कोटा. कोविड-19 के लॉकडाउन में बंद हुई कोटा बस सर्विस लिमिटेड की नगरीय परिवहन की बसों को दोबारा 26 जनवरी से संचालित हो कर दिया गया है, लेकिन अभी भी पुराने ठेकेदार में बसों का हैंड ओवर नहीं किया है. जिसके चलते केवल 10 बसें ही 2 रूटों पर संचालित की जा रही है. बची हुई 20 बसें अभी भी नहीं चल पा रही है. इनका खामियाजा स्थानीय नागरिकों को उठाना पड़ रहा है, जोकि सिटी बस में सफर करते थे.
बीते डेढ़ महीने से महज 2 रूटों पर ही 10 बसों का संचालन किया जा रहा है. जिन्हें भी पर्याप्त यात्री भार मिल रहा है. नई संवेदक फर्म ज्योस्तुते इंडिया प्राइवेट लिमिटेड बसें चलाने की जिम्मेदारी तो सौंप दी गई है, उसे निर्देश दिए गए थे कि धीरे-धीरे बसें बढ़ानी है. शुरुआत में 2 रूटों पर बसों का संचालन किया, जिनमें पहले 5 फिर 10 बसें कर दी गई थी, इन्हें बढ़ाकर 30 बसों तक करना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. नई संवेदक फर्म के ऑपरेशन मैनेजर किशन कुमार झा का कहना है कि इसके लिए नगर निगम के अधिकारी प्रयास कर रहे हैं, वह हैंडओवर होते ही, हम बसों को ज्यादा रूटों पर संचालित कर देंगे.
इन बचे 8 रूटों पर भी संचालित होनी है बसें
केवल एरोड्रम सर्किल से रानपुर और रेलवे स्टेशन से खड़े गणेशजी के बीच की बसों का संचालन किया जा रहा है. इसके अलावा एरोड्रम सर्किल से भदाना, नए बस स्टैंड से दौलतगंज वाया नयागांव, न्यू क्लॉथ मार्केट पर रानपुर, एरोड्रम सर्किल से चंद्रसेल, बड़गांव से झालीपुरा वाया एरोड्रम, रिंगरोड मार्ग- (एरोड्रम से न्यू बस स्टैंड, कंसुआ, डीसीएम, भामाशाह मंडी, अनंतपुरा सर्किल, गोबरिया बावड़ी, कॉमर्स कॉलेज, एरोड्रम), झालीपुरा से रायपुरा और रेलवे स्टेशन से दौलतगंज तक बसें संचालित होनी थी.
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10 रूट पर 24 बसें करती थी 120 फेरे
लॉकडाउन के पहले कोटा शहर में नगरीय परिवहन की सिटी बसें काफी प्रचलित हो गई थी. शहर के 10 रूटों पर 24 बसों का संचालन किया जाता था. हर रूट पर एक बस 5 फेरे करती थी, इसके अनुसार 120 फेरे यह बसें लगाती थी. करीब 20 हजार से ज्यादा लोग रोज इन बसों में सफर करते थे. इससे लाखों रुपए का राजस्व भी नगर निगम को मिल रहा था.