जोधपुर. राजस्थान की कांग्रेस सरकार में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सरकार को लेकर (Rajasthan Political Crisis) पूरे मारवाड़ में कांग्रेस के विधायक, नेता चुप्पी साधे हुए हैं. केवल ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा ही हैं जो लगातार मुखर हैं और अशोक गहलोत के सिपहसालारों पर लगातार हमलावार बनी हुईं हैं.
विधायक दिव्या मदेरणा ने सोशल मीडिया पर राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर लगातार अपनी बेबाक टिप्पणियों से खुद को सबसे अलग बताया है. इतना ही नहीं, यह भी साबित किया कि वह किसी गुट में नहीं हैं, वह सिर्फ (MLA Divya Maderna Remained Active in Marwar) आलकमान यानी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के प्रति ही वफादार हैं. इसके उलट मारवाड़ के कांग्रेस विधायक आलाकमान को लेकर भी नहीं बोले. शीर्ष नेतृत्व ने जब आंख दिखाई तो गहलोत समर्थक मारवाड़ के विधायक कहने लगे कि वे आलाकमान का सम्मान करते हैं और उनकी बात मानेंगे.
दिव्या बनीं फायर ब्रांड : 25 सितंबर की रात को मंत्री शांति धारीवाल के घर पर हुई बैठक और उसके बाद उपजे हालात के बाद दिव्या मदेरणा ने एक-एक कर सभी पर निशाना साधा. मंत्री धारीवाल और मुख्य सचेतक महेश जोशी को तो कैबिनेट से बाहर करने तक की बात कही. इतना ही नहीं, जब अजय माकन पर जोशी और धारीवाल ने हमला किया तो दिव्या ही सबसे पहले फ्रंट फुट पर जवाब दे रही थीं. नोटिस मिले तो भी समर्थन किया और कड़ी कार्रवाई की मांग रखी. दिव्या ने इस दौरान करीब 50 ट्वीट किए और कुछ रीट्वीट भी किए, जिनको हजारों की संख्या में लोगों ने पसंद किया.
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एक लाइन के प्रस्ताव पर याद दिलाया : दिव्या मदेरणा ने अपने दादा स्व. परसराम मदेरणा के समय 1998 में कांग्रेस विधायकों की बैठक में आलाकमान के नाम एक लाइन का प्रस्ताव पारित होने को वर्तमान हालात से जोड़कर वाकया याद दिलाया. सोशल मीडिया पर अपने दादा का एक इंटरव्यू शेयर किया, जिसे लोगों ने बहुत पसंद किया. जिसमें स्व. परसराम मदेरणा ने कहा कि था कि आलाकमान का आदेश उनके लिए सर्वोपरी है. दिव्या ने लिखा कि आज क्यों आलाकमान के नाम एक लाइन का प्रस्ताव पारित करने में परेशानी हो रही है.
16 विधायक, सभी साइलेंट मोड में : जोधपुर संभाग के छह जिलों में कुल 33 विधानसभा सीटें हैं. इनमें 16 कांग्रेस के विधायक हैं, जबकि दो निर्दलीय कांग्रेस के बागी के रूप में चुनाव जीते थे. दोनों ने सरकार को समर्थन दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कुल 18 विधायक हैं, लेकिन बीते हुए (Congress Politics in Marwar) राजनीतिक घटनाक्रम में किसी ने अपनी बात नहीं रखी. प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी जरूर सक्रिय रहे.
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उन्होंने टीवी चैनल की डिबेट में गहलोत के सिपाहसलारों द्वारा अजय माकन पर लगाए आरोपों का जवाब देते हुए पूरे घटनाक्रम के लिए गहलेात को जिम्मेदार बताया. विधायक हरीश चौधरी पूरे घटनाक्रम के दौरान राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में रहे. यात्रा को लेकर ही ट्विट किए. सरकार में मंत्री सुखराम बिश्नोई ने भी कोई टिप्पणी सोशल मीडिया पर नहीं की. जोधपुर जिले से कांग्रेस के विधायक हीराराम मेघवाल, किशनाराम बिश्नोई, महेंद्र सिंह बिश्नोई, मनीषा पंवार व मीना कंवर के सोशल मीडिया एकाउंट साइलेंट मोड पर रहे.
निर्दलीय भी खामोश : सिरोही से निर्दलीय विधायक और मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा हर दिन कई ट्वीट करते हैं, लेकिन 25 सितंबर को हुए घटनाक्रम और उसके बाद भी उन्होंने आलाकमान के प्रति निष्ठा को लेकर कोई ट्वीट नहीं किया. 27 सितंबर को जरूर लिखा कि मैंने मुख्यमंत्री से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का नामांकन भरने का आग्रह किया है. इसके अतिरिक्त लोढ़ा अपने क्षेत्र के कार्यों के ट्वीट करते रहे. मारवाड़ जंक्शन विधायक खुशवीर सिंह जोजावर की ओर से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. उन्होंने घटनाक्रम के बाद आलाकमान के पक्ष में बयान जरूर दिया.