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पॉजिटिव मरीजों के उपचार केंद्र में गूंजी जुड़वा किलकारियां - राजस्थान की ताजा हिंदी खबरें

जोधपुर के रेल अस्पताल में इन-दिनों कोरोना मरीजों क इलाज चल रहा है. इसके साथ यहां के डॉक्टर प्रसव सुविधा भी दे रहे है. 3 दिन में यहां 2 गर्भवतियों ने जुड़वां जिंदगियों को जन्म दिया है. शुक्रवार को इसी अस्पताल में काम करने वाले ड्रेसिंग मैन की पत्नी संतोष ने भी जुड़वा बच्चों को जन्म दिया.

Twin children in Jodhpur railway hospital, जोधपुर रेलवे अस्पताल में जुड़वा बच्चे का जन्म
जोधपुर रेलवे अस्पताल में जुड़वा बच्चे का जन्म
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Published : May 8, 2021, 10:17 AM IST

जोधपुर. कोरोना के चलते शहर के लगभग सभी अस्पतालों में मरीजों की भरमार हो रखी है, ऐसे में सामान्य मरीजों के उपचार को लेकर काफी परेशानी उठानी पड़ रही है, हालांकि प्रसव सुविधा सरकारी अस्पतालों में अभी जारी है, लेकिन इसके लिए भी काफी मशक्कत हो रही है. खासतौर से जिन अस्पतालों में कोविड मरीजों का उपचार चल रहा है, वहां पर प्रसव सुविधा जारी रखने के लिए डॉक्टर्स को बहुत ज्यादा प्रोटेक्शन रखते हुए काम करना पड़ रहा है.

जोधपुर के रेल मंडल के अस्पताल में लगातार रेल कर्मियों को यहां स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में सुविधाएं दी जा रही है. 3 दिन में यहां 2 गर्भवतियों ने जुड़वां जिंदगियों को जन्म दिया है. शुक्रवार को इसी अस्पताल में काम करने वाले ड्रेसिंग मैन की पत्नी संतोष ने भी जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. अस्पताल की डॉक्टर नेहा तिवारी ने सिजेरियन से यह प्रसव करवाया.

उनका कहना है कि वर्तमान समय में प्रसव पूर्व कई तरह का जोखिम होने की आशंका रहती है, लेकिन दोनों प्रसूताओं ने डर के इस माहौल हमारे पर भरोसा जताया. दोनों प्रसूताएं और नवजात पूरी तरह से स्वस्थ है, उनकी लगातार स्वास्थ्य जांच की जा रही है.

पढे़ंः सचिन पायलट ने ट्वीट कर सरकार और विधायक से कोरोना मरीज के लिए मांगी मदद, ऐसे बचाई जान

उल्लेखनीय है कि जोधपुर के रेल मंडल अस्पताल में भी कोरोना मरीजों का उपचार शुरू हो चुका है, यहां रेलवे के कर्मचारी बड़ी संख्या में प्रचाररत है. रेलवे अस्पताल में कोरोना उपचार शुरू होने से मथुरादास माथुर को महात्मा गांधी अस्पताल का दबाव भी कम हुआ है.

जोधपुर. कोरोना के चलते शहर के लगभग सभी अस्पतालों में मरीजों की भरमार हो रखी है, ऐसे में सामान्य मरीजों के उपचार को लेकर काफी परेशानी उठानी पड़ रही है, हालांकि प्रसव सुविधा सरकारी अस्पतालों में अभी जारी है, लेकिन इसके लिए भी काफी मशक्कत हो रही है. खासतौर से जिन अस्पतालों में कोविड मरीजों का उपचार चल रहा है, वहां पर प्रसव सुविधा जारी रखने के लिए डॉक्टर्स को बहुत ज्यादा प्रोटेक्शन रखते हुए काम करना पड़ रहा है.

जोधपुर के रेल मंडल के अस्पताल में लगातार रेल कर्मियों को यहां स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में सुविधाएं दी जा रही है. 3 दिन में यहां 2 गर्भवतियों ने जुड़वां जिंदगियों को जन्म दिया है. शुक्रवार को इसी अस्पताल में काम करने वाले ड्रेसिंग मैन की पत्नी संतोष ने भी जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. अस्पताल की डॉक्टर नेहा तिवारी ने सिजेरियन से यह प्रसव करवाया.

उनका कहना है कि वर्तमान समय में प्रसव पूर्व कई तरह का जोखिम होने की आशंका रहती है, लेकिन दोनों प्रसूताओं ने डर के इस माहौल हमारे पर भरोसा जताया. दोनों प्रसूताएं और नवजात पूरी तरह से स्वस्थ है, उनकी लगातार स्वास्थ्य जांच की जा रही है.

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उल्लेखनीय है कि जोधपुर के रेल मंडल अस्पताल में भी कोरोना मरीजों का उपचार शुरू हो चुका है, यहां रेलवे के कर्मचारी बड़ी संख्या में प्रचाररत है. रेलवे अस्पताल में कोरोना उपचार शुरू होने से मथुरादास माथुर को महात्मा गांधी अस्पताल का दबाव भी कम हुआ है.

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