कोटा. प्रदेश में निजी बस मालिकों ने लॉकडाउन समय अवधि का बसों का टैक्स माफ करने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है. राज्य सरकार ने लॉकडाउन समय के टैक्स वसूलने की तैयारी शुरू कर दी थी. ऐसे में सभी बस ऑपरेटरों ने अपनी बसों का चक्का जाम कर दिया है. सोमवार को कोटा में आरटीओ ऑफिस पर बस मालिक संघ ने प्रदर्शन किया.
बड़ी संख्या में बसों को लेकर ऑपरेटर परिवहन कार्यालय पहुंचे. जहां पर बसों की चाबियां परिवहन अधिकारियों को सौंपने के लिए भी गए. हालांकि अधिकारियों ने चाबी नहीं ली. साथ ही आश्वासन दिया है कि उनकी जो मांग है, वह सरकार तक पहुंचा दी जाएगी. बस मालिक संघ के प्रदेश महासचिव सत्यनारायण साहू का कहना है कि राजस्थान में करीब 35 हजार बसें हैं, जो कि 100 करोड़ रुपये का रेवेन्यू राजस्थान सरकार को हर महीने देती हैं.
पढ़ें- जयपुर : वेतन नहीं मिलने से नाराज कंप्यूटर ऑपरेटर्स ने किया विरोध-प्रदर्शन, क्या कहा सुनिए
साथ ही बताया कि इसके अलावा हाड़ौती में 750 बसें हैं. इनका एक करोड़ रुपये टैक्स हर महीने जमा होता है. ये टैक्स सरकार को नहीं मिलेगा. आज तक यही हुआ है. जो चीज उपयोग में नहीं आई, उसका टैक्स सरकार हम से मांग रही है. यह सरकार की गलतफहमी है. जो हम दूर करना चाहते हैं. इसके लिए हमें कुछ भी करना पड़े.
इन तीन मांगों को लेकर शुरू किया चक्काजाम...
बस मालिक संघ के प्रदेश महासचिव साहू ने कहा कि तीन प्रमुख मांगें हमारी हैं, जिनको लेकर हम आंदोलन कर रहे हैं. हमारा 6 महीने का टैक्स माफ किया जाए. जो गाड़ियां नहीं चल पा रही हैं, उनके कागज सरेंडर करवा टैक्स फ्री किया जाए. तीसरी मांग है कि जो हमारे ड्राइवर कंडक्टर 3 महीने से घरों में थे, रोजगार नहीं था. उनको भी आर्थिक पैकेज दिया जाए. यह पूरी नहीं होती है, तब तक चक्काजाम ही रखेंगे. प्रदेश में हमारी कोई गाड़ियां संचालित नहीं होंगी.