जोधपुर. भीलवाड़ा कॉन्स्टेबल हत्याकांड(Bhilwara Constable Murder Case) का मुख्य आरोपी राजू फौजी आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ ही गया. पुलिस लंबे समय से बदमाश की तलाश में थी. आमने-सामने की मुठभेड़ में वो पकड़ में आया. अजमेर रेंज की स्पेशल टीम (Ajmer Range arrested Raju Fauji) ने ये कार्रवाई की.
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शनिवार अल सुबह जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट (Jodhpur Police Commissionerate) के जिला ईस्ट के बनाड़ थाने के खोखरिया गांव में होने की सूचना पर अजमेर रेंज की स्पेशल टीम व जोधपुर पुलिस ने सयुंक्त घेराबंदी की. इसकी भनक लगने पर राजू फौजी ने पुलिस पर फायरिंग (Raju Fauji Fired On Police) की. जवाबी फायरिंग में राजू फौजी के टखने में गोली लग गई. उसे जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. जोधपुर मंडोर एसीपी राजेंद्र दिवाकर की टीम व अजमेर रेंज की स्पेशल टीम के इंस्पेक्टर सुनील ताडा, अशोक और सुरजीत की सयुंक्त कार्रवाई सुबह 6 बजे अंजाम दी गई.
घटना के बाद से पुलिस कमिश्नरेट की टीम ने पूरे इलाके में फैली हुई है अंदेशा जताया जा रहा है कि उसके कुछ साथी भी इस इलाके में हो सकते हैं, जिनकी धरपकड़ के प्रयास किए जा रहे हैं.
गौरतलब है कि राजू फौजी कि पुलिस भीलवाड़ा पोस्ट बलिया कांड में तो तलाश कर ही रही थी. इसके अलावा जोधपुर के चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में उसके खिलाफ हिस्ट्रीशीटर कैलाश मांजू की सुपारी लेने का मामला भी दर्ज है. जोधपुर पुलिस राजू फौजी के कुछ साथियों को पहले इस प्रकरण में गिरफ्तार कर चुकी है लेकिन राजू फौजी की तलाश लंबे समय से जारी थी.
पुलिस की आहट से भगाने की कोशिश
खोखरिया में रामड़ावास निवासी लूणाराम विश्नोई के घर पर पिछले कुछ दिनों से राजू फौजी ने शरण ले रखी थी. अजमेर पुलिस की टीम लगातार उसकी तलाश में थी और साइबर एक्सपर्ट भी लगे हुए थे इसके चलते वहां होने की पुख्ता जानकारी मिली. हालांकि कहा जाता रहा है कि राजू फौजी मोबाइल नहीं रखता था. लेकिन इन दिनों वो लगातार फरार होने के चक्कर में लोगों के संपर्क में था. पुलिस की पैनी निगाह थी.
शुक्रवार देर रात से शनिवार अलसुबह तक पुलिस की टीमें पूरे इलाके में तैनात रहीं, ज्यों ही पुलिस लूणाराम के घर के पास पहुंची तो उसे आहट हो गई. उसने तुरंत अपने रिवाल्वर से पुलिस की टीम पर फायर किया और भागने की कोशिश की. जवाब में पुलिस ने दो फायर किए. जिसमें एक गोली उसके पैर में लगी. इस दौरान वह गिर गया. जिससे उसके सिर में चोट आई. एमडीएम अस्पताल में उसकी सीटी स्कैन सहित अन्य जांच कर दी गई है. वह पूरी तरह से ठीक है.
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फौजी से बदमाश बनने का सफर
राजू फौजी उर्फ राजू विश्नोई जोधपुर जिले के धवा के पास डोली का रहने वाला है. 2005 में उसकी नियुक्ति CRPF में हुई थी. नौकरी उसे रास नहीं आई और वो जोधपुर में सब्जी का ठेला लगाने लगा. धीरे-धीरे वो अनर्गल कामों में ध्यान देने लगा. उसने मारपीट, छीना-झपटी शुरू कर दी. 2012 में उसकी भाभी ड्राइवर के साथ चली गई तो राजू ने बिलाड़ा के पास भाभी की नाक काट दी और प्रेमी की पिटाई की. इसके बाद उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हो गए. धीरे-धीरे वह अफीम और शराब की तस्करी में लिप्त हो गया. उसने मई 2018 को बाड़मेर जिले के कल्याणपुर थाना क्षेत्र में बदमाशों के साथ हथियारों के दम पर डोली टोल नाका लूट लिया था.
मांजू की ली थी सुपारी
जोधपुर के हिस्ट्रीशीटर कैलाश मांजू को मारने के लिए राजू फौजी ने विक्रमसिंह नांदिया व अन्य बदमाशों से एक करोड़ की सुपारी ली थी. लेकिन ऐन वक्त पर उसे लगा कि इससे वह पकड़ा जा सकता है तो उसने एडवांस लौटा दिया. इस दौरान पुलिस को पता चल गया तो चौपासनी हाउसिंग बोर्ड पुलिस (Chaupasani Housing Board Police) ने बनाड थाना क्षेत्र के नजदीक डिगाडी में घेराबंदी कर राजू फौजी को पकड़ने का प्लान बनाया. लेकिन वह नहीं मिला उसके तीन साथियों को पुलिस ने पकड़ लिया था.