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Russia Ukraine War : यूक्रेन से कोटा लौटे 6 छात्र, कहा- हमारे आने के बाद बंद हो गई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें

यूक्रेन से कोटा लौटे 6 सदस्य भारतीय छात्रों के दल (Russia Ukraine War) ने कहा कि वे चार्टर विमान से यूनिवर्सिटी और दूतावास की मदद से दिल्ली पहुंचे है. जिसमें 150 से ज्यादा विद्यार्थी आए थे. इनमें 17 राजस्थान के थे. जिन्हें राजस्थान सरकार के अधिकारियों ने दिल्ली में रिसीव किया. जिनमें 6 स्टूडेंट एक साथ संपर्क क्रांति ट्रेन से कोटा पहुंचे.

Russia Ukraine War
यूक्रेन से कोटा लौटे 6 छात्र
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Published : Feb 25, 2022, 7:46 AM IST

कोटा. रूस और यूक्रेन के बीच में युद्ध छिड़ (Russia Ukraine Crisis) गया है. इसी बीच हजारों की संख्या में भारतीय छात्र वहां पर फंस गए हैं. इसके अलावा भारतीय नागरिक भी वहां पर बड़ी संख्या में मौजूद हैं. कोटा पहुंचे 6 सदस्य भारतीय छात्रों के दल ने कहा कि वे चार्टर विमान से यूनिवर्सिटी दूतावास की मदद से दिल्ली पहुंचे हैं. जिसमें 150 से ज्यादा विद्यार्थी आए थे. इनमें 17 राजस्थान के थे. जिन्हें राजस्थान सरकार के अधिकारियों ने दिल्ली में रिसीव किया.इसके बाद छात्र राजस्थान के अलग-अलग शहरों के लिए दिल्ली से निकल गए. जिनमें 6 स्टूडेंट एक ही साथ संपर्क क्रांति ट्रेन से कोटा पहुंचे. पहुंचते ही स्टूडेंट्स के माता पिता और अन्य परिजनों ने उनका जमकर स्वागत किया.

कोटा पहुंचे स्टूडेंट्स (Rajasthan Students on Ukraine Situation) का कहना है कि जब वे निकले थे, तो वहां पर हालात काबू में थे. हालांकि एडवाइजरी भारतीय दूतावास से जारी की गई थी, लेकिन ऐसा कुछ भी युद्ध जैसा नजर नहीं आ रहा था. जैसे ही वह लौटकर आज सुबह दिल्ली पहुंचे. इसके बाद छात्रों की यूक्रेन में मौजूद मित्रों से बातचीत हुई. उन्होंने ही बताया कि हालात बिगड़ गए हैं. जगह-जगह बमबारी की आवाजें आ रही है. साथ ही उन्हें यूनिवर्सिटी कैंपस और अपने हॉस्टल से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है.

यूक्रेन से कोटा लौटे 6 छात्र

कोटा लौटे छात्रों ने कहा कि 25 फरवरी तक ही एडवाइजरी जारी की थी, लेकिन परिजन उन्हें बार बार बुला रहे थे. ऐसे में उनके दबाव में आकर हम भारत लौट आए. लेकिन अब वे मानते हैं कि उनके परिजनों का फैसला सही था. वह अंतिम चार्टर्ड फ्लाइट थी, जो कि एयरपोर्ट से इंडिया के लिए आई है. इसके बाद में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को यूक्रेन से रोक दिया गया है और युद्ध छिड़ गया है.

पढ़ें : Russia Ukraine War : एक भी दिन और रुक जाते तो पता नहीं क्या होता, यूक्रेन से राजस्थान लौटे छात्रों ने क्या कहा...खुद सुनिए

दूसरी तरफ छात्रों के परिजनों का कहना है कि वह अपने बच्चों को लंबे समय से बुला रहे थे, लेकिन यह लोग कह रहे थे कि कभी भी उनकी ऑफलाइन क्लासेस शुरु हो जाएगी, तब उन्हें वापस जाने में भी दिक्कत होगी, लेकिन अब बच्चे वापस आ गए हैं. यह उनके लिए अच्छा फैसला है. वापस लौटे बच्चों के परिजनों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था. क्योंकि यूक्रेन में चल रहे युद्ध के हालातों के बाद से उन्हें अपने बच्चों की चिंता सता रही थी. उनके परिजन बेसब्री से उनका इंतजार कर रहे थे.

