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जेईई एडवांस्ड प्रवेश परीक्षा में 30 फीसदी अंक पर भी मिला IIT में प्रवेश, 100 नम्बर पर भी मिल रही सीट

जेईई एडवांस्ड प्रवेश परीक्षा 28 अगस्त को आयोजित होगी. इस परीक्षा का पैटर्न परीक्षा के पहले घोषित नहीं किया जाता और ना ही प्रश्नों की संख्या, मार्किंग पैटर्न, पूर्णांक की जानकारी दी जाती है, लेकिन 30 फीसदी अंक लाने वाले विद्यार्थियों को भी इससे आईआईटी में प्रवेश मिल रहा है. हालांकि इसके लिए प्रश्न पत्र सॉल्व करने की तकनीक विद्यार्थी को अच्छे अंंक व रैंक दिला सकती है. पढ़िए ये रिपोर्ट...

JEE Advanced 2022, how to score maximum marks for entrance in IIT
जेईई एडवांस्ड प्रवेश परीक्षा में 30 फीसदी अंक पर भी मिला IIT में प्रवेश, 100 नम्बर पर भी मिल रही सीट
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Published : Aug 18, 2022, 8:56 PM IST

कोटा. देश के प्रतिष्ठित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की बेचलर ऑफ टेक्नोलॉजी, इंटीग्रेटेड एमटेक व डुएल डिग्री कोर्सेज में प्रवेश जेईई एडवांस्ड प्रवेश से होता है. इस साल परीक्षा का आयोजन 28 अगस्त को किया जाना (JEE Advanced 2022 exam date) है. बीते सालों के आंकड़ों के मुताबिक करीब डेढ़ लाख विद्यार्थी दोनों शिफ्ट के एग्जाम में बैठते हैं.

एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि नीट यूजी व जेईई मेन प्रवेश परीक्षाओं की तरह जेईई एडवांस्ड प्रवेश परीक्षा का पैटर्न परीक्षा के पहले घोषित नहीं किया जाता. प्रश्न पत्र में प्रश्नों की संख्या, मार्किंग पैटर्न, पूर्णांक किसी की भी जानकारी नहीं दी जाती है, लेकिन 30 फीसदी अंक लाने वाले विद्यार्थियों को भी एडवांस्ड से आईआईटी में प्रवेश मिल रहा (JEE Advanced marks) है. हालांकि एग्जाम में सफल होने के लिए विद्यार्थी की सजगता, मानसिक दृढ़ता व परिस्थिति अनुसार निर्णय लेने की क्षमता महत्वपूर्ण है. जेईई एडवांस्ड में सभी प्रश्नों को हल करने की प्रवृत्ति घातक सिद्ध हो सकती है. किन प्रश्नों को हल करना है और किन प्रश्नों को नहीं, यह चयन अत्यंत महत्वपूर्ण है.

पढ़ें: हर साल 1 लाख नॉन-एलिजिबल कैंडिडेट जेईई एडवांस्ड के लिए होते हैं क्वालीफाई

पहली से अंतिम रैंक में 250 अंको का अंतर: शर्मा ने बताया कि ज्वाइंट इंप्लीमेंटेशन कमेटी की पिछले 3 सालों की रिपोर्ट के आंकड़ों का विश्लेषण किया जाए, तो सामने आता है कि करीब 30 फीसदी अंक हासिल करने पर विद्यार्थी को आईआईटी संस्थानों में प्रवेश मिल जाता है. आईआईटी संस्थानों में बीटेक, इंटीग्रेटेड एमटेक व डुएल डिग्री कोर्सेज की लगभग 16 हजार सीटें हैं. इन आंकड़ों से यह साफ है कि ऑल इंडिया रैंक प्रथम प्राप्त करने वाले विद्यार्थी का अंक प्रतिशत लगभग 90 फीसदी के करीब है, जबकि कॉमन रैंक लिस्ट में 16001 ऑल इंडिया रैंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी का प्रतिशत लगभग 25 फीसदी के पास है.

पढ़ें: जेईई एडवांस्ड 2021 में ऑल इंडिया टॉपर रहा था परफेक्ट स्कोर से 12 अंक दूर, रिपोर्ट जारी

साल 2019 में यह अधिकतम 30.37 फीसदी था. जबकि 2020 में 23.74 व 2021 में 25.27 फीसदी रहा. ऐसे में जेईई 2022 की कॉमन रैंक लिस्ट (CRL) में प्रथम 16 हजार में स्थान लाने के लिए भी करीब 30 फीसदी से ज्यादा अंक लाने की आवश्यकता है. शर्मा ने बताया कि विद्यार्थी सकारात्मक मानसिकता व समर्पण के साथ जेईई एडवांस्ड 2022 में शामिल होने पर सफलता मिल सकती है.

