जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को जोधपुर में एक बार फिर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के व्यावसायीकरण पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश के बड़े शहरों में कोचिंग सेंटर बड़ी संख्या में चल रहे हैं, इतनी फीस ली जाती है कि गरीब तो अफोर्ड ही नहीं कर सकते. ऐसे में हमारी सरकार ने तय किया है कि कॉलेजों का जाल बिछाएंगे और कोचिंग क्लासेस भी शुरू करेंगे जिससे गरीब बच्चों को भी फायदा होगा.
गहलोत ने कहा कि शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं का व्यावसाय नहीं होना चाहिए इसमें नो प्रोफिट नो लॉस के तहत काम होना चाहिए. यह आवश्यक सेवाएं है और ऐसी हमारें संविधान की भावनाएं भी हैं. गहलोत ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में लाभ की बात नहीं होनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं भी हमारी सरकार सुधार रही है. निजी अस्पतालों में महंगा उपचार है इसलिए हमने मुफ्त दवाइयां शुरू की.
उन्होंने कहा कि हम अब आयुष्मान भारत भी शुरू कर रहे हैं. भामाशाह में बहुत गड़बड़ियां थी इसलिए इस योजना को बंद करना पड़ा. गौरतलब है कि जोधपुर के अपने पीछले दौरे पर भी मुख्यमंत्री ने जोधपुर के एमडीएम अस्पताल की कैथलेब मशीन के लोकापर्ण समारेाह में कहा था कि शिक्षा की दुकाने खुल गई है. निजी अस्पताल मरीजों को लूट रहे हैं.
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रविवार को एक बार फिर गहलोत ने बातों बातों में शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के व्यावसायीकरण पर हमला किया है. रविवार को मुख्यमंत्री ने शहर में कई कार्यक्रमों में शिरकत की और शाम को अपने पारिवारिक विवाह समारोह में शामिल हुए और रात करीब दस बजे जयपुर के लिए विशेष विमान से रवाना हो गए.