कोटा पहुंचने वाले छात्रों में आयुष चतुर्वेदी, विजय कुशवाहा, मूमल वर्मा, आर्यन सुमन, काशिफ खान और संदीप नागर शामिल है. इनमें संदीप नागर बारां जिले के निवासी हैं. जबकि अन्य 5 छात्र कोटा के हैं. यह सभी यूक्रेन के चेरनिवत्सी यूनिवर्सिटी में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे. छात्रों से जब हालातों को लेकर हमने बात की तो उन्होंने बताया कि वहां से जल्द से जल्द निकलने की चिंता उन्हें सता रही थी और वे 22 तारीख को कीव से विशेष चार्टर फ्लाइट पकड़ कर दिल्ली पहुंचे. दिल्ली से ट्रेन पकड़ कर आज कोटा पहुंचे हैं. यहां पहुंचकर ही जान में जान आई है.

पढ़ें : Russia Ukraine War Effect: जोधपुर का महादेव, नेहा और सुरभि समेत कई छात्र फंसे, राजधानी कीव से मदद की लगाई गुहार

उन्होंने बताया कि वहां युद्ध के हालात से सभी नागरिकों में भारी तनाव और भय है. हमारे विश्वविद्यालय में पढ़ रहे करीब 800 स्टूडेंट्स अभी भी वहां मौजूद हैं. इसके अलावा यूक्रेन के अलग-अलग यूनिवर्सिटी में करीब 5 से 6 हजार इंडियन स्टूडेंट है. हर कोई यूक्रेन से जल्द भारत आने की जद्दोजहद में है. छात्र संदीप नागर का कहना है कि वहां पर यूक्रेन से भारत आने वाली सभी फ्लाइट का किराया काफी गुना बढ़ गया है.

यूनिवर्सिटी और भारतीय दूतावास ने उनके लिए विशेष चार्टर विमान की व्यवस्था की थी. यह सीधा कीव एयरपोर्ट से कोटा पहुंचा है. इसमें उनका करीब 56000 रुपए प्रति स्टूडेंट का खर्चा हुआ है. छात्रों के कोटा पहुंचने को लेकर कोटा प्रशासन भी अलर्ट मोड पर था. एसडीएम दीपक मित्तल भी स्टेशन पहुंचे और छात्रों का स्वागत किया और उनके परिजनों को शुभकामनाएं दी.

अधिकांश स्टूडेंट 2 महीने पहले ही गए : स्टूडेंट और उनके पेरेंट्स का कहना है कि चेरनिवत्सी यूनिवर्सिटी करीब 1400 किलोमीटर दूर है. जहां पर अभी युद्ध चल रहा है. यह विश्वविद्यालय बॉर्डर के नजदीक है. ऐसे में दूसरे देशों के एयरपोर्ट की मदद लेते हुए बच्चों को पहले वहां पर शिफ्ट किया जाए. फिर वहां से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के जरिए भारत लाया जाए. हालांकि अधिकांश बच्चें दिसंबर महीने में ही प्रवेश लेकर एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए वहां गए थे.

स्पीकर ओम बिरला ने शुरू की हेल्पलाइन : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नई दिल्ली में निवास स्थित कार्यालय और संसदीय क्षेत्र कोटा-बूंदी स्थित कैंप कार्यालय में हेल्पलाइन यूक्रेन में फंसे भारतीय स्टूडेंट और नागरिकों के लिए शुरू की है. एयरस्पेस बंद होने से अनेक भारतीय विद्यार्थी वहां फंस गए हैं. इन विद्यार्थियों तक भारतीय दूतावास के माध्यम से सहायता पहुंचाई जा सके. यह हेल्पलाइन 24 घंटे संचालित होगी.

