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NEET UG Controversy : कोचिंग निदेशक डॉ बृजेश माहेश्वरी का संकल्प...गड़बड़ी वाले सेंटरों पर दोबारा परीक्षा का एलान नहीं होने तक पहनेंगे काली टीशर्ट

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से आयोजित नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET UG 2022) में देश भर के कई सेंटरों में गड़बड़झाला सामने आया था. इस मामले में एलन कॅरियर इंस्टिट्यूट के निदेशक डॉ बृजेश माहेश्वरी ने प्रण लिया है कि जिस सेंटर पर भी गड़बड़ी हुई है, जब तक उसकी जांच करके दोबारा परीक्षा कराने की घोषणा नहीं होती है तब तक वे काली टीशर्ट पहनेंगे.

NEET UG Controversy
नीट परीक्षा 2022
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Published : Jul 22, 2022, 10:39 PM IST

Updated : Jul 23, 2022, 6:43 AM IST

कोटा. जिले के कोचिंग संस्थान देशभर से यहां पढ़ने आने वाले बच्चों के लिए जाने जाते हैं. यहां पर मेडिकल और इंजीनियर की तैयारी करने के लिए लाखों विद्यार्थी आते हैं. हाल ही में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से आयोजित नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET UG 2022) में देश भर के कई सेंटरों में गड़बड़झाला सामने आया था. इस बात को लेकर उन सेंटरों पर परीक्षा देने वाले विद्यार्थी की ओर से पुनः परीक्षा करवाने की मांग कर रहे हैं.

इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी अभियान (NEET UG Controversy) चल रहा है. इस बीच कोटा के एलन कॅरियर इंस्टिट्यूट के निदेशक डॉ बृजेश माहेश्वरी ने भी प्रण लिया है. उन्होंने तय किया है कि जब तक नेशनल टेस्टिंग एजेंसी गड़बड़झाले वाली सभी जगह पर जांच करवा कर दोबारा परीक्षा घोषणा नहीं करती है, तब तक वे काली टीशर्ट पहनकर बच्चों का समर्थन करेंगे.

नीट यूजी 2022 में हुए गड़बड़झाले के विरोध में कोचिंग निदेशक माहेश्वरी...

डॉ. माहेश्वरी का कहना है कि कोटा में पूरे देश भर के बच्चे आते हैं. उनके करियर की लाइन यहां से शुरू होती है. ऐसे में हम देश भर के परीक्षा केंद्रों पर हुए गड़बड़झाले में बच्चों के साथ खड़े हैं. डॉ. माहेश्वरी ने कहा कि राजस्थान के श्रीगंगानगर के अलावा कोटा के प्रगति सीनियर सेकेंडरी स्कूल, नागौर, मध्य प्रदेश के भिंड, उत्तर प्रदेश के कुशीनगर, प्रतापगढ़, बिहार के नालंदा और महाराष्ट्र के औरंगाबाद सहित देश के कई शहरों में गड़बड़झाला सामने आया है.

पढ़ें. NEET UG 2022 : गंगानगर सांसद ने कहा- दोबारा होगी परीक्षा, Students बोले- कोटा में भी हुआ गड़बड़झाला...यहां क्यों नहीं हो रहा री-एग्जाम

बांटी गई थी व्हाइटनर लगी ओएमआर शीट: अधिकांश जगह पर हिंदी मीडियम के विद्यार्थियों को अंग्रेजी का प्रश्न पत्र दे दिया गया था. जिसे बाद में बदला गया. इसमें उन विद्यार्थियों का समय भी खराब हो गया. साथ ही उन्हें पहले नहीं बताया गया था कि पुरे प्रश्न पत्र हल करने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि कोटा के सेंटर पर करीब 250 स्टूडेंट्स को बदली हुई ओएमआर शीट और प्रश्न पत्र दिया था. जिन पर व्हाइटनर लगा हुआ. ऐसे में इन ओएमआर शीट की जांच कैसे कंप्यूटर स्कैनर से होगी, यह भी संशय है. इसी तरह दक्षिण भारत में छात्राओं के साथ सेंटर पर ड्रेस कोड को लेकर मामला सामने आया था.

