया ने बताया कि बुद्धिप्रकाश नामा की लगातार तबीयत खराब हो रही थी. डॉ. जेलिया ने बताया कि 12 सितंबर को कापरेन थानाधिकारी की पहली कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आ गई थी. लेकिन उसके बाद भी उनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं आया. उन्हें लगातार सांस लेने में परेशानी आ रही थी. जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया.

कोरोना काल में दिल खोल कर की लोगों की मदद

कापरेन थानाधिकारी बुद्धिप्रकाश नामा ने कोरोना के बाद लगे लॉकडाउन में काफी सराहनीय काम किए. वो जरूरतमंदो को उनके घरों तक छोड़ कर आना हो या फिर भूखों को खाना खिलाना हो बुद्धिप्रकाश हमेशा आगे रहते थे. वो 14 सितंबर 1985 को कोटा में पुलिस कांस्टेबल के रूप में भर्ती हुए थे. बुद्धिप्रकाश अपने नाम की तरह ही काम में भी होशियार थे. उनकी कार्यकुशलता को देखते हुए राष्ट्रपति पदक भी मिल चुका था. वह कोटा जिले के खेड़ा रसूलपुर के रहने वाले थे.

Last Updated : Sep 19, 2020, 8:35 AM IST

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