कोटा. सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री और पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट आज हाड़ौती दौरे (Sachin Pilot on Hadoti tour today) पर हैं. वे रेल मार्ग से जयपुर से दोपहर 2:45 बजे कोटा पहुंचे (warm welcome of Pilot in kota) और फिर सीधे स्टेशन से ही झालावाड़ के लिए रवाना हो गए. कोटा स्टेशन से लेकर झालावाड़ तक करीब दो दर्जन नेताओं ने कई जगह उनका स्वागत किया है. पायलट के हाड़ौती से सभी करीबी नेता समर्थकों के साथ कोटा पहुंच गए थे. यह एक तरह से पायलट का शक्ति प्रदर्शन था जिसके जरिए उन्होंने गहलोत गुट और बीजेपी को उसके गढ़ हाड़ौती में चुनौती दी है.
हालांकि हाड़ौती के 7 कांग्रेस विधायकों (Gehlot camp leaders not seen in kota station) ने उनसे दूरी बनाए रखी है. हाड़ौती के कांग्रेस विधायक इस कार्यक्रम में नहीं आए हैं जिनमें तीन मंत्री भी शामिल हैं. इनसे पायलट की दूरी पहले से ही जगजाहिर है. हालांकि कोटा से रवाना होने के बाद झालावाड़ तक एक बड़ा काफिला पायलट के साथ कोटा से झालावाड़ के लिए रवाना (Pilot set out for Jhalawar) हुआ है. यहां तक कि उनके इस काफिले में चित्तौड़गढ़, अजमेर, टोंक, सवाई माधोपुर से भी बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और नेता शामिल हैं. सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के साथ ही 'पायलट आई लव यू' के नारे भी रेलवे स्टेशन पर लगाए गए.
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जिला संगठन ने बनाई दूरी, देहात जिलाध्यक्ष पहुंचीं
स्टेशन से लेकर झालावाड़ तक कांग्रेस देहात संगठन की ओर से पूरी तैयारी की गई थी, लेकिन शहर का संगठन इसमें शामिल नहीं हुआ. देहात अध्यक्ष सरोज मीणा ने आह्वान भी किया था और कार्यकर्ताओं को स्टेशन पहुंचे भी है. इसके अलावा कोटा दक्षिण से चुनाव लड़ चुकी राखी गौतम, विद्याशंकर गौतम, क्रांति तिवारी, शिवराज गुंजल, राम कुमार दाधीच, राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड के सदस्य कुंदन यादव, अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष आबिद कागजी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने स्टेशन पर स्वागत किया. इसके अलावा लाडपुरा प्रधान नईमुद्दीन गुड्डू के नेतृत्व में भी जेडीबी कॉलेज के नजदीक स्वागत किया गया है. पायलट समर्थक गुटों ने कोटा शहर स्टेशन से लेकर झालावाड़ तक पोस्टर बैनर से शहर को रंग दिया है.
हाड़ौती के दो मंत्रियों से पायलट की बड़ी अदावत
अशोक चांदना और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से उनका 36 का आंकड़ा पहले से ही है. हाल ही में पायलट के विरोध में ही यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के जयपुर वास पर विधायकों की बैठक ली थी. उसके बाद करीब 80 से 90 विधायकों ने इस्तीफा देने की बात कही थी. यह सभी लोग स्पीकर को अपना इस्तीफा भी सौंप कर आए थे. इस दौरान मानेसर जाने वाले विधायकों को गद्दार कहा गया था, जिनमें पायलट भी शामिल हैं.
इसके पहले प्रदेश के खेल और युवा मंत्री अशोक चांदना से भी उनकी अदावत दिखी है. पुष्कर में आयोजित एक कार्यक्रम में मंत्री चांदना को कुछ लोगों ने जूते दिखा दिए थे जिसके बाद ही उन्होंने ट्विटर पर बयान दिया था जिसमें सचिन पायलट और खुद में से एक ही व्यक्ति के बचने की बात कही थी. साथ ही प्रमोद जैन भाया इस पूरे मसले पर वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं. वह कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. हालांकि बारां जिला संगठन से भी कोई नेता पायलट से मुलाकात करने या स्वागत करने नहीं पहुंचा.
बूंदी व बारां से पहुंचे नेता-कार्यकर्ता, गुटबाजी रही हावी
बूंदी जिले से पूर्व जिला प्रमुख राकेश बोयत बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को लेकर स्टेशन पहुंचे. इसी तरह बारां जिले से भी नरेश मीणा कार्यकर्ताओं के साथ पायलट के स्वागत के लिए पहुंचे. हाड़ौती के विधायकों की बात की जाए तो सांगोद के विधायक भरत सिंह, पीपल्दा के विधायक रामनारायण मीणा, बारां अटरू से विधायक व जिलाध्यक्ष पानाचंद मेघवाल और किशनगंज की विधायका निर्मला सहरिया और उनके समर्थक भी इन कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए हैं. इन सभी को गहलोत गुट का माना जाता है.
ट्रेन में भी किया कई लोगों ने स्वागत, फोटो खिंचवाने का रहा क्रेज
कोटा में स्वागत के दौरान पायलट के साथ फोटो खिंचवाने वालों की भीड़ जुटी रही. इसके अलावा वे जब ट्रेन में थे, तब भी जयपुर से लेकर कोटा तक सैकड़ों की संख्या में लोगों ने उनका स्वागत किया. इसके साथ ही ट्रेन में भी पायलट कई लोगों से मिले. उनके साथ फोटो खिंचवाने के लिए लोग उत्सुक दिखे. कोटा पहुंचने पर स्टेशन इलाके में जाम जैसे हालात बने रहे. हाल ये रहा कि कुछ नेता ऐसे थे जो कोटा की जगह सवाई माधोपुर पहुंच गए और ट्रेन में ही सवार हो गए. इसके बाद उन्होंने ट्रेन में ही सचिन पायलट से मुलाकात की.