लोकसभा स्पीकर से करेंगे बातचीतः निदेशक डॉ. माहेश्वरी ने कहा कि श्रीगंगानगर के सांसद निहालचंद मेघवाल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया से बातचीत की थी. जिसके बाद वहां पर परीक्षा दोबारा कराने पर सहमति बनी है. हम भी कोटा-बूंदी सांसद और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से बातचीत करेंगे. बिरला कोटा का प्रतिनिधित्व करते हैं और शिक्षा नगरी की पहचान को अच्छे से जानते हैं. इस मामले में उनको देने के लिए एक मेमोरेंडम भी तैयार करवाया है. जिसमें जिन सेंटर पर गलती हुई है, वहीं दोबारा परीक्षा करवाने की मांग रखी है. माहेश्वरी ने कहा कि बिरला इस पूरे मामले में जरूर हस्तक्षेप करेंगे.

पढ़ें. NEET UG 2022: कोटा में परीक्षा केंद्र पर ड्रेसकोड को लेकर विवाद, छात्राओं को हिजाब पहनकर दिया प्रवेश

परीक्षा 13 भाषाओं में, लेकिन अन्याय हिंदी माध्यम के साथ हुआः डॉ. माहेश्वरी ने कहा कि परीक्षा 13 भाषाओं में हुई थी. लेकिन हिंदी और अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों के साथ ही गड़बड़झाला हुआ है. हालांकि अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों को तो पेपर समय से मिल गया था, लेकिन हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों के साथ ज्यादती हुई है. बीते साल 2021 में भी नीट यूजी परीक्षा में हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों के एक प्रश्न को लेकर आपत्ति हुई थी. जिसमें भी उन्हें न्याय नहीं मिला था. इस बार भी हिंदी माध्यम के बच्चों के साथ ऐसा अन्याय नहीं हो. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को रिजल्ट भी जारी करना है. ऐसे में सभी गड़बड़झाले वाले सेंटरों पर परीक्षा एक साथ करवा दी जाए. जिससे रिजल्ट भी जल्दी जारी हो सके. क्योंकि मेडिकल कॉलेजों के सेशन पहले से ही देरी से चल रहे हैं, इन्हें भी समय पर लाना चुनौती है.

गड़बड़ी वाले सेंटर का पता लगाकर दोबारा करवाएं परीक्षाः डॉ. माहेश्वरी का कहना है कि पहले देश में अलग-अलग प्रवेश परीक्षा मेडिकल एंट्रेंस की होती थी. लेकिन अब एक ही परीक्षा नीट यूजी होती है. ऐसे में बच्चे 1 साल पहले से उसकी तैयारी करते हैं. इस तरह से गड़बड़झाले के चलते उनका साल बर्बाद चला जाएगा. यह मेडिकल सीट बच्चों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. परीक्षा के दौरान अगर बच्चे के साथ इस तरह से होता है, तो उसका पूरा मनोबल और मेंटालिटी टूट जाती है. जिसका सीधा असर उसकी परीक्षा पर होता है. उन्होंने कहा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को जहां भी गड़बड़झाला हुआ है, उन सभी सेंटरों का पता लगाकर दोबारा परीक्षा करानी चाहिए.

कोटा. जिले के कोचिंग संस्थान देशभर से यहां पढ़ने आने वाले बच्चों के लिए जाने जाते हैं. यहां पर मेडिकल और इंजीनियर की तैयारी करने के लिए लाखों विद्यार्थी आते हैं. हाल ही में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से आयोजित नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET UG 2022) में देश भर के कई सेंटरों में गड़बड़झाला सामने आया था. इस बात को लेकर उन सेंटरों पर परीक्षा देने वाले विद्यार्थी की ओर से पुनः परीक्षा करवाने की मांग कर रहे हैं.

इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी अभियान (NEET UG Controversy) चल रहा है. इस बीच कोटा के एलन कॅरियर इंस्टिट्यूट के निदेशक डॉ बृजेश माहेश्वरी ने भी प्रण लिया है. उन्होंने तय किया है कि जब तक नेशनल टेस्टिंग एजेंसी गड़बड़झाले वाली सभी जगह पर जांच करवा कर दोबारा परीक्षा घोषणा नहीं करती है, तब तक वे काली टीशर्ट पहनकर बच्चों का समर्थन करेंगे.

नीट यूजी 2022 में हुए गड़बड़झाले के विरोध में कोचिंग निदेशक माहेश्वरी...

डॉ. माहेश्वरी का कहना है कि कोटा में पूरे देश भर के बच्चे आते हैं. उनके करियर की लाइन यहां से शुरू होती है. ऐसे में हम देश भर के परीक्षा केंद्रों पर हुए गड़बड़झाले में बच्चों के साथ खड़े हैं. डॉ. माहेश्वरी ने कहा कि राजस्थान के श्रीगंगानगर के अलावा कोटा के प्रगति सीनियर सेकेंडरी स्कूल, नागौर, मध्य प्रदेश के भिंड, उत्तर प्रदेश के कुशीनगर, प्रतापगढ़, बिहार के नालंदा और महाराष्ट्र के औरंगाबाद सहित देश के कई शहरों में गड़बड़झाला सामने आया है.

