जोधपुर. भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने रविवार को अपनी स्थगित की गई पोकरण से रामदेवरा की पैदल यात्रा (Poonia Walking Tour from Pokaran to Ramdevra) बिना किसी को सूचना दिए हुए पूरी कर ली. भले ही पूनिया की पद यात्रा के दौरान उनके साथ बड़ी संख्या में लाव लश्कर नहीं था, लेकिन अकेले यात्रा पूरी कर उन्होंने कई राजनीतिक संदेश दिए हैं. माना जा रहा है कि उन्होंने इस यात्रा से यह बताने का प्रयास किया है कि वह कितने मजबूत हैं. अमित शाह को विदा करने के बाद यात्रा पर निकले पूनिया ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर पोस्ट कर साथ न चलने वालों पर तंज कसा है. पूनिया अपनी पदयात्रा पूरी कर जयपुर लौट (Satish Poonia return Jaipur after walking tour) गए. हालांकि इसकी एक वजह यह भी है कि चुनाव तक पार्टी का नेतृत्व उनके हाथ में रहेगा। ऐसे में आने वाले समय में मारवाड़ में भाजपा के टिकट के दावेदारों का पूनिया के द्वार की ओर रुख होता है तो आश्चर्य की बात नहीं होगी और इसमें किसान कौम पूनिया को मजबूत करने में सबसे आगे होगी. इसके अलावा ओबीसी के दावेदार भी होंगे.
समय के साथ बदलेंगे समर्थकों के समीकरण- वर्तमान में मारवाड़ में भाजपा का सबसे बड़ा चेहरा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत हैं, लेकिन वसुंधरा गुट के पूर्व विधायक व नेताओं ने शेखावत से दूरी बना रखी है. गृहमंत्री की यात्रा के दौरान भी यह नजर आ रहा था, लेकिन शेखावत से दूरी बनाने वालों के लिए बतौर प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया अछूत नहीं हैं. वे पूनिया के पास भी हाजरी लगाने से चूक नहीं रहे हैं. कई पूर्व मंत्री, ससंदीय सचिव विधायक ऐसा कर भी रहे हैं. यह हाल ही में जोधपुर में नजर भी आया था. आने वाले समय में चुनाव नजदीक आने के साथ-साथ दौरे होने लगेंगे तो समर्थकों के पाले बदलने से कई समीकरण बदलते नजर आएंगे. तब पता चलेगा कि मारवाड़ में पूनिया शेखावत को कितनी चुनौती दे पाए हैं, क्योंकि अमित शाह ने कार्यकर्ताओं के सामने शेखावत से अपनी निकटता जाहिर कर स्पष्ट संदेश दे दिया कि उन्हें इग्नोर नहीं किया जा सकता.
मारवाड़ में ओबीसी को साधने में जुटे
मारवाड़ में ओबीसी मतदाताओं की बड़ी संख्या है. इनमें जाट, विश्नोई, प्रजापत, सिरवी पटेल प्रमुख हैं. गत विधान सभा चुनाव में भाजपा को मारवाड़ में 33 सीटें में से 14 सीटें भाजपा ने जीती थीं. इन 14 में 4 सीटें ही ओबीसी प्रत्याशी जीत पाए थे. 14 सीटों में भी ज्यादातर जालौर, पाली सिरोही की थी. जोधपुर, जैसलमेर व बाड़मेर में भाजपा को भारी नुकसान हुआ था. गजेंद्र सिंह शेखावत का असर भी इसी क्षेत्र में है. अब यहां पूनिया ने सभी वर्गों के साथ ओबीसी को प्रमुख रूप से साधना शुरू कर दिया है. यही कारण है कि छह सितंबर को प्रस्तावित यात्रा से एक दिन पहले बड़ी संख्या में पूनिया समर्थक पोकरण पहुंच गए थे.