इसमें नई दिल्ली में 011-23014011 व 23014022 नम्बर होगा. जबकि कोटा कैंप कार्यालय में 0744-2505555, 9414037200 पर सम्पर्क किया जा सकता है. विद्यार्थी या अभिभावक इन नंबरों पर फोन करके अपने बारे में सूचना दे सकते हैं. पूरी जानकारी मिलने के बाद कीव स्थित भारतीय दूतावास के जरिए उन तक पहुंचने और आवश्यक सहायता पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा.

कोटा. रूस और यूक्रेन के बीच में युद्ध छिड़ (Russia Ukraine Crisis) गया है. इसी बीच हजारों की संख्या में भारतीय छात्र वहां पर फंस गए हैं. इसके अलावा भारतीय नागरिक भी वहां पर बड़ी संख्या में मौजूद हैं. कोटा पहुंचे 6 सदस्य भारतीय छात्रों के दल ने कहा कि वे चार्टर विमान से यूनिवर्सिटी दूतावास की मदद से दिल्ली पहुंचे हैं. जिसमें 150 से ज्यादा विद्यार्थी आए थे. इनमें 17 राजस्थान के थे. जिन्हें राजस्थान सरकार के अधिकारियों ने दिल्ली में रिसीव किया.इसके बाद छात्र राजस्थान के अलग-अलग शहरों के लिए दिल्ली से निकल गए. जिनमें 6 स्टूडेंट एक ही साथ संपर्क क्रांति ट्रेन से कोटा पहुंचे. पहुंचते ही स्टूडेंट्स के माता पिता और अन्य परिजनों ने उनका जमकर स्वागत किया.

कोटा पहुंचे स्टूडेंट्स (Rajasthan Students on Ukraine Situation) का कहना है कि जब वे निकले थे, तो वहां पर हालात काबू में थे. हालांकि एडवाइजरी भारतीय दूतावास से जारी की गई थी, लेकिन ऐसा कुछ भी युद्ध जैसा नजर नहीं आ रहा था. जैसे ही वह लौटकर आज सुबह दिल्ली पहुंचे. इसके बाद छात्रों की यूक्रेन में मौजूद मित्रों से बातचीत हुई. उन्होंने ही बताया कि हालात बिगड़ गए हैं. जगह-जगह बमबारी की आवाजें आ रही है. साथ ही उन्हें यूनिवर्सिटी कैंपस और अपने हॉस्टल से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है.

यूक्रेन से कोटा लौटे 6 छात्र

कोटा लौटे छात्रों ने कहा कि 25 फरवरी तक ही एडवाइजरी जारी की थी, लेकिन परिजन उन्हें बार बार बुला रहे थे. ऐसे में उनके दबाव में आकर हम भारत लौट आए. लेकिन अब वे मानते हैं कि उनके परिजनों का फैसला सही था. वह अंतिम चार्टर्ड फ्लाइट थी, जो कि एयरपोर्ट से इंडिया के लिए आई है. इसके बाद में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को यूक्रेन से रोक दिया गया है और युद्ध छिड़ गया है.

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दूसरी तरफ छात्रों के परिजनों का कहना है कि वह अपने बच्चों को लंबे समय से बुला रहे थे, लेकिन यह लोग कह रहे थे कि कभी भी उनकी ऑफलाइन क्लासेस शुरु हो जाएगी, तब उन्हें वापस जाने में भी दिक्कत होगी, लेकिन अब बच्चे वापस आ गए हैं. यह उनके लिए अच्छा फैसला है. वापस लौटे बच्चों के परिजनों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था. क्योंकि यूक्रेन में चल रहे युद्ध के हालातों के बाद से उन्हें अपने बच्चों की चिंता सता रही थी. उनके परिजन बेसब्री से उनका इंतजार कर रहे थे.

