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Dhariwal hotel in Kota: गुंजल का यूडीएच मंत्री पर आरोप: अवैध कब्जा कर बना रखा है नवरंग होटल, नियमों के विपरीत मांग रहे पट्टा - Shanit Dhariwal hotel in Kota

बीजेपी के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने आरोप लगाया है (Prahlad Gunjal allegations on UDH Minister) कि नगर निगम कोटा उत्तर के जरिए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल 69 ए/स्टेट ग्रांट एक्ट में पट्टा चाह रहे हैं. जबकि इसके तहत केवल अनियोजित कॉलोनियों में ही पट्टा जारी किया जा सकता है. यह इलाका नियोजित नहीं है. गुंजल ने चेताया कि अगर नगर निगम कोटा उत्तर के अधिकारियों ने पट्टा जारी कर दिया, तो उनके खिलाफ भी अगला शासन आने पर कार्रवाई की जाएगी.

Prahlad Gunjal allegations on UDH Minister
गुंजल का यूडीएच मंत्री पर आरोप: अवैध कब्जा कर बना रखा है नवरंग होटल, नियमों के विपरीत मांग रहे पट्टा
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Published : May 24, 2022, 7:22 PM IST

Updated : May 24, 2022, 11:37 PM IST

कोटा. प्रदेश के स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल पर ही अवैध कब्जा कर होटल बनाने का आरोप लगा है. यह आरोप किसी और ने नहीं, उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदी व भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने लगाया है. गुंजल ने आरोप लगाया (Prahlad Gunjal allegations on UDH Minister) है कि नगर निगम कोटा उत्तर के जरिए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल 69 ए/ स्टेट ग्रांट एक्ट में पट्टा चाह रहे हैं. जबकि इसके तहत केवल अनियोजित कॉलोनियों में ही पट्टा जारी किया जा सकता है. यह नियोजित नहीं है. नगर निगम कोटा उत्तर के अधिकारियों ने पट्टा जारी कर दिया, तो उनके खिलाफ भी अगला शासन आने पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उन्होंने यह कहा कि इस संबंध में उन्होंने हाईकोर्ट में भी याचिका दाखिल की है.

मां की वसीयत के आधार पर मांग रहे पट्टा: गुंजल ने पत्रकार वार्ता आयोजित कर आरोप लगाया कि धारीवाल ने करोड़ों की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया. यह कॉलोनी तत्कालीन सिटी इंप्रूवमेंट ट्रस्ट (सीआईटी) वर्तमान में नगर विकास न्यास ने काटी थी. यह मुख्य अदालत चौराहे पर स्थित प्लॉट नंबर 7 है. जिसके एक तरफ कलेक्ट्रेट, दूसरी तरफ अदालत और तीसरी तरफ एमबीएस अस्पताल स्थित है. इस बेशकीमती जमीन पर होटल बना हुआ है. जबकि इस पर यूडीएच मंत्री के किए गए आवेदन के अनुसार ही उनका कब्जा करीब 60 साल से है. जिस पर वह अपनी मां की वसीयत के आधार पर ही पट्टा मांग रहे हैं.

प्रहलाद गुंजल ने यूडीएच मंत्री पर लगाए ये आरोप...

पढ़ें: प्रहलाद गुंजल का मंत्री धारीवाल पर गंभीर आरोप, कहा- कमीशन सुनिश्चित करने के लिए करते हैं निरीक्षण

अधिकारियों को दी चेतावनी, गलती की तो जेल जाना होगा: गुंजल ने यह भी कहा कि मंत्री धारीवाल अपना कब्जा स्वीकार करें और इसे सरकार को सरेंडर कर मिसाल पेश करें. इसके साथ ही उन्होंने नगर निगम कोटा उत्तर के अधिकारियों को भी सावचेत करते हुए कहा है कि गलती से भी अगर इसका पट्टा जारी कर दिया गया, तो उन अधिकारियों के खिलाफ अगले शासन में कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि जिस तरह से एकल पट्टा प्रकरण में जीएस संधू जेल गए थे, उसी तरह से इस मामले में अधिकारियों पर एक्शन (Prahlad Gunjal warns Nagar Nigam officials) होगा.

