जोधपुर. मशूहर फिल्म अभिनेता इरफान खान की जोधपुर से भी यादें जुड़ी हैं. जोधपुर अभिनेता का ननिहाल था. वहीं अभिनेता के मामा ने बताया कि इरफान को सदमा न लगे इसलिए इसे मां की इंतकाल की खबर नहीं दी गई थी.
शहर के भीतरी इलाके के जालप मोहल्ले में इरफान के ननिहाल का पुश्तैनी मकान है. उनके मामा डॉ. साजिद निसार उनके दोस्त की तरह ही थे. वे बताते हैं कि वह जब भी जोधपुर आता था तो घर आना नहीं भूलता था. घर पर ही अपनी पसंद के जोधपुरी खाना खाते थे. डॉ. साजिद बताते हैं कि 25 अप्रैल को ही इरफान की मां का इंतकाल हो गया था. इसका सदमा इरफान को नहीं लगे, इसलिए इसकी जानकारी भी नहीं दी गई थी. मां के इंतकाल के दूसरे दिन ही तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल भर्ती करवाया गया था.
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इरफान के मामा का कहना है कि हम लगातार संपर्क में थे. किसी ने ऐसा नहीं सोचा था कि वह जितनी जल्दी बुलंदी पर पहुंचा है और हमसे दूर चला जाएगा. डॉ. साजिद बताते है कि इरफान ने जोधपुर में खूब पतंगे उड़ाई हैं. फरवरी 2018 में वह जब जैसलमेर शूटिंग के लिए आया था तो घर पर आया और सबसे मिलकर गया था. उसके बाद फोन पर ही संपर्क रहा.
जोधपुर संगीत नाटक अकादमी के कारण NSD में मिला एडमिशन
इरफान के मामा का कहना है कि वे थियेटर से जुड़े. जिसके बाद अभिनेता भी थियेटर से जुड़े. डॉक्टर साजिद का कहना है कि इरफान को जब NSD में एडमिशन लेना था तो जोधपुर की संगीत नाटक अकादमी से ही प्रमाण पत्र मिला था. वे बताते हैं कि इरफान जोधपुर के कलाकरों की बहुत इज्जत किया करते थे. फिल्म से जुड़े होने से पहले ही वो मेरे साथ थियेटर देखने आते थे. इरफान की जोधपुर में सबके साथ यादें जुड़ी हैं. फिल्मों में आने से पहले भी वह समय-समय पर जोधपुर आता और अपनी नानी और सभी से मिलता था लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि वह इतनी जल्दी रुखसत हो जाएगा.