जयपुर. यूनेस्को की टीम हाल ही में परकोटे में पहुंची और यहां विरासत की दुर्दशा और बढ़ते अतिक्रमण पर चिंता भी जताई थी. यूनेस्को टीम ने चेताया था कि यदि तय मापदंड में काम नहीं हुआ तो विश्व विरासत के खिताब पर संकट आ सकता है. हालात ये हैं कि जिस डेवलपमेंट प्लान और स्पेशल एरिया हेरिटेज प्लान पर परकोटे का संरक्षण और उसके मूल स्वरूप टिका हुआ है. वो अब तक फाइनल नहीं हो पाया है. नगर निगम ने बैठक कर इसका एक प्लान तैयार किया (Protection of the parkota rests on the special area heritage plan). साथ ही प्लान को सार्वजनिक करते हुए लोगों से सुझाव भी मांगे गए हैं.
2011 में लागू किए गए मास्टर प्लान में जयपुर की 6.8 किलोमीटर परिधि क्षेत्र की चारदीवारी को स्पेशल एरिया में शामिल किया गया. मास्टर प्लान लागू होने के 2 साल में स्पेशल एरिया का डेवलपमेंट प्लान बनाकर लागू करना था, लेकिन तब से ये ठंडे बस्ते में चला गया. जिसके बाद से सुनियोजित विकास का प्लान अब तक लापता था. हालांकि यूनेस्को की टीम के चेताने के बाद डेवलपमेंट प्लान को लेकर कुछ मीटिंग भी हुई. जिसमें हेरिटेज स्वरूप और संपत्ति को मूल स्वरूप में लाने, सड़क की चौड़ाई, भू- उपयोग, पार्क, ड्रेनेज सिस्टम, सीवरेज सिस्टम 1500 से ज्यादा चिह्नित पुरानी भवन-हवेली की विस्तृत रिपोर्ट और बिल्डिंग बायलॉज को लेकर गाइडलाइन पर चर्चा हुई. वहीं अब जयपुर रीजन मास्टर विकास योजना 2025 की पालना में परकोटा क्षेत्र के लिये स्पेशल एरिया हेरिटेज डवलपमेंट 2041 का प्रारूप तैयार किया गया है. जिसे सार्वजनिक करते हुए लोगों से सुझाव भी मांगे गए हैं.
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वॉल सीटी की बसावट 300 साल पुरानी: इस संबंध में पूर्व चीफ टाउन प्लानर एच एस संचेती ने बताया कि वॉल सिटी की बसावट करीब 300 साल पुरानी है और यहां करीब 6 लाख की आबादी रह रही है. इस क्षेत्र की जरूरतों और हेरिटेज स्वरूप को मद्देनजर रखते हुए मास्टर प्लान 2025 में इसे स्पेशल एरिया रखा गया था. वहीं यहां की 9 चौकड़ियों को ध्यान में रखते हुए अब स्पेशल एरिया हेरिटेज डवलपमेंट 2041 बनाया गया है. जिसमें पार्किंग, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम, वॉटर लॉगिंग प्रॉब्लम और इंफ्रास्ट्रक्चर के तहत 24 घंटे पानी, सर्विलेंस, इलेक्ट्रिसिटी, ट्रांसपोर्टेशन को भी शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि डेवलपमेंट प्लान के अलावा राज्य सरकार को इकोनॉमी के नजरिए से टूरिज्म के विषय पर भी ध्यान देना चाहिए.
रिस्टोर करने के लिए वर्क ऑर्डर जारी: वहीं साख बचाने के लिए परकोटा वॉल को रिस्टोर करने का वर्क ऑर्डर जारी कर दिया है. पहले चरण में लक्ष्य है कि जिस क्षेत्र में परकोटे की दीवार दोनों तरफ या एक तरफ से भी दिखाई दे रही है, उसकी मरम्मत की जाएगी. इस काम के लिए 20 करोड़ खर्च किए जाएंगे. दूसरे चरण में जहां पर भी दीवार दिखाई नहीं दे पा रही, वहां अतिक्रमण हटाते हुए दीवार के जीर्णोद्धार का कार्य किया जाएगा.