जोधपुर. अवैध माइनिंग को लेकर (Rajasthan High Court on Illegal Mining) राजस्थान हाईकोर्ट ने मौका निरीक्षण के लिए तीन IAS की कमेटी गठित करने के आदेश दिए हैं. कमेटी मौके पर जाकर पूरे क्षेत्र का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करेगी, साथ ही सीलबंद लिफाफे में चार सप्ताह में रिपोर्ट पेश करनी होगी.
वरिष्ठ न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव व न्यायाधीश मदनगोपाल व्यास की खंडपीठ ने इसरो रिपोर्ट में अवैध खनन जाहिर होने पर असंतोष जताया. कोर्ट ने कहा कि बडी संख्या में अवैध खनन हो रहा है. इसके लिए तीन आईएएस की कमेटी बनाकर उसका निरीक्षण करना आवश्यक है. साथ ही जो भी जवाबदार अधिकारी है उन्होने अवैध खनन रोकने का प्रयास नहीं किया है. उनके खिलाफ भी एक्शन लिया जाए, ताकि अवैध खनन को रोका जा सके. हालांकि, एएजी संदीप शाह ने कहा कि माइनिंग विभाग ने कारवाई की और वहां से कुछ मशीनें भी जब्त की है.
गौरतलब है कि ग्रामीणों की ओर से अधिवक्ता मोती सिंह राजपुरोहित ने जनहित याचिका पेश कर बताया कि आबादी क्षेत्र के पास अवैध रूप से माइनिंग की जा रही है. रोहिल्ला कला गांव के खसरा नम्बर 556 गैर मुमकिन भाकर की भूमि है जो कि करीब 1416 बीघा है, जिसमें से करीब 60 बीघा जमीन माइनिंग विभाग को दे दी गई. माइनिंग विभाग ने 12 लोगों को इस भूमि पर खनन पट्टे जारी किये है प्रत्येक को 10 हजार वर्गमीटर का आवंटन किया गया है, जिसके हिसाब से कुल 1,20,000 वर्गमीटर भूमि पर ही खनन होना चाहिए. लेकिन अब तो पूरे खसरे की भूमि पर अवैध रूप से माइनिंग होने लगी है. जबकि माइनिंग गतिविधियो की पाबंदी है.