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कोचिंग संस्थानों को खुलवाने के लिए व्यापार महासंघ ने निकाली सद्भावना पदयात्रा... कोटा बंद की दी चेतावनी

कोटा में शुक्रवार को ओम सिनेप्लेक्स से सद्भावना पदयात्रा खड़े गणेशजी मंदिर के लिए रवाना हुई. इसमें शामिल सभी लोग भजन गाते हुए जा रहे थे और सब की एक ही मांग थी कि कोटा की अर्थव्यवस्था का मुख्य स्तंभ कोचिंग संस्थान शुरू किया जाए. इन लोगों का कहना है कि सरकार कोविड-19 का खतरा कम होने के बावजूद कोटा के कोचिंग संस्थानों को नहीं खोल रहा है.

व्यापार महासंघ ने निकाली सद्भावना पदयात्रा, Business Federation took out goodwill march
व्यापार महासंघ ने निकाली सद्भावना पदयात्रा
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Published : Jan 1, 2021, 5:15 PM IST

कोटा. शहर के बंद कोचिंग संस्थानों को खुलवाने के लिए कोटा व्यापार महासंघ आंदोलनरत है. शुक्रवार को इसी क्रम में नए साल के अवसर पर गणेश मंदिर के दर्शन और पैदल पदयात्रा का कार्यक्रम व्यापार महासंघ की ओर से रखा गया. इसको लेकर महासंघ से जुड़े हुए व्यापारी, कोचिंग संस्थान के लोग, हॉस्टल व्यवसायी और वहां काम करने वाले सभी कार्मिक शामिल हुए.

व्यापार महासंघ ने निकाली सद्भावना पदयात्रा

हजारों की संख्या में एकत्रित हुए लोग ओम सिनेप्लेक्स के नजदीक पहुंचे. यहां से सद्भावना पदयात्रा खड़े गणेशजी मंदिर के लिए रवाना हुआ. इसमें शामिल सभी लोग भजन गाते हुए झूमते चल रहे थे और सब की एक ही मांग थी कि कोटा की अर्थव्यवस्था का मुख्य स्तंभ कोटा कोचिंग शुरू किया जाए.

पढे़ं- झालावाड़ में बर्ड फ्लू: पोल्ट्री फार्म और अंडे की दुकानों पर बैन, नहीं थम रहा कौओं की मौत का सिलसिला

इस सद्भावना पदयात्रा में बड़ी संख्या में पदयात्री शामिल थे, जो कि कोटा की कोचिंग खुलवाने के लिए राजस्थान सरकार से मांग कर रहे थे. इन लोगों का कहना है कि सरकार कोविड-19 का खतरा कम होने के बावजूद भी कोटा के कोचिंग संस्थानों को नहीं खोल रही है.

कोटा की रीढ़ की हड्डी है कोचिंग

सद्भावना रैली के पहले कोटा शहर के प्रमुख लोगों ने संबोधित किया. इसमें कोटा को कोचिंग रीढ़ की हड्डी बताया और कहा कि अगर यह शुरू नहीं होती है, तो कोटा को काफी नुकसान झेलना पड़ेगा. कोचिंग बंद होने से हॉस्टल मालिक के अलावा कोटा का पूरा व्यापार चौपट हो गया है, क्योंकि बच्चे जो यहां पढ़ने आते हैं. उन्हीं के चलते कोटा की अर्थव्यवस्था चलती है. उसी से पूरा व्यापार और हॉस्टल से लेकर रेस्टोरेंट और अन्य फुटकर व्यापार भी संचालित होते हैं.

8 तारीख से अनिश्चितकालीन बंद की घोषणा

कोटा की कोचिंग संस्थानों को शुरू करवाने और व्यापार को भी पूरी तरह से व्यवस्थित करवाने, साथ ही रात्रिकालीन कर्फ्यू पाबंदी भी खत्म करवाने के लिए व्यापार महासंघ आंदोलनरत है. इसी को लेकर उन्होंने 8 तारीख का अल्टीमेटम राज्य सरकार को दिया है. जिसमें उन्होंने कहा कि 8 तारीख के पहले सभी कोचिंग संस्थान को खोलने की अनुमति दी जाए. जिसका भी पत्र उन्हें मिले, अन्यथा वह कोटा को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर देंगे. उसका खामियाजा सरकार को झेलना होगा. कोटा को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा. इसमें सभी व्यापारिक संस्थाएं एकजुट है.

पढे़ं- किसान आंदोलन के बीच नए साल का आगाज, राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर योगेंद्र यादव से Exclusive बातचीत

राजनीतिक दलों ने किया कोचिंग खिलाने का समर्थन

पैदल पदयात्रा को सभी राजनीतिक पार्टियों का भी समर्थन प्राप्त था. सभी लोगों ने कोटा के कोचिंग संस्थानों को खुलवाने की मांग रखी है. सभी का कहना है कि कोचिंग संस्थान चालू नहीं होने से कोटा को भी नुकसान नहीं हो रहा है, जबकि यहां पढ़ने वाले स्टूडेंट जो कि देश भर से आते हैं, उन्हें भी आईआईटी और मेडिकल प्रवेश के अच्छे अवसर कोटा प्रदान करता है.

