जोधपुर. रॉबर्ट वाड्रा से जुड़ी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी और महेश नागर के खिलाफ राजस्थान उच्च न्यायालय में चल रहे मामले में ईडी की ओर से पेश किए गए दो प्रार्थना पत्रों पर मंगलवार को एक बार फिर सुनवाई नहीं हो पाई. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पुष्पेन्द्र सिंह भाटी की अदालत में ईडी की ओर से पेश किए गए प्रार्थना पत्रों पर याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं को अपना जवाब पेश करना था, लेकिन समयाभाव के चलते सुनवाई टल गई.
पढ़ें : राजस्थान हाईकोर्ट: आसाराम की अपील पर सुनवाई टली, 8 मार्च को होगी अगली सुनवाई
अब ईडी की ओर से पेश किए गए प्रार्थना पत्र पर 24 फरवरी को अगली सुनवाई होगी. ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा तथा बिचौलिए महेश नागर की कस्टोडियल इन्ट्रोगेसन के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया है. ईडी की ओर से एडीशनल सॉलिटर जनरल आरडी रोस्तगी व जोधपुर से ईडी के अधिवक्ता भानुप्रताप बोहरा ने उच्च न्यायालय द्वारा समयाभाव के चलते दी जा रही तारीख पर न्यायालय से कहा कि जल्द सुनवाई की जाए. वहीं, रॉबर्ट वाड्रा व महेश नागर की ओर से सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी और जोधपुर से कुलदीप माथुर व विकास बालिया को पैरवी करनी थी, लेकिन सुनवाई टल गई.
बीकानेर के कोलायत क्षेत्र में जमीन खरीद से जुड़ा है मामला...
गौरतलब है कि बीकानेर के कोलायत फायरिंग रेंज में 275 बीघा जमीन खरीद-फरोख्त मामले और मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट प्राइवेट हॉस्पिटैलिटी और महेश नागर के खिलाफ केस दर्ज किए गए थे. जिसके खिलाफ उच्च न्यायालय में रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी और महेश नागर ने उच्च न्यायालय में याचिका पेश की थी, जिस पर उनको राहत दी गई थी. रॉबर्ट वाड्रा व उनकी मां मौरीन वाड्रा की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाई थी. मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है. ऐसे में अब ईडी की ओर से दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने के लिए दो प्रार्थना पत्र पेश किए गए हैं. उन पर अब याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को जवाब पेश करना था, लेकिन सुनवाई नहीं हो पाई.