पहली से अंतिम रैंक के स्टूडेंट्स में अंक व प्रतिशत में अंतर:

वर्षकुल अंकपहली रैंक (1)अंतिम रैंक (16001)
2021360348/96.6691/25.27
2020396352/88.8898/24.74
2019372346/93.00113/ 30.37

कोटा. देश के प्रतिष्ठित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की बेचलर ऑफ टेक्नोलॉजी, इंटीग्रेटेड एमटेक व डुएल डिग्री कोर्सेज में प्रवेश जेईई एडवांस्ड प्रवेश से होता है. इस साल परीक्षा का आयोजन 28 अगस्त को किया जाना (JEE Advanced 2022 exam date) है. बीते सालों के आंकड़ों के मुताबिक करीब डेढ़ लाख विद्यार्थी दोनों शिफ्ट के एग्जाम में बैठते हैं.

एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि नीट यूजी व जेईई मेन प्रवेश परीक्षाओं की तरह जेईई एडवांस्ड प्रवेश परीक्षा का पैटर्न परीक्षा के पहले घोषित नहीं किया जाता. प्रश्न पत्र में प्रश्नों की संख्या, मार्किंग पैटर्न, पूर्णांक किसी की भी जानकारी नहीं दी जाती है, लेकिन 30 फीसदी अंक लाने वाले विद्यार्थियों को भी एडवांस्ड से आईआईटी में प्रवेश मिल रहा (JEE Advanced marks) है. हालांकि एग्जाम में सफल होने के लिए विद्यार्थी की सजगता, मानसिक दृढ़ता व परिस्थिति अनुसार निर्णय लेने की क्षमता महत्वपूर्ण है. जेईई एडवांस्ड में सभी प्रश्नों को हल करने की प्रवृत्ति घातक सिद्ध हो सकती है. किन प्रश्नों को हल करना है और किन प्रश्नों को नहीं, यह चयन अत्यंत महत्वपूर्ण है.

पढ़ें: हर साल 1 लाख नॉन-एलिजिबल कैंडिडेट जेईई एडवांस्ड के लिए होते हैं क्वालीफाई

पहली से अंतिम रैंक में 250 अंको का अंतर: शर्मा ने बताया कि ज्वाइंट इंप्लीमेंटेशन कमेटी की पिछले 3 सालों की रिपोर्ट के आंकड़ों का विश्लेषण किया जाए, तो सामने आता है कि करीब 30 फीसदी अंक हासिल करने पर विद्यार्थी को आईआईटी संस्थानों में प्रवेश मिल जाता है. आईआईटी संस्थानों में बीटेक, इंटीग्रेटेड एमटेक व डुएल डिग्री कोर्सेज की लगभग 16 हजार सीटें हैं. इन आंकड़ों से यह साफ है कि ऑल इंडिया रैंक प्रथम प्राप्त करने वाले विद्यार्थी का अंक प्रतिशत लगभग 90 फीसदी के करीब है, जबकि कॉमन रैंक लिस्ट में 16001 ऑल इंडिया रैंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी का प्रतिशत लगभग 25 फीसदी के पास है.

पढ़ें: जेईई एडवांस्ड 2021 में ऑल इंडिया टॉपर रहा था परफेक्ट स्कोर से 12 अंक दूर, रिपोर्ट जारी

साल 2019 में यह अधिकतम 30.37 फीसदी था. जबकि 2020 में 23.74 व 2021 में 25.27 फीसदी रहा. ऐसे में जेईई 2022 की कॉमन रैंक लिस्ट (CRL) में प्रथम 16 हजार में स्थान लाने के लिए भी करीब 30 फीसदी से ज्यादा अंक लाने की आवश्यकता है. शर्मा ने बताया कि विद्यार्थी सकारात्मक मानसिकता व समर्पण के साथ जेईई एडवांस्ड 2022 में शामिल होने पर सफलता मिल सकती है.

पहली से अंतिम रैंक के स्टूडेंट्स में अंक व प्रतिशत में अंतर:

वर्षकुल अंकपहली रैंक (1)अंतिम रैंक (16001)
2021360348/96.6691/25.27
2020396352/88.8898/24.74
2019372346/93.00113/ 30.37
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