जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह नगर में कोरोना बेकाबू हो चुका है और तेजी से रैपिड स्प्रेड हो रहा है. इसके चलते प्रतिदिन बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित रोगी सामने आ रहे हैं और अपनी जान से भी हाथ धो रहे हैं. लेकिन सरकार जोधपुर के आंकड़ों पर पर्दा डाल रही है. प्रतिदिन आगे से कम अंतर्गत मामले बताए जाते हैं और मौतें भी इक्का-दुक्का.
जोधपुर के हालात का जायजा लेने के लिए चिकित्सा एवं शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव वैभव गालरिया रविवार को जोधपुर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने महात्मा गांधी अस्पताल का करीब 3 घंटे तक दौरा किया. जब वे वार्ड में पहुंचे तो डॉक्टर नदारद मिले. वहीं, मरीजों का रिकॉर्ड पूरा नहीं था. यहां तक कि जिन डॉक्टरों की ड्यूटी थी और हॉस्टल में नदारद थे. इसको लेकर काफी खरी-खोटी भी सुनाई और व्यवस्था सुधारने के निर्देश भी दिए.
इस बीच जब गालरिया से पूछा गया कि आपके आने के एक दिन पहले ही मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने सीनियर डॉक्टर को रोस्टर ड्यूटी में लगाया है तो बीते 12 दिनों तक क्यों नहीं लगाया और इस दौरान हुई 78 लोगों की मौत का कोई तो जिम्मेदार होगा. इस सवाल का जवाब वैभव ने टाल दिए और कहने लगे कि सरकार संवेदनशील है. कहीं कोई लापरवाही होगी तो कार्रवाई होगी.
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उन्होंने यह भी कहा कि सुधार करना एक सतत प्रक्रिया है और यहां जारी है. कमियां हैं तो उन्हें सुधारा जाएगा. जब उनसे पूछा गया कि जोधपुर में जितनी मौतें हो रही है, उतनी दिखाई क्यों नहीं जा रही है. स्थानीय स्तर पर कोरोना की रिपोर्ट बंद क्यों हो गई तो उनका जवाब था कि मौतों को लेकर मैं कुछ नहीं बोलूंगा. इन के अलग-अलग कारण हो सकते हैं. लेकिन कोरोना के जोधपुर के आंकड़े स्थानीय स्तर पर जारी नहीं होने के सवाल का जवाब दिए बगैर वह रवाना हो गए.
हालांकि, इसके बाद जब मेडिकल कॉलेज में अधिकारियों का डॉक्टर की बैठक हुई. इस दौरान उन्होंने इस पर चर्चा भी की और कहा कि सीनियर डॉक्टर के नहीं आने से मुझे बहुत कुछ सुनना पड़ा है. जबकि आप लोगों की ड्यूटी थी. इसके बाद वैभव ने मथुरादास माथुर अस्पताल के कोविड सेंटर भी दौरा किया.