पढ़ें: प्रहलाद गुंजल ने उठाया सवाल : कैबिनेट मंत्री के खिलाफ एसीबी के अधिकारी कैसे कर सकते हैं पारदर्शी जांच, धारीवाल को बर्खास्त करने की मांग

धारीवाल को एलॉट नहीं हुआ, 50 सालों से कब्जा: गुंजल ने कहा कि 12 मई, 2022 को कोटा उत्तर नगर निगम की तरफ से सार्वजनिक आपत्ति सूचना प्रकाशित की थी. जिसमें छठे नम्बर पर धारीवाल ने प्लॉट नम्बर 7 नवरंग होटल नयापुरा के लिए आवेदन किया है. जबकि इस एरिया को सीआईटी ने विक्रय किया था, जिसका धारीवाल के पास कोई दस्तावेज नहीं है. उन्हें यह प्लॉट आवंटित हुआ होता, तो उन्हें पट्टे की आवश्यकता नहीं होती. केवल उनकी मां ने वसीयत में लिखा कि वे उक्त जमीन को शांति धारीवाल के नाम कर रहीं है और इसी वसीयत के आधार पर उन्होंने निगम में पट्टे के लिए आवेदन कर दिया. इस पर करीब 50 साल से ज्यादा समय से उनका कब्जा है.

पढ़ें: राजस्थान हाईकोर्ट ने पूछा- क्यों ना पूर्व विधायक की पत्नी को किया भूमि आवंटन रद्द कर दिया जाए

निगम की जारी की गई स्वीकृति भी गलत: गुंजल का आरोप है कि कब्जे की जमीन पर धारीवाल ने होटल बनाया हुआ है. जिसके पट्टे को अपने प्रभाव के बूते जारी करवाना चाहते हैं. सिविल लाइन का ये इलाका प्लांड एरिया में आता है, जहां कानूनन कब्जे पर पट्टा जारी नहीं किया जा सकता है. यहां ना तो 69-A और ना ही स्टेट ग्रांट एक्ट के तहत कब्जे पर पट्टा जारी नहीं किया जा सकता है. गुंजल ने यह भी कहा कि इस कब्जाशुदा प्लाट पर निर्माण के लिए इन्होंने कई बार नगर निगम में अनुमति भी मांगी है. जिस पर अधिकारियों ने सील लगाकर यह कहा है कि यह अनुमति केवल पट्टा प्राप्त लोगों के लिए ही होगी. जबकि उनके पास पट्टा ही नहीं है. ऐसे में यह स्वीकृति भी गलत थी.

कोटा. प्रदेश के स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल पर ही अवैध कब्जा कर होटल बनाने का आरोप लगा है. यह आरोप किसी और ने नहीं, उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदी व भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने लगाया है. गुंजल ने आरोप लगाया (Prahlad Gunjal allegations on UDH Minister) है कि नगर निगम कोटा उत्तर के जरिए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल 69 ए/ स्टेट ग्रांट एक्ट में पट्टा चाह रहे हैं. जबकि इसके तहत केवल अनियोजित कॉलोनियों में ही पट्टा जारी किया जा सकता है. यह नियोजित नहीं है. नगर निगम कोटा उत्तर के अधिकारियों ने पट्टा जारी कर दिया, तो उनके खिलाफ भी अगला शासन आने पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उन्होंने यह कहा कि इस संबंध में उन्होंने हाईकोर्ट में भी याचिका दाखिल की है.

मां की वसीयत के आधार पर मांग रहे पट्टा: गुंजल ने पत्रकार वार्ता आयोजित कर आरोप लगाया कि धारीवाल ने करोड़ों की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया. यह कॉलोनी तत्कालीन सिटी इंप्रूवमेंट ट्रस्ट (सीआईटी) वर्तमान में नगर विकास न्यास ने काटी थी. यह मुख्य अदालत चौराहे पर स्थित प्लॉट नंबर 7 है. जिसके एक तरफ कलेक्ट्रेट, दूसरी तरफ अदालत और तीसरी तरफ एमबीएस अस्पताल स्थित है. इस बेशकीमती जमीन पर होटल बना हुआ है. जबकि इस पर यूडीएच मंत्री के किए गए आवेदन के अनुसार ही उनका कब्जा करीब 60 साल से है. जिस पर वह अपनी मां की वसीयत के आधार पर ही पट्टा मांग रहे हैं.

