जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय मुख्यपीठ जोधपुर ने रीट भर्ती 2018 लेवल प्रथम के 894 पदों पर जारी नियुक्ति प्रक्रिया पर अगले आदेश तक रोक लगाते हुए नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है. न्यायाधीश दिनेश मेहता की अदालत ने रामनिवास व अन्य करीब 60 याचिकाकर्ताओं की याचिकाओं पर प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया है.
अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष व्यास के सहयोगी कैलाश चौधरी को नोटिस दिया गया है. याचिकाकर्ता रामनिवास व अन्य याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता सुशील विश्नोई ने निदेशालय बीकानेर की ओर से 29 दिसम्बर 2020 को जारी की गई 894 अभ्यर्थियों की चयन सूची में कैटेगरी अनुसार आरक्षण के संबंध में की गई घोर लापरवाही के तथ्यों सहित अन्य मुद्दे न्यायालय के समक्ष रखे. न्यायालय ने इन दलीलों को देखते हुए वर्तमान में इस भर्ती की जारी नियुक्ति प्रक्रिया पर स्थगन आदेश जारी कर निदेशालय व सरकार से जवाब तलब किया है.
गौरतलब है कि गत माह रीट भर्ती 2018 लेवल प्रथम की एक और चयन सूची प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय ने जारी की थी. उक्त सूची में 894 चयनित अभ्यर्थियों में करीब 859 अभ्यर्थी केवल सामान्य वर्ग के चयनित कर लिए गए थे. जबकि भर्ती नियमों के अनुसार वर्गवार मुताबिक रिक्त पदों पर उक्त चयन सूची जारी की जानी थी. निदेशालय ने भर्ती में आरक्षण के नियमों को ताक पर रखकर जिला आवंटन सूची भी जारी कर दी थी.
पढ़ें- आईटीआई स्टूडेंट्स को गहलोत सरकार की नई सौगात, अब पावर ग्रिड आईटीआई स्टूडेंट को देगा ट्रेनिंग
वंचित अभ्यर्थियों ने निदेशालय के उक्त मनमाने कदम के खिलाफ राजस्थान उच्च न्यायालय में अलग अलग याचिकाए पेश की. जिन पर प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए नोटिस जारी करते हुए नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई हैं. इस मामले में अतिरिक्त महाधिवक्ता ने जवाब के 2 सप्ताह का समय चाहा. जिस पर न्यायालय ने 10 फरवरी को अगली सुनवाई के निर्देश दिए हैं.