कोटा. वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) का पोस्टर भाजपा मुख्यालय के बाहर से हटाने के बाद लगातार बयानबाजी का क्रम जारी है. कोटा में वसुंधरा राजे के समर्थन में बीते साल बैठक आयोजित हुई थी, इस बैठक के मुख्य सूत्रधार नेताओं में छबड़ा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी भी शामिल थे. प्रताप सिंह सिंघवी खुलकर वसुंधरा राजे के समर्थन में सामने आए हैं.
राजे का राजस्थान में कोई विकल्प नहीं है
सिंघवी ने गुरुवार को बारां में मीडिया से बातचीत करते हुए वसुंधरा राजे सिंधिया (Vasundhara Raje) को प्रदेश की ही नहीं बल्कि देश का कद्दावर नेता बताया. उन्होंने कहा कि वह क्राउड पुलर (Crowd Puller) और वोट स्विंग कराने की ताकत रखती हैं. वसुंधरा राजे सिंधिया का राजस्थान में कोई विकल्प नहीं है.
वसुंधरा वोटों को स्विंग कराने की ताकत रखती हैं
विधायक सिंघवी ने कहा कि वसुंधरा के खिलाफ मनगढ़ंत बातें करते हैं कि उन्हें साइडलाइन कर दिया या पार्टी में काम करने में शिथिलता दे दी गई है, इस तरह की कोई बात नहीं है. राजस्थान में वसुंधरा राजे ने ही सबसे पहले पूर्ण बहुमत की सरकार (Vasundhara Raje Government) बनाई थी. राजे 15 से 20 फीसदी वोटों को स्विंग कराने की ताकत रखती है, जो राजस्थान की एकमात्र इस प्रकार की नेता हैं.
राजे 36 कौम की नेता हैं
वसुंधरा राजे का चेहरा राजस्थान (Rajasthan) की आम आवाम के सामने हैं और वे उनके दिलों में बसी हुई हैं. वे एक जाति विशेष नहीं 36 कौम की नेता हैं. वसुंधरा राजे के खिलाफ 2018 में जो चुनाव हुआ, उसमें भी उनके खिलाफ एक नारा बुलंद किया गया और उस नारे को बुलंद करने की बात भी लोगों ने नहीं सुनी है. उसके बावजूद भी 73 सीटें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की है. यह वसुंधरा राजे के नेतृत्व का ही करिश्मा है. पिछली बार भी हमारी 86 सीटें आई थी और कांग्रेस (Rajasthan Congress) के पास 99 सीट थी.
वसुंधरा के खिलाफ भाजपा नेता ही षड्यंत्र कर रहे हैं
बीते विधानसभा चुनाव (Rajasthan Vidhansabha Election) में महज 8 फीसदी वोटों का अंतर कांग्रेस और भाजपा में है, जो कि डेढ़ लाख वोट है. भाजपा को 38.8 प्रतिशत मत मिले थे और कांग्रेस को 39.3 फीसदी वोट मिले हैं. इसी फर्क के कारण राजस्थान में कांग्रेस (Congress Government in Rajasthan) बैठी हुई है. राजस्थान का कोई नाम लेने वाला नहीं था. उन्होंने कहा कि वसुंधरा के खिलाफ कुछ पार्टी के नेता ही षड्यंत्र कर रहे हैं. मैं तो शुरू से ही वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) के साथ हूं और भारतीय जनता पार्टी (BJP) में निष्ठा भी रखता हूं.