जयपुर. कोरोना संक्रमण बेरहमी से लोगों की जिंदगियां लील रहा है. ना जाने कितने बच्चों के सिर से मां-बाप का साया छिन गया है. वहीं सैकड़ों ऐसे परिवार हैं, जहां कोरोना से घर के मुखिया की मौत हो गई है. सैकड़ों महिलाएं विधवा हो गई. ऐसे में इन महिलाओं (covid widow) के सामने जीवनयापन और बच्चों को पालना एक बड़ी चुनौती है. ऐसे में फोर्टी यानि फेडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड सर्विस की महिला विंग ने कोविड विडो महिलाओं के जीवन को संवारने का बीड़ा उठाया है. यह फेडरेशन ऐसी महिलाओं को स्किल ट्रेनिंग के साथ रोजगार के अवसर उपलब्ध करा रहा है. देखिए ETV भारत की खास रिपोर्ट...
फेडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री (Federation of Rajasthan Trade and Industry) महिला विंग की अध्यक्ष नेहा गुप्ता ने ईटीवी भारत से बातचीत की. जिसमें उन्होंने कहा कि विडो महिलाओं की मदद करने के लिए फोर्टी (FORTI) महिला विंग ने एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. इसके जरिए उन महिलाओं से संपर्क साधने की कोशिश की जा रही है. फोर्टी ऐसी महिलाओं को स्किल ट्रेनिंग के साथ रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएगा. नेहा कहती हैं कि दरअसल सरकारी सहायता कब मिलेगी और सरकारी सहायता मिलने का जो ढर्रा रहा है, उससे सभी परिचित हैं. आज ऐसी कोविड विडो महिलाओं को तुरंत सहायता की जरूरत है. संबल की जरूरत है. जिससे वह खुद को संभाल सके और परिवार को संभाल सके.
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15 दिन तक हेल्पलाइन पर लेंगे आवेदन
नेहा ने बताया कि इस पूरे कार्यक्रम के लिए फोर्टी के वाइस प्रेसिडेंट सुनीता वालिया शर्मा को नोडल नियुक्त किया गया है. वह 15 दिन तक मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए जरूरतमंद विधवा महिलाओं के आवेदन लेंगी. सामाजिक संगठनों के जरिए भी उन महिलाओं तक पहुंचने की कोशिश होगी, जो कोरोना संक्रमण के दौरान विधवा हुई हैं. इसके बाद इन सभी महिलाओं की स्क्रूटनी होगी. जिसमें उनकी एजुकेशन के साथ-साथ सभी मापदंडों को देखा जाएगा. इससे यह तय होगा कि किस महिला को किस क्षेत्र में काम उपलब्ध कराया जा सकता है.
कोशिश की फोर्टी मेंबरों की कंपनी में जॉब उपलब्ध कराए
नेहा ने बताया कि फोर्टी अपने आप में एक बड़ी बिजनेस कम्युनिटी है. ऐसे में हमारी कोशिश होगी कि जो महिलाएं पढ़ी-लिखी हैं और किसी तरह कि कोर्सेज किया है. उन्हें किसी ने किसी तरीके से हमारे फोर्टी मेंबरों की कंपनियों में ही जॉब उपलब्ध करा दें.
अलग-अलग कामों की दी जाएगी ट्रेनिंग
उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं जो पहले कभी घर से बाहर नहीं निकली. अचानक उनके ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा और उनपर घर का खर्च चलाने की जिम्मेदारी आ गई है. खास बात ये है कि वो ज्यादा वह पढ़ी-लिखी भी नहीं है. उन महिलाओं को अग्रवाल कॉलेज के साथ मिलकर अलग-अलग तरह के कामों की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसमें पापड़ बनाना, मुंगोली बनाना, सिलाई कढ़ाई शामिल हैं. इसके साथ ही जो महिलाएं पढ़ी-लिखी हैं. उन्हें अकाउंटस, कंप्यूटर, रिसेप्शननिस्ट, नर्सिंग सहित कई तरह के अलग-अलग ट्रेनिंग भी कराई जाएगी. जिससे कि वह किसी ना किसी तरीके से ऑफिस में अच्छी तनख्वाह पर काम कर सके.
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एकल महिलाओं को भी जोड़ा जाएगा
नेहा गुप्ता ने कहा कि ऐसा नहीं है कि हमारे इस अभियान में विडो महिलाओं को ही जोड़ा जाएगा. अगर कोई एकल महिला है और उसे रोजगार की जरूरत है तो उसके लिए भी यह सभी समान अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे. नेहा ने कहा कि हमारी सबकी जिम्मेदारी है कि आपदा की घड़ी में एक दूसरे का हाथा थामें. बुरा वक्त है जल्दी निकल जाएगा, लेकिन अगर हमने किसी का हाथ पकड़ा तो आप इतना मान कर चलिए कई लोगों की दुआएं आपके साथ होगी.
फोर्टी महिला विंग की अपील
नेहा गुप्ता ने हुए कहा कि प्रदेश में जो भी व्यक्ति कोरोना संक्रमण की वजह से हमें हमेशा के लिए छोड़ कर चला गया, उस परिवार को संबल देने की जिम्मेदारी हमारी सब की है. मैं उन सभी संस्थानों से अपील करती हूं कि जो व्यक्ति जिस कंपनी में काम कर रहा था, उस कंपनी में उसके परिवार के सदस्य को उसकी योग्यता के अनुसार नौकरी उपलब्ध कराएं. जिससे हम उनकी मदद कर सके. नेहा ने यह भी कहा कि हम जल्द ही CM अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) से मुलाकात कोशिश करेंगे. अगर मुलाकात नहीं हुई होती है तो पत्र के जरिए हम CM से आग्रह करेंगे कि वह ऐसी गाइडलाइन जारी करें, जिसमें सभी संस्थानों को इसके लिए बाध्य किया जाए कि उनकी संस्थान के किसी भी व्यक्ति कोरोना संक्रमण की वजह से मृत्यु हुई है तो उसके परिवार को उसकी जगह पर योग्यता अनुसार नौकरी दें.