कोटा. जेके लोन अस्पताल की महिला डॉक्टर पर मनमानी करने के आरोप लगाए गए हैं. दरअसल, मामला यह है कि एक महिला को कई दिनों से अस्पताल में बच्चेदानी के ऑपरेशन के लिए 6 जुलाई से भर्ती किया गया है, लेकिन उसका ऑपरेशन नहीं किया जा रहा है, क्योंकि महिला HIV पॉजिटिव है. आरोप लगाने वाली मरीज की बेटी है.
मरीज की बेटी का कहना है कि उनकी मां इलाज के लिए जेके लोन अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रावत के घर पर गई थी. जहां डॉ. ने मरीज की जांच करने के बाद उसे ऑपरेशन करने की सलाह दी और अस्पताल में एडमिट होने के लिए कहा. ऐसे में डॉक्टर के कहे अनुसार उन्होंने अपनी मां को अस्पताल में भर्ती करवा दिया. जांच के दौरान पता चला की एडमिट महिला HIV संक्रमित है जिस वजह से अब महिला डॉक्टर उनका ऑपरेशन करने में आनाकानी कर रही है.
नियमानुसार कोई भी व्यक्ति किसी HIV पॉजिटिव मरीज के साथ भेदभाव नहीं कर सकता है. लेकिन जब डॉक्टर ही मरीजों के साथ इस प्रकार का व्यवहार करेंगे तो आम लोगों से क्या ही उम्मीद की जा सकती है.
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पीड़िता की बेटी ने अपने आरोपो में कहा कि डॉ. रावत अपनी बात से ही पलट गईं और कहा कि मैंने तो भर्ती करने के लिए बोला ही नहीं है और ना ही मरीज की जांच की है. जबकि जब वे अपनी मां के साथ उनके बंगले पर जांच कराने के लिए गईं थी तो उन्होनें ने ऑपरेशन की सलाह देते हुए हॉस्पिटल में एडमिट होने को कहा था. वहीं जेके लोन हॉस्पिटल में बिना डॉक्टर के लिखित आदेश के अस्पताल में किसी मरीज को एडमिट नहीं किया जाता है.
हालांकि पूरे मामले में जेकेलोन अस्पताल के अधीक्षक ऐसी किसी भी घटना से इनकार करते दिखे और कहा की 'मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. अगर ऐसा कोई मामला सामने आया है तो मामले की जांच कर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी.'