जोधपुर. फलौदी के जांबा पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है. जहां तीन नाबालिगों को चोरी का आरोपी बताकर बिना मुकदमा दर्ज किए तीन दिन तक थाने में रखकर थर्ड डिग्री से टॉर्चर किया. जांबा पुलिस द्वारा तीन नाबालिगों को चोरी का आरोपी बताकर उन्हें 11 मार्च को पुलिस थाना लाया गया, जहां उन्हें तीन दिन थाने में बिठाकर तरह-तरह की अमानवीय यातनाएं दी गईं. जबकि पुलिस द्वारा तीन दिन तक किसी भी तरह का कोई मामला भी दर्ज नहीं किया गया.
पीड़ित तीनों छात्र विद्यार्थी बताए जा रहे हैं, जिसमें दो की उम्र 17 वर्ष है तो तीसरा महज 11 साल का है. पीड़ितों ने जांबा थाने के सामने भी प्रदर्शन किया. जांबा पुलिस से न्याय नहीं मिलने पर आज परिजन फलौदी वृताधिकारी कार्यालय पहुंचे. परिजनों ने डीवाईएसपी पारस सोनी को पूरी घटना की जानकारी दी. उनके साथ तीनों पीड़ित नाबालिग भी पेश हुए, जिसके बाद पारस सोनी ने मामले की जांच करवाने का आश्वासन दिया. पीड़ितों का मेडिकल करवाया गया.
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इस प्रकरण की रिपोर्ट मिलने के बाद ग्रामीण पुलिस अधीक्षक अनिल कयाल के निर्देश पर जांबा पुलिस थाने के एएसआई मल्लू राम व कांस्टेबल सुनील व मांगीलाल को तुरंत प्रभाव से लाइन हाजिर करते हुए थाने से हटा दिया है. परिजनों ने बताया कि 3 दिन तक हमारे बच्चों को उठाने में बुरी तरह से पीटा गया. उनके हाथ-पांव फूल गए गुप्तांगों पर भी वार किया गया. उन्हें मांगने पर भी पानी तक नहीं दिया गया.
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नाबालिगों के परिजनों ने बताया कि जब बच्चे असहनीय मारपीट से बेहोश हो गए तो हमें सूचित किया गया कि इन्हें ले जाओ, लेकिन होश में आने पर तीनों को वापस ले आना. अब बात यह है कि इस पूरे प्रकरण में जांबा थाना अधिकारी की भूमिका भी संदेहास्पद है. क्योंकि बिना थाना अधिकारी की अनुमति के तीन नाबालिगों को थाना में रखना संभव नहीं होता है, जिसको लेकर आने वाले दिनों में और गाज गिर सकती है.