पदयात्रा में भी भाजपा और कांग्रेस से जुड़े हुए जनप्रतिनिधियों नेता भी शामिल हुए. जिनमें जगदीश जिंदल, राखी गौतम, विवेक राजवंशी, गोपालराम मंडा, मोहित गौतम, सुनील अग्रवाल, नवीन मित्तल, विश्वनाथ शर्मा, शुभम अग्रवाल, मनीष जैन अक्कू शामिल थे.

कोटा. शहर के बंद कोचिंग संस्थानों को खुलवाने के लिए कोटा व्यापार महासंघ आंदोलनरत है. शुक्रवार को इसी क्रम में नए साल के अवसर पर गणेश मंदिर के दर्शन और पैदल पदयात्रा का कार्यक्रम व्यापार महासंघ की ओर से रखा गया. इसको लेकर महासंघ से जुड़े हुए व्यापारी, कोचिंग संस्थान के लोग, हॉस्टल व्यवसायी और वहां काम करने वाले सभी कार्मिक शामिल हुए.

व्यापार महासंघ ने निकाली सद्भावना पदयात्रा

हजारों की संख्या में एकत्रित हुए लोग ओम सिनेप्लेक्स के नजदीक पहुंचे. यहां से सद्भावना पदयात्रा खड़े गणेशजी मंदिर के लिए रवाना हुआ. इसमें शामिल सभी लोग भजन गाते हुए झूमते चल रहे थे और सब की एक ही मांग थी कि कोटा की अर्थव्यवस्था का मुख्य स्तंभ कोटा कोचिंग शुरू किया जाए.

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इस सद्भावना पदयात्रा में बड़ी संख्या में पदयात्री शामिल थे, जो कि कोटा की कोचिंग खुलवाने के लिए राजस्थान सरकार से मांग कर रहे थे. इन लोगों का कहना है कि सरकार कोविड-19 का खतरा कम होने के बावजूद भी कोटा के कोचिंग संस्थानों को नहीं खोल रही है.

कोटा की रीढ़ की हड्डी है कोचिंग

सद्भावना रैली के पहले कोटा शहर के प्रमुख लोगों ने संबोधित किया. इसमें कोटा को कोचिंग रीढ़ की हड्डी बताया और कहा कि अगर यह शुरू नहीं होती है, तो कोटा को काफी नुकसान झेलना पड़ेगा. कोचिंग बंद होने से हॉस्टल मालिक के अलावा कोटा का पूरा व्यापार चौपट हो गया है, क्योंकि बच्चे जो यहां पढ़ने आते हैं. उन्हीं के चलते कोटा की अर्थव्यवस्था चलती है. उसी से पूरा व्यापार और हॉस्टल से लेकर रेस्टोरेंट और अन्य फुटकर व्यापार भी संचालित होते हैं.

8 तारीख से अनिश्चितकालीन बंद की घोषणा

कोटा की कोचिंग संस्थानों को शुरू करवाने और व्यापार को भी पूरी तरह से व्यवस्थित करवाने, साथ ही रात्रिकालीन कर्फ्यू पाबंदी भी खत्म करवाने के लिए व्यापार महासंघ आंदोलनरत है. इसी को लेकर उन्होंने 8 तारीख का अल्टीमेटम राज्य सरकार को दिया है. जिसमें उन्होंने कहा कि 8 तारीख के पहले सभी कोचिंग संस्थान को खोलने की अनुमति दी जाए. जिसका भी पत्र उन्हें मिले, अन्यथा वह कोटा को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर देंगे. उसका खामियाजा सरकार को झेलना होगा. कोटा को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा. इसमें सभी व्यापारिक संस्थाएं एकजुट है.

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राजनीतिक दलों ने किया कोचिंग खिलाने का समर्थन

पैदल पदयात्रा को सभी राजनीतिक पार्टियों का भी समर्थन प्राप्त था. सभी लोगों ने कोटा के कोचिंग संस्थानों को खुलवाने की मांग रखी है. सभी का कहना है कि कोचिंग संस्थान चालू नहीं होने से कोटा को भी नुकसान नहीं हो रहा है, जबकि यहां पढ़ने वाले स्टूडेंट जो कि देश भर से आते हैं, उन्हें भी आईआईटी और मेडिकल प्रवेश के अच्छे अवसर कोटा प्रदान करता है.

पदयात्रा में भी भाजपा और कांग्रेस से जुड़े हुए जनप्रतिनिधियों नेता भी शामिल हुए. जिनमें जगदीश जिंदल, राखी गौतम, विवेक राजवंशी, गोपालराम मंडा, मोहित गौतम, सुनील अग्रवाल, नवीन मित्तल, विश्वनाथ शर्मा, शुभम अग्रवाल, मनीष जैन अक्कू शामिल थे.

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