जोधपुर. शहर के भीतरी इलाके नागौरी गेट से लेकर अब कोरोना जालोरी गेट तक पहुंच गया है. कर्फ्यू ग्रस्त इलाका होने के बावजूद यहां हर दिन नए रोगी सामने आ रहे हैं. संकरी गलियों में पसरी आबादी को घर से बाहर निकालने से रोकने में पुलिस ने पूरा जोर लगा दिया, लेकिन लोग रूक नहीं रहे हैं. यही कारण है कि अब तक सामने आए रोगियों में 90 फीसदी रोगी इसी हॉटस्पॉट इलाके के हैं.
इसके चलते जोधपुर कमिश्नरेट के पूर्व उपायुक्त ने 12 अप्रैल को ही जिला कलेक्टर को बीएसएफ व सीआरपीएफ जैसे अद्ध सैनिक बलों को यहां तैनात करने के लिए पत्र लिखा था. जिसके बाद कलेक्टर ने भी दोनों बलों को आगे पत्र लिख दिया, लेकिन अगले दिन ही जोधपुर पुलिस ने कलेक्टर को पत्र लिखकर एक अर्द्धसैनिक बल लगवाने का आग्रह वापस ले लिया. यह खुलासा इस मामले को राजस्थान हाईकोर्ट में दायर याचिका की सुनवाई में सोमवार को हुआ था. इसके बाद इस मामले पर सियासत तेज हो गई है.
भाजपा आरोप लगा रही है कि सरकार के दबाव में पुलिस ने यह आग्रह वापस लिया है, क्योंकि प्रभावित क्षेत्र मुख्यमंत्री की विधानसभा क्षेत्र है. जिसके चलते वहां सख्ती नहीं करवाना चाहते. वहीं कांग्रेस का कहना है कि यह बहुत संवदेनशील समय है. ऐसे में भी भाजपा सांप्रदायिक राजनीतिक से बाज नहीं आ रही है.
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गौरतलब है कि जोधपुर के नागौरी गेट में सबसे पहले कारोना के एक साथ सर्वाधिक मामले सामने आए. इसके बाद इस क्षेत्र में कोरोना ने पांव पसार लिए. जिसके चलते कोरोना उदयमंदिर, नयातालाब, बंबा मोहल्ला, मेडतीगेट, स्टेडियम, फतेहसागर, गुलाब सागर, नई सड़क के बाद कबूतरों का चौक जालप मोहल्ला, सोजती गेट व जालोरी गेट तक फैल गया है. इन क्षेत्रों में कर्फ्यू की पालना नहीं होने को लेकर व स्वास्थ्य कर्मियों कें साथ दुर्व्यवहार की घटनाओं को लेकर हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की गई. जिसकी सुनवाई जारी है. बता दें कि अगली सुनवाई बुधवार को होगी.