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Special: कोटा में कहर बरपा रहा डेंगू, अस्पतालों के वार्डों में बेड फुल...अब तक 95 मरीज आ चुके संभाग में - dengue ward full

कोटा संभाग में डेंगू खतरनाक रूप लेता जा रहा है. बारिश के बाद बदले मौसम में मच्छरों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की माने तो एडीज मच्छरों के लार्वा काफी संख्या में मिल रहे हैं जिससे बीमारी फैल रही है. अस्पतालों में डेंगू मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी के कारण वार्ड फुल हो चुके हैं और मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था भी लड़खड़ाने लगी है. चिकित्सा विभाग का कहना है कि डेंगू की रोकथाम के लिए अब भी अगर नहीं चेते तो हालात बेकाबू होने पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं. पढ़ें पूरी खबर...

अस्पतालों में बढ़े डेंगू के मरीज
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Published : Sep 14, 2021, 7:39 PM IST

Updated : Sep 14, 2021, 11:01 PM IST

जिले के अनुसार मौत का आंकड़ाकोटा. कोरोना से अभी पूरा देश उबर भी नहीं पाया है कि डेंगू ने तेजी से अपने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं. अस्पतालों में डेंगू वार्डों में बेड भी भरने लगे हैं. मरीजों में बच्चों की संख्या में भी अधिक देखने को मिल रही है. अभी तक डेंगू के 95 मामले कोटा संभाग में सामने आ चुके हैं. इनमें 66 मरीज कोटा के हैं. डॉक्टर भी डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या से परेशान हैं और लोगों को डेंगू से बचाव के लिए लगातार दिशा-निर्देश दे रहे हैं.

संभाग में वर्ष 2017 और 2019 में डेंगू ने जमकर कहर बरपाया था. वर्ष 2017 में 9 लोगों की जान भी डेंगू के चलते गई थी जिनमें से 8 कोटा के ही निवासी थे. जबकि 2018 में भी चार लोगों की मौत होने का मामला सामने आया था. ऐसे ही हालात इस बार भी नजर आ रहे हैं. बीते साल कोविड-19 के चलते डेंगू जैसी घातक बीमारी का प्रकोप कम रहा. पूरे संभाग में महज 27 मामले ही सामने आए थे, जबकि इस साल भी डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

अस्पतालों में बढ़े डेंगू के मरीज

पढ़ें: राजस्थान में मौसमी बीमारी से पीड़ित लोगों की बढ़ रही संख्या, SMS अस्पताल में दिख रही मरीजों की भीड़

घरों में पनप रहे मच्छर

डेंगू से बचाव के लिए डॉक्टर और स्वास्थ्य अधिकारी लोगों को आसपास पानी जमा न होने देने और सफाई रखने की हिदायत दे रहे हैं. डेंगू के बढ़ते मामलों को लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट खुलासा करती है कि घरों में ही सबसे ज्यादा डेंगू के मच्छर उत्पन्न हो रहे हैं. घरों के आसपास ही लाखों की संख्या में एडीज मच्छर का लार्वा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को मिला है. इसका असर कोटा संभाग के सरकारी और निजी अस्पतालों में साफ नजर आ रहा है. यहां बेड फुल हो चुके हैं और अभी भी लगातार डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं.

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आसपास सफाई रखने की हिदायत

सबसे ज्यादा कूलर में मिल रहा एडीज का लार्वा

कोटा के डिप्टी सीएमएचओ डॉ. घनश्याम मीणा का कहना है कि कूलर, परिंडे, गमले, फ्रिज की ट्रे, छत पर रखे कबाड़ में डेंगू के एडीज मच्छर सबसे ज्यादा पनप रहे हैं. यहीं पर एडीज मच्छर का सर्वाधिक लार्वा मिला है. डॉ. मीणा का यह भी कहना है कि वर्ष 2019 में भी जब डेंगू आउटब्रेक हुआ था तो ज्यादातर डेंगू का लार्वा घरों के बाहर जानवरों को पानी पिलाने के लिए रखे गए पानी के पात्रों में मिला था. जबकि इस बार डेंगू का लार्वा सबसे ज्यादा कूलर में मिल रहा है. वह लोगों से अपील करते हैं कि कूलर के पानी को हर 7 दिन में जरूर बदल दें.

पढ़ें: मौसमी बीमारियों का वार: अस्पतालों में डेंगू, स्क्रब टायफस और चिकनगुनिया के मरीजों की कतार

रोज 700 से 800 जगह मिल रहा लार्वा

डिप्टी सीएमएचओ का यह भी कहना है कि जगह-जगह उन्होंने 80 डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर रखे हुए हैं और पूरे शहर व ग्रामीण इलाके में भी जाकर जांच कर रहे हैं. उनका कहना है कि रोज 15,000 से ज्यादा घरों की जांच जिले में हो रही है. इनमें 700 से 800 जगह पर लार्वा उन्हें मिलता है जो कि काफी बड़ी संख्या है. इन सब जगह पर 'एंटी लार्वा एक्टिविटी' भी टीम की ओर से की जा रही है. साथ ही जहां पर लार्वा से मच्छर पनप रहे हैं वहां पर नगर निगम की मदद से फॉगिंग भी करवाई जा रही है.

