जोधपुर. भारत पाकिस्तान के बीच चलने वाली थार एक्सप्रेस को दोबारा शुरू करने की मांग उठ रही है. सीमा के उस पार और इस पार लोग अपने अपनों से मिलना चाहते हैं. रेल राज्यमंत्री दर्शना जरदोश जब जोधपुर पहुंची (Darshana Jardosh In Jodhpur) तो उनसे इससे जुड़े सवाल पूछे गए. बात उठी कि क्या इस अहम मसले को लेकर मंत्रालय गंभीर है. सवाल कोरोना बाद रेल टिकटों में कटौती संबंधी सुविधाओं पर भी किया गया. इन सवालों पर मंत्री कुछ कह नहीं पाईं और बगले झांकने लगीं. हद तो तब हो गई जब थार एक्सप्रेस के सवाल पर वो कन्फ्यूज (Darshana Jardosh avoid questions on concession in rail) हो गईं.
फंसी तो इस तरह बचीं: उनके कन्फ्यूजन को आखिरकार रेल अधिकारी ने दूर किया. बीच बचाव कर बात संभाली तब रेल मंत्री को रिकॉल हुआ और बोली कि ये तो दो देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर निर्भर करता है।.वो मंत्रालय में सोचेंगे. इसी तरह से जब रियायत कब लागू होगी इस पर बोली कि बजट के समय मांग आई थी लेकिन अभी इस पर विचार चल रहा है.रेल राज्य मंत्री ने उत्तर पश्चिम रेलवे में हुए कार्यों को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि इलेक्ट्रिफिकेशन व दोहरीकरण का काम तेजी से चल रहा है यात्री सुविधा के साथ-साथ माल लदान में भी रेलवे लगातार अपनी क्षमता बढ़ा रहा है.
पाक विस्थापित कर रहे हैं थार की मांग: कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद थार एक्सप्रेस का संचालन बंद हो गया था. बीते 3 सालों से इस गाड़ी के नहीं चलने से पाकिस्तान से आने वाले हिंदू विस्थापित के रूप में रहते हैं.उनके परिवारों को काफी परेशानी हो रही है क्योंकि दर्जनों परिवारों के कई सदस्य पाकिस्तान में अटके हुए हैं. बिना थार एक्सप्रेस के उनका आना संभव नहीं है. वाघा बॉर्डर से बहुत कम लोगों को आने की अनुमति दी जा रही है.