जोधपुर. देश में एक बार फिर से टिड्डी हमले (Locust attack) की संभावना बन रही है. मानसून के अगले महीने यानी जुलाई में पाकिस्तान (Pakistan) से भारत में टिड्डी दल का हमला हो सकता है. इस हमले की आशंका को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) के खाद्य एवं कृषि संगठन ने अलर्ट जारी किया है. ये हमला अगले महीने यानी जुलाई में हो सकता है.
वहीं, टिड्डी हमले (Locust attack in Rajasthan) को लेकर टिड्डी चेतवानी संगठन का कहना है कि भारत में जून महीने में टिड्डी आने की संभावना नहीं है. संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) के टिड्डी चेतावनी संगठन (Locust Alert Organization) की रिपोर्ट के अनुसार अभी टिड्डी साउथ वेस्ट ईरान और सऊदी अरब में है और वहां से यमन की ओर जाएगी. सामान्यत: टिड्डी दल हवा के साथ आते हैं, जिनकी संभावनाएं अभी बिल्कुल नहीं है.
जोधपुर टिड्डी चेतावनी संगठन के सहायक निदेशक डॉ. वीरेंद्र कुमार ने बताया कि जून में टिड्डी (Locust attack in june) आने की कोई संभावना नहीं है. जुलाई या आगे टिड्डी आती है तो उसको खत्म करने को लेकर पूरी तैयारियां कर ली गई है. हमारे पास 90 एडवांस मशीनें आ चुकी है. इसके अलावा 50 हजार लीटर कीटनाशक रसायन का भी स्टॉक कर लिया गया है.
संगठन ने राजस्थान और गुजरात मे 11 जगह कंट्रोल रूम (Locust Control Room) भी बनाए हैं. टिड्डी आने पर किसान वहां सम्पर्क कर सकते हैं. सहायक निदेशक ने बताया कि वर्तमान में जो बातें सामने आ रही है कि जून में टिड्डी आएगी यह गलत है. उन्होंने यह भी कहा कि नमी के बाद टिड्डी पनपने की आशंका रहती है, लेकिन हमने पूरा सर्वे करवा लिया है और राजस्थान में किसी भी जिले में वर्तमान में टिड्डी नहीं है. ऐसे में यह आशंका बिल्कुल निराधार है.
यहां बनाए कंट्रोल रूम
सहायक निदेशक के अनुसार किसानों को तुरंत सहायता उपलब्ध करवाने के लिए जोधपुर, जालोर, बाड़मेर, जैसलमेर, चूरू, बीकानेर, सूरतगढ़, फलोदी, बीकानेर और पालनपुर भुज में कंट्रोल रूम (Locust Control Room) बनाए गए हैं. इनके नंबर भी जारी किए गए हैं.
UNO ने जारी किया अलर्ट
संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य एवं कृषि संगठन की ओर से 3 जून को जारी टिड्डी बुलेटिन के अनुसार पूर्वी अफ्रीका के इथोपिया और सोमालिया में बरसात होने से टिड्डी आबादी बढ़ी है. लिहाजा ये टिड्डियां ईरान, पाकिस्तान और बलूचिस्तान होते हुए भारत में राजस्थान बॉर्डर से प्रवेश करेगा. भारत सरकार का टिड्डी नियंत्रण विभाग इसको लेकर पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है.
गौरतलब है कि गत वर्ष पाकिस्तान के रास्ते ईरान से आए टिड्डी दलों ने काफी नुकसान पहुंचाया था. उस दौरान टिड्डियों को मारने के लिए हेलीकॉप्टर की भी मदद ली गई थी.