प्लॉटों में भरा पानी भी बढ़ा रहा परेशानी

कोटा शहर की सैकड़ों कॉलोनियों में हजारों की संख्या में प्लॉट खाली पड़े हुए हैं और बारिश के कारण इनमें पानी भर गया है. अब प्लॉटों से पानी निकासी नहीं होने से यहीं डेंगू के मच्छरों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. इन प्लॉटों में बड़ी मात्रा में एडीज मच्छर का लार्वा पनप रहा है. हालांकि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि वह ऐसे सभी प्लॉटों का सर्वे करवा रहे हैं और जरूरी स्थानों पर एंटी लार्वा एक्टिविटी के तहत जला हुआ तेल डाला जा रहा है.

पढ़ें: Reality Check : बारिश में मच्छरों को रोकने का निगम ने किया अचूक उपाय ! Untrained Staff के भरोसे कर दी 'मलेरिया शाखा'

200 से ज्यादा नोटिस दिया, अब काटेंगे चालान

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू पर रोकथाम के लिए अभी तक 200 से ज्यादा ऐसे लोगों को नोटिस देकर चेतावनी जारी कर दी है जहां पर डेंगू के एडीज मच्छर का लार्वा ज्यादा मात्रा में मिल रहा है. वहां पर हर चिकित्सा केंद्र पर उन्होंने इसके लिए एक रसीद बुक भी भेज दी है. हालांकि उनका खुद का मानना है कि इन नोटिस से एडीज मच्छर की ब्रीडिंग रोकने में ज्यादा फायदा नहीं हुआ है. ऐसे में अब वह सख्ती से कार्रवाई करेंगे और लोगों के चालान भी काटे जाएंगे.

कोटा की सैकड़ों कॉलोनियां बनीं हॉटस्पॉट

कोटा की बात की जाए तो विज्ञान नगर विस्तार, छत्रपुरा, गोबरिया बावड़ी, तालाब, बरड़ा बस्ती, तेलघर खेडली फाटक, गावड़ी, सिविल लाइंस, नेहरू नगर, प्रताप कॉलोनी, कैलाशपुरी, लाडपुरा, इस्माइल चौक, नयापुरा, काजी मोहल्ला, पाटनपोल, गढ़पैलेस, बजरंगपुरा, कालीबस्ती सकतपुरा, रंगबाड़ी बालाजी के पीछे का क्षेत्र, आरकेपुरम-ए, श्रीनाथपुरम-बी इलाके डेंगू के हॉटस्पॉट बने हुए हैं. यहां से लगातार डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं और बड़ी संख्या में लार्वा भी इन इलाकों में पनप रहा है.

पढ़ें: Special : सावधान! घास पर नंगे पांव चलना हो सकता है घातक...स्क्रब टाइफस हाड़ौती में पसार रहा पैर

केवल एलाइजा को मानता है चिकित्सा विभाग, नहीं तो हजारों की संख्या में होता आंकड़ा

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग रैपिड टेस्ट यानी कार्ड टेस्ट में पॉजिटिव आने वाले लोगों को डेंगू से संक्रमित नहीं मानता है. इन लोगों का जब तक एलाइजा से कंफर्मेशन नहीं होता, तब तक उन्हें डेंगू मरीजों की सूची में शामिल नहीं करते हैं, जबकि कोटा शहर सहित पूरे संभाग में निजी अस्पतालों में रैपिड टेस्ट का चलन है. ऐसे में अस्पताल में कार्ड टेस्ट पॉजिटिव मानकर उनका इलाज तो किया जाता है, लेकिन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की सूची में इसे शामिल नहीं किया जाता है. कोटा संभाग की बात की जाए तो वर्ष 2015 से अब तक यहां 6219 लोग संक्रमित हुए हैं. इनमें 20 लोगों की मौत भी डेंगू से हुई है. हालांकि कार्ड टेस्ट के जरिए इससे 5 गुना से भी ज्यादा मरीज संक्रमित पाए गए हैं.