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बांटी गई थी व्हाइटनर लगी ओएमआर शीट: अधिकांश जगह पर हिंदी मीडियम के विद्यार्थियों को अंग्रेजी का प्रश्न पत्र दे दिया गया था. जिसे बाद में बदला गया. इसमें उन विद्यार्थियों का समय भी खराब हो गया. साथ ही उन्हें पहले नहीं बताया गया था कि पुरे प्रश्न पत्र हल करने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि कोटा के सेंटर पर करीब 250 स्टूडेंट्स को बदली हुई ओएमआर शीट और प्रश्न पत्र दिया था. जिन पर व्हाइटनर लगा हुआ. ऐसे में इन ओएमआर शीट की जांच कैसे कंप्यूटर स्कैनर से होगी, यह भी संशय है. इसी तरह दक्षिण भारत में छात्राओं के साथ सेंटर पर ड्रेस कोड को लेकर मामला सामने आया था.

लोकसभा स्पीकर से करेंगे बातचीतः निदेशक डॉ. माहेश्वरी ने कहा कि श्रीगंगानगर के सांसद निहालचंद मेघवाल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया से बातचीत की थी. जिसके बाद वहां पर परीक्षा दोबारा कराने पर सहमति बनी है. हम भी कोटा-बूंदी सांसद और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से बातचीत करेंगे. बिरला कोटा का प्रतिनिधित्व करते हैं और शिक्षा नगरी की पहचान को अच्छे से जानते हैं. इस मामले में उनको देने के लिए एक मेमोरेंडम भी तैयार करवाया है. जिसमें जिन सेंटर पर गलती हुई है, वहीं दोबारा परीक्षा करवाने की मांग रखी है. माहेश्वरी ने कहा कि बिरला इस पूरे मामले में जरूर हस्तक्षेप करेंगे.

पढ़ें. NEET UG 2022: कोटा में परीक्षा केंद्र पर ड्रेसकोड को लेकर विवाद, छात्राओं को हिजाब पहनकर दिया प्रवेश

परीक्षा 13 भाषाओं में, लेकिन अन्याय हिंदी माध्यम के साथ हुआः डॉ. माहेश्वरी ने कहा कि परीक्षा 13 भाषाओं में हुई थी. लेकिन हिंदी और अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों के साथ ही गड़बड़झाला हुआ है. हालांकि अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों को तो पेपर समय से मिल गया था, लेकिन हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों के साथ ज्यादती हुई है. बीते साल 2021 में भी नीट यूजी परीक्षा में हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों के एक प्रश्न को लेकर आपत्ति हुई थी. जिसमें भी उन्हें न्याय नहीं मिला था. इस बार भी हिंदी माध्यम के बच्चों के साथ ऐसा अन्याय नहीं हो. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को रिजल्ट भी जारी करना है. ऐसे में सभी गड़बड़झाले वाले सेंटरों पर परीक्षा एक साथ करवा दी जाए. जिससे रिजल्ट भी जल्दी जारी हो सके. क्योंकि मेडिकल कॉलेजों के सेशन पहले से ही देरी से चल रहे हैं, इन्हें भी समय पर लाना चुनौती है.

गड़बड़ी वाले सेंटर का पता लगाकर दोबारा करवाएं परीक्षाः डॉ. माहेश्वरी का कहना है कि पहले देश में अलग-अलग प्रवेश परीक्षा मेडिकल एंट्रेंस की होती थी. लेकिन अब एक ही परीक्षा नीट यूजी होती है. ऐसे में बच्चे 1 साल पहले से उसकी तैयारी करते हैं. इस तरह से गड़बड़झाले के चलते उनका साल बर्बाद चला जाएगा. यह मेडिकल सीट बच्चों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. परीक्षा के दौरान अगर बच्चे के साथ इस तरह से होता है, तो उसका पूरा मनोबल और मेंटालिटी टूट जाती है. जिसका सीधा असर उसकी परीक्षा पर होता है. उन्होंने कहा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को जहां भी गड़बड़झाला हुआ है, उन सभी सेंटरों का पता लगाकर दोबारा परीक्षा करानी चाहिए.

Last Updated : Jul 23, 2022, 6:43 AM IST
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