कोटा पहुंचने वाले छात्रों में आयुष चतुर्वेदी, विजय कुशवाहा, मूमल वर्मा, आर्यन सुमन, काशिफ खान और संदीप नागर शामिल है. इनमें संदीप नागर बारां जिले के निवासी हैं. जबकि अन्य 5 छात्र कोटा के हैं. यह सभी यूक्रेन के चेरनिवत्सी यूनिवर्सिटी में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे. छात्रों से जब हालातों को लेकर हमने बात की तो उन्होंने बताया कि वहां से जल्द से जल्द निकलने की चिंता उन्हें सता रही थी और वे 22 तारीख को कीव से विशेष चार्टर फ्लाइट पकड़ कर दिल्ली पहुंचे. दिल्ली से ट्रेन पकड़ कर आज कोटा पहुंचे हैं. यहां पहुंचकर ही जान में जान आई है.

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उन्होंने बताया कि वहां युद्ध के हालात से सभी नागरिकों में भारी तनाव और भय है. हमारे विश्वविद्यालय में पढ़ रहे करीब 800 स्टूडेंट्स अभी भी वहां मौजूद हैं. इसके अलावा यूक्रेन के अलग-अलग यूनिवर्सिटी में करीब 5 से 6 हजार इंडियन स्टूडेंट है. हर कोई यूक्रेन से जल्द भारत आने की जद्दोजहद में है. छात्र संदीप नागर का कहना है कि वहां पर यूक्रेन से भारत आने वाली सभी फ्लाइट का किराया काफी गुना बढ़ गया है.

यूनिवर्सिटी और भारतीय दूतावास ने उनके लिए विशेष चार्टर विमान की व्यवस्था की थी. यह सीधा कीव एयरपोर्ट से कोटा पहुंचा है. इसमें उनका करीब 56000 रुपए प्रति स्टूडेंट का खर्चा हुआ है. छात्रों के कोटा पहुंचने को लेकर कोटा प्रशासन भी अलर्ट मोड पर था. एसडीएम दीपक मित्तल भी स्टेशन पहुंचे और छात्रों का स्वागत किया और उनके परिजनों को शुभकामनाएं दी.

अधिकांश स्टूडेंट 2 महीने पहले ही गए : स्टूडेंट और उनके पेरेंट्स का कहना है कि चेरनिवत्सी यूनिवर्सिटी करीब 1400 किलोमीटर दूर है. जहां पर अभी युद्ध चल रहा है. यह विश्वविद्यालय बॉर्डर के नजदीक है. ऐसे में दूसरे देशों के एयरपोर्ट की मदद लेते हुए बच्चों को पहले वहां पर शिफ्ट किया जाए. फिर वहां से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के जरिए भारत लाया जाए. हालांकि अधिकांश बच्चें दिसंबर महीने में ही प्रवेश लेकर एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए वहां गए थे.

स्पीकर ओम बिरला ने शुरू की हेल्पलाइन : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नई दिल्ली में निवास स्थित कार्यालय और संसदीय क्षेत्र कोटा-बूंदी स्थित कैंप कार्यालय में हेल्पलाइन यूक्रेन में फंसे भारतीय स्टूडेंट और नागरिकों के लिए शुरू की है. एयरस्पेस बंद होने से अनेक भारतीय विद्यार्थी वहां फंस गए हैं. इन विद्यार्थियों तक भारतीय दूतावास के माध्यम से सहायता पहुंचाई जा सके. यह हेल्पलाइन 24 घंटे संचालित होगी.

इसमें नई दिल्ली में 011-23014011 व 23014022 नम्बर होगा. जबकि कोटा कैंप कार्यालय में 0744-2505555, 9414037200 पर सम्पर्क किया जा सकता है. विद्यार्थी या अभिभावक इन नंबरों पर फोन करके अपने बारे में सूचना दे सकते हैं. पूरी जानकारी मिलने के बाद कीव स्थित भारतीय दूतावास के जरिए उन तक पहुंचने और आवश्यक सहायता पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा.

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