डेंगू के निशाने पर हमेशा रहा कोटा संभाग

साल पॉजिटिव मौत
201517322
2016 856 3
2017 23469
2018 1166 4
2019 1856 2
2020 27 0
2021 95 0

जिले के अनुसार पॉजिटिव का आंकड़ा

जिला2015 20162017 2018 2019 2020 2021
कोटा 13117381869 760 1342 1566
बारां 267 30246 1781479 6
बूंदी124 75 183 178224 219
झालावाड़ 30 13 35 50 93 1 4

जिले के अनुसार मौत का आंकड़ा

जिला 20152016 2017 2018 2019 2020 2021
कोटा 23 8 0 1 0 0
बारां 0 0 1 1 0 0 0
बूंदी 0 0 03 1 0 0
झालावाड़0 0 00 0 0 0

(नोट- 2021 के आंकड़े 13 सितंबर तक के है)

जिले के अनुसार मौत का आंकड़ाकोटा. कोरोना से अभी पूरा देश उबर भी नहीं पाया है कि डेंगू ने तेजी से अपने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं. अस्पतालों में डेंगू वार्डों में बेड भी भरने लगे हैं. मरीजों में बच्चों की संख्या में भी अधिक देखने को मिल रही है. अभी तक डेंगू के 95 मामले कोटा संभाग में सामने आ चुके हैं. इनमें 66 मरीज कोटा के हैं. डॉक्टर भी डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या से परेशान हैं और लोगों को डेंगू से बचाव के लिए लगातार दिशा-निर्देश दे रहे हैं.

संभाग में वर्ष 2017 और 2019 में डेंगू ने जमकर कहर बरपाया था. वर्ष 2017 में 9 लोगों की जान भी डेंगू के चलते गई थी जिनमें से 8 कोटा के ही निवासी थे. जबकि 2018 में भी चार लोगों की मौत होने का मामला सामने आया था. ऐसे ही हालात इस बार भी नजर आ रहे हैं. बीते साल कोविड-19 के चलते डेंगू जैसी घातक बीमारी का प्रकोप कम रहा. पूरे संभाग में महज 27 मामले ही सामने आए थे, जबकि इस साल भी डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

अस्पतालों में बढ़े डेंगू के मरीज

पढ़ें: राजस्थान में मौसमी बीमारी से पीड़ित लोगों की बढ़ रही संख्या, SMS अस्पताल में दिख रही मरीजों की भीड़

घरों में पनप रहे मच्छर

डेंगू से बचाव के लिए डॉक्टर और स्वास्थ्य अधिकारी लोगों को आसपास पानी जमा न होने देने और सफाई रखने की हिदायत दे रहे हैं. डेंगू के बढ़ते मामलों को लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट खुलासा करती है कि घरों में ही सबसे ज्यादा डेंगू के मच्छर उत्पन्न हो रहे हैं. घरों के आसपास ही लाखों की संख्या में एडीज मच्छर का लार्वा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को मिला है. इसका असर कोटा संभाग के सरकारी और निजी अस्पतालों में साफ नजर आ रहा है. यहां बेड फुल हो चुके हैं और अभी भी लगातार डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं.

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आसपास सफाई रखने की हिदायत

सबसे ज्यादा कूलर में मिल रहा एडीज का लार्वा

कोटा के डिप्टी सीएमएचओ डॉ. घनश्याम मीणा का कहना है कि कूलर, परिंडे, गमले, फ्रिज की ट्रे, छत पर रखे कबाड़ में डेंगू के एडीज मच्छर सबसे ज्यादा पनप रहे हैं. यहीं पर एडीज मच्छर का सर्वाधिक लार्वा मिला है. डॉ. मीणा का यह भी कहना है कि वर्ष 2019 में भी जब डेंगू आउटब्रेक हुआ था तो ज्यादातर डेंगू का लार्वा घरों के बाहर जानवरों को पानी पिलाने के लिए रखे गए पानी के पात्रों में मिला था. जबकि इस बार डेंगू का लार्वा सबसे ज्यादा कूलर में मिल रहा है. वह लोगों से अपील करते हैं कि कूलर के पानी को हर 7 दिन में जरूर बदल दें.

पढ़ें: मौसमी बीमारियों का वार: अस्पतालों में डेंगू, स्क्रब टायफस और चिकनगुनिया के मरीजों की कतार

रोज 700 से 800 जगह मिल रहा लार्वा

डिप्टी सीएमएचओ का यह भी कहना है कि जगह-जगह उन्होंने 80 डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर रखे हुए हैं और पूरे शहर व ग्रामीण इलाके में भी जाकर जांच कर रहे हैं. उनका कहना है कि रोज 15,000 से ज्यादा घरों की जांच जिले में हो रही है. इनमें 700 से 800 जगह पर लार्वा उन्हें मिलता है जो कि काफी बड़ी संख्या है. इन सब जगह पर 'एंटी लार्वा एक्टिविटी' भी टीम की ओर से की जा रही है. साथ ही जहां पर लार्वा से मच्छर पनप रहे हैं वहां पर नगर निगम की मदद से फॉगिंग भी करवाई जा रही है.

प्लॉटों में भरा पानी भी बढ़ा रहा परेशानी

कोटा शहर की सैकड़ों कॉलोनियों में हजारों की संख्या में प्लॉट खाली पड़े हुए हैं और बारिश के कारण इनमें पानी भर गया है. अब प्लॉटों से पानी निकासी नहीं होने से यहीं डेंगू के मच्छरों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. इन प्लॉटों में बड़ी मात्रा में एडीज मच्छर का लार्वा पनप रहा है. हालांकि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि वह ऐसे सभी प्लॉटों का सर्वे करवा रहे हैं और जरूरी स्थानों पर एंटी लार्वा एक्टिविटी के तहत जला हुआ तेल डाला जा रहा है.

पढ़ें: Reality Check : बारिश में मच्छरों को रोकने का निगम ने किया अचूक उपाय ! Untrained Staff के भरोसे कर दी 'मलेरिया शाखा'

200 से ज्यादा नोटिस दिया, अब काटेंगे चालान

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू पर रोकथाम के लिए अभी तक 200 से ज्यादा ऐसे लोगों को नोटिस देकर चेतावनी जारी कर दी है जहां पर डेंगू के एडीज मच्छर का लार्वा ज्यादा मात्रा में मिल रहा है. वहां पर हर चिकित्सा केंद्र पर उन्होंने इसके लिए एक रसीद बुक भी भेज दी है. हालांकि उनका खुद का मानना है कि इन नोटिस से एडीज मच्छर की ब्रीडिंग रोकने में ज्यादा फायदा नहीं हुआ है. ऐसे में अब वह सख्ती से कार्रवाई करेंगे और लोगों के चालान भी काटे जाएंगे.

कोटा की सैकड़ों कॉलोनियां बनीं हॉटस्पॉट

कोटा की बात की जाए तो विज्ञान नगर विस्तार, छत्रपुरा, गोबरिया बावड़ी, तालाब, बरड़ा बस्ती, तेलघर खेडली फाटक, गावड़ी, सिविल लाइंस, नेहरू नगर, प्रताप कॉलोनी, कैलाशपुरी, लाडपुरा, इस्माइल चौक, नयापुरा, काजी मोहल्ला, पाटनपोल, गढ़पैलेस, बजरंगपुरा, कालीबस्ती सकतपुरा, रंगबाड़ी बालाजी के पीछे का क्षेत्र, आरकेपुरम-ए, श्रीनाथपुरम-बी इलाके डेंगू के हॉटस्पॉट बने हुए हैं. यहां से लगातार डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं और बड़ी संख्या में लार्वा भी इन इलाकों में पनप रहा है.

पढ़ें: Special : सावधान! घास पर नंगे पांव चलना हो सकता है घातक...स्क्रब टाइफस हाड़ौती में पसार रहा पैर

केवल एलाइजा को मानता है चिकित्सा विभाग, नहीं तो हजारों की संख्या में होता आंकड़ा

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग रैपिड टेस्ट यानी कार्ड टेस्ट में पॉजिटिव आने वाले लोगों को डेंगू से संक्रमित नहीं मानता है. इन लोगों का जब तक एलाइजा से कंफर्मेशन नहीं होता, तब तक उन्हें डेंगू मरीजों की सूची में शामिल नहीं करते हैं, जबकि कोटा शहर सहित पूरे संभाग में निजी अस्पतालों में रैपिड टेस्ट का चलन है. ऐसे में अस्पताल में कार्ड टेस्ट पॉजिटिव मानकर उनका इलाज तो किया जाता है, लेकिन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की सूची में इसे शामिल नहीं किया जाता है. कोटा संभाग की बात की जाए तो वर्ष 2015 से अब तक यहां 6219 लोग संक्रमित हुए हैं. इनमें 20 लोगों की मौत भी डेंगू से हुई है. हालांकि कार्ड टेस्ट के जरिए इससे 5 गुना से भी ज्यादा मरीज संक्रमित पाए गए हैं.

डेंगू के निशाने पर हमेशा रहा कोटा संभाग

साल पॉजिटिव मौत
201517322
2016 856 3
2017 23469
2018 1166 4
2019 1856 2
2020 27 0
2021 95 0

जिले के अनुसार पॉजिटिव का आंकड़ा

जिला2015 20162017 2018 2019 2020 2021
कोटा 13117381869 760 1342 1566
बारां 267 30246 1781479 6
बूंदी124 75 183 178224 219
झालावाड़ 30 13 35 50 93 1 4

जिले के अनुसार मौत का आंकड़ा

जिला 20152016 2017 2018 2019 2020 2021
कोटा 23 8 0 1 0 0
बारां 0 0 1 1 0 0 0
बूंदी 0 0 03 1 0 0
झालावाड़0 0 00 0 0 0

(नोट- 2021 के आंकड़े 13 सितंबर तक के है)

Last Updated : Sep 14, 2021, 11:01 PM IST
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