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डीजे कैडर की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी, 27 फरवरी किए जा सकेंगे ऑनलाइन

राजस्थान उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार प्रशासन ने डीजे कैडर सीधी भर्ती 2020 की अधिसूचना जारी कर दी है. इसके लिए 27 जनवरी 2021 को दोपहर 1 बजे से 27 फरवरी 2021 को शाम 5 बजे तक ऑनलाइन आवेदन किए जा सकेंगे.

Jodhpur News, राजस्थान उच्च न्यायालय, DJ cadre recruitment
राजस्थान उच्च न्यायालय ने जारी की अधिसूचना
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Published : Jan 6, 2021, 3:42 AM IST

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय प्रशासन ने जिला स्तर कैडर के न्यायाधीशों की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी कर दी है. राजस्थान उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार प्रशासन ने डीजे कैडर सीधी भर्ती 2020 की अधिसूचना जारी की है, जिसमें वर्ष 2019-20 के 02 पद और वर्ष 2020-21 के रिक्त 60 पदो के साथ पिछले वर्षो के बैंकलाग के रिक्त पदों को मिलाकर कुल 85 पदो की वेकेंसी जारी कर दी है.

पढ़ें: तय योग्यता और अनुभव के बावजूद भर्ती प्रक्रिया से बाहर करने पर मांगा जवाब

राजस्थान उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर जारी अधिसूचना के अनुसार 27 जनवरी 2021 को दोपहर 1 बजे से 27 फरवरी 2021 को शाम 5 बजे तक ऑनलाइन आवेदन किए जा सकेंगे. वहीं, परीक्षा शुल्क 27 जनवरी 2021 को दोपहर 01 बजे से 28 फरवरी 2021 की रात 11 बजकर 59 मिनट तक जमा करवाई जा सकेगी.

पढ़ें: किराया नीति को लेकर जल्द हो नीतिगत निर्णय, उच्च न्यायालय ने सरकार को दिए निर्देश

स्टेट हाईवे का निर्माण कार्य फिर से शुरू होने की उम्मीद

राजस्थान उच्च न्यायालय ने जनहित को देखते हुए भावी से खींवसर तक बन रहे स्टेट हाईवे को लेकर पूर्व में जारी स्थगन आदेश को वेकेंट कर दिया है, जिससे अब निर्माण कार्य फिर से शुरू होने की उम्मीद है. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत मोहंती व न्यायाधीश दिनेश मेहता की खंडपीठ के समक्ष याचिकाकर्ता अशोक जैन व अन्य की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. अतिरिक्त महाधिवक्ता करणसिंह राजपुरोहित ने सरकार की ओर से पैरवी करते हुए बताया कि भावी से लेकर खींवसर तक करीब 84 किलोमीटर लम्बा स्टेट हाईवे का निर्माण हो रहा है, जिसमें करीब 75 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. वहीं, गजसिंह पुरा और दो तीन अन्य गांवों के पास निर्माण कार्य रूका हुआ है, जिसके चलते इस मार्ग को अभी तक शुरू नही किया गया है. याचिकाकर्ताओं की जनहित याचिकाओं पर पूर्व में उच्च न्यायालय ने स्ठगन आदेश भी पारित कर रखा है. याचिकाओं में यह भी बताया गया था कि आगोर की भूमि पर मार्ग का निर्माण हो रहा है, जो कि गलत है. सरकार की ओर से जनहित में निर्माण कार्य पूरा करने के लिए स्थगन आदेश को वेकेंट करने के लिए अनुरोध किया गया, जिसे उच्च न्यायालय ने स्वीकार कर दिया. वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मुक्तेश माहेश्वरी ने रिजोंइडर पेश करