कोटा. देश की सबसे बड़ी प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जॉइंट एंट्रेस एक्जाम (JEE ADVANCED 2022) के परिणाम के बाद अब इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में प्रवेश की प्रक्रिया जॉइंट सीट एलोकेशन ऑथोरिटी (JoSAA) की काउंसलिंग से शुरू हुई हैं. स्टूडेंट्स को रैंक की जानकारी मिल गई है. जेईई एडवांस्ड के रिजल्ट के बाद अब विद्यार्थियों और अभिभावकों में सबसे बड़ी उत्सुकता कॉलेज और ब्रांच के चयन की है. हर विद्यार्थी अच्छी आईआईटी के साथ मनपसंद ब्रांच चाहता (IIT and branch according to rank in JEE Advanced) है.
निजी कोचिंग कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बीते सालों और ट्रेंड के अनुसार किस ऑल इंडिया रैंक पर स्टूडेंट को कौनसी आईआईटी व ब्रांच मिलने की संभावना है, इस पर जानकारी शेयर की है. जेईई एडवांस्ड में 160038 विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था, जिनमें से 155538 ने परीक्षा दी. वहीं 40712 काउंसलिंग के लिए क्वालीफाई कर पाएं हैं, जिनमें से इस वर्ष 23 आईआईटी की कुल 16598 सीटों के लिए स्टूडेंट्स को एडमिशन मिलेगा.
जेईई एडवांस्ड में रैंक पीछे, तो ये है ऑप्शन: आहूजा ने बताया कि रैंक पर आईआईटी की ब्रांच मिलने की संभावनाएं कैटेगरी अनुसार परिवर्तित होती है. साथ ही छात्राओं को दिए गए 20 प्रतिशत फीमेल पूल कोटे से इन आईआईटी में ब्रांच मिलने की संभावनाएं काफी पीछे की रैंक तक बन जाती है. ऐसे विद्यार्थी जिनकी जेईई एडवांस्ड आल इंडिया रैंक काफी पीछे है, उन्हें जेईई एडवांस्ड के आधार पर आईआईपीई विशाखापट्टनम, राजीव गांधी पेट्रोलियम, आईआईएसईआर, आईआईएसटी में आवेदन के विकल्प उपलब्ध हैं. इन सभी संस्थानों की आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
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10 आईआईटी ने 15 नई ब्रांचेंज शुरू की: अमित आहूजा ने बताया कि इस साल 10 आईआईटी की 15 नई ब्रांचों की शुरूआत की गई है. आईआईटी बॉम्बे में 4 वर्षीय एनर्जी इंजीनियरिंग की 47 सीटें, रूड़की में डेटासाइंस और आर्टिफिशियल इंजीनियरिंग की 40, गुवाहाटी की एनर्जी इंजीनियरिंग की 20, हैदराबाद में इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग विद आईसी डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी की 16, गांधीनगर में पांच वर्षीय कम्प्यूटर साइंस की 20 एंड इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग की 20, जोधपुर में फिजिक्स विद् स्पेशलाइजेशन व कैमेस्ट्री विद् स्पेशलाइजेशन की 32, रूपड़ में इंजीनियरिंग फिजिक्स की 25, धारवाड़ में केमिकल व बायोकेमिकल इंजीनियरिंग की 15, मैथेमेटिक एण्ड कम्प्यूटिंग की 28, सिविल व इन्फ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग की 15, इंटर डिसिप्लनरी साइंसेज की 57, भिलाई में मेकाट्रोनिक्स इंजीनियरिंग की 20, पलक्कड़ में डेटा साइंस एवं इंजीनियरिंग की 28 सीटें नई जुड़ी हैं, जिन पर प्रवेश शुरू किया गया है. इन 10 की नई ब्रांचेज की 383 सीटों पर प्रवेश मिलेगा.
किस रैंक पर कौनसी आईआईटी व ब्रांच संभावित:
- जिन स्टूडेंट की ऑल इंडिया रैंक अण्डर 100 है, उन्हें टॉप आईआईटी बॉम्बे, दिल्ली, कानपुर, मद्रास में कम्प्यूटर साइंस मिलने की संभावना है. विद्यार्थियों की फर्स्ट च्वाइस देखें तो आईआईटी मुम्बई सीएस ब्रांच रहती है, जो कि टॉप 60 पर क्लॉज हो जाती है. इसके बाद दूसरी प्राथमिकता दिल्ली सीएस को स्टूडेंट देते हैं. तीसरी प्राथमिकता में कानपुर और मद्रास की कम्प्यूटर साइंस ब्रांच को दी जाती है.
- 100 से 500 रैंक के मध्य दिल्ली, कानपुर की एमएनसी, उपरोक्त चारों आईआईटी की इलेक्ट्रीकल, खड़गपुर की सीएस मिल सकती है.
- 500 से 1000 के मध्य बीएचयू, रुड़की, हैदराबाद, गुवाहाटी की सीएस, मुम्बई, दिल्ली, कानपुर की कोर ब्रांच मिलने की संभावना है.
- 1000 से 4000 के मध्य रैंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को गांधी नगर, इंदौर, रूपड़, मंडी, जोधपुर, धनबाद, पटना, भुवनेश्वर में कम्प्यूटर साइंस एवं मुम्बई, दिल्ली, कानपुर, खड़गपुर आईआईटी में कम्प्यूटर साइंस के अतिरिक्त अन्य ब्रांचें मैकेनिकल, कैमिकल, सिविल, एयरोस्पेस, प्रोडक्शन आदि मिलने की संभावना रहती है.
- 4000 से 8000 के मध्य रुड़की, गुवाहाटी, खड़गपुर, हैदराबाद, वाराणसी में सिविल, कैमिकल, मेटलर्जी एवं मुम्बई, दिल्ली, कानपुर, मद्रास में लोअर ब्रांचेंज, पलक्कड़, तिरुपति, गोवा, धाड़वाड़, भिलाई, जम्मू में सीएस मिलने की संभावना बन सकती है.
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- 8000 से 12000 के मध्य रैंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को रोपड़, मंडी, इंदौर, गांधीनगर, जोधपुर, भुवनेश्वर, पटना, धनबाद में कोर ब्रांच के अतिरिक्त अन्य ब्रांचों के साथ-साथ पुराने सात आईआईटी में बॉयलोजिकल साइंस, नेवल आर्किटेक्चर, माइनिंग इंजीनियरिंग, पॉलीमर साइंस, सिरेमिक इंजीनियरिंग जैसी ब्रांचें मिलने की संभावना रहती है.
- 12 से 15 हजार के मध्य रैंक प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स को नई आईआईटी जैसे पलक्कड़, तिरुपति, गोवा, धाड़वाड़, भिलाई, जम्मू की अन्य ब्रांचें मिलने की संभावना रहती है.