प्रहलाद गुंजल ने यूडीएच मंत्री पर लगाए ये आरोप...

पढ़ें: प्रहलाद गुंजल का मंत्री धारीवाल पर गंभीर आरोप, कहा- कमीशन सुनिश्चित करने के लिए करते हैं निरीक्षण

अधिकारियों को दी चेतावनी, गलती की तो जेल जाना होगा: गुंजल ने यह भी कहा कि मंत्री धारीवाल अपना कब्जा स्वीकार करें और इसे सरकार को सरेंडर कर मिसाल पेश करें. इसके साथ ही उन्होंने नगर निगम कोटा उत्तर के अधिकारियों को भी सावचेत करते हुए कहा है कि गलती से भी अगर इसका पट्टा जारी कर दिया गया, तो उन अधिकारियों के खिलाफ अगले शासन में कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि जिस तरह से एकल पट्टा प्रकरण में जीएस संधू जेल गए थे, उसी तरह से इस मामले में अधिकारियों पर एक्शन (Prahlad Gunjal warns Nagar Nigam officials) होगा.

पढ़ें: प्रहलाद गुंजल ने उठाया सवाल : कैबिनेट मंत्री के खिलाफ एसीबी के अधिकारी कैसे कर सकते हैं पारदर्शी जांच, धारीवाल को बर्खास्त करने की मांग

धारीवाल को एलॉट नहीं हुआ, 50 सालों से कब्जा: गुंजल ने कहा कि 12 मई, 2022 को कोटा उत्तर नगर निगम की तरफ से सार्वजनिक आपत्ति सूचना प्रकाशित की थी. जिसमें छठे नम्बर पर धारीवाल ने प्लॉट नम्बर 7 नवरंग होटल नयापुरा के लिए आवेदन किया है. जबकि इस एरिया को सीआईटी ने विक्रय किया था, जिसका धारीवाल के पास कोई दस्तावेज नहीं है. उन्हें यह प्लॉट आवंटित हुआ होता, तो उन्हें पट्टे की आवश्यकता नहीं होती. केवल उनकी मां ने वसीयत में लिखा कि वे उक्त जमीन को शांति धारीवाल के नाम कर रहीं है और इसी वसीयत के आधार पर उन्होंने निगम में पट्टे के लिए आवेदन कर दिया. इस पर करीब 50 साल से ज्यादा समय से उनका कब्जा है.

पढ़ें: राजस्थान हाईकोर्ट ने पूछा- क्यों ना पूर्व विधायक की पत्नी को किया भूमि आवंटन रद्द कर दिया जाए

निगम की जारी की गई स्वीकृति भी गलत: गुंजल का आरोप है कि कब्जे की जमीन पर धारीवाल ने होटल बनाया हुआ है. जिसके पट्टे को अपने प्रभाव के बूते जारी करवाना चाहते हैं. सिविल लाइन का ये इलाका प्लांड एरिया में आता है, जहां कानूनन कब्जे पर पट्टा जारी नहीं किया जा सकता है. यहां ना तो 69-A और ना ही स्टेट ग्रांट एक्ट के तहत कब्जे पर पट्टा जारी नहीं किया जा सकता है. गुंजल ने यह भी कहा कि इस कब्जाशुदा प्लाट पर निर्माण के लिए इन्होंने कई बार नगर निगम में अनुमति भी मांगी है. जिस पर अधिकारियों ने सील लगाकर यह कहा है कि यह अनुमति केवल पट्टा प्राप्त लोगों के लिए ही होगी. जबकि उनके पास पट्टा ही नहीं है. ऐसे में यह स्वीकृति भी गलत थी.

Last Updated : May 24, 2022, 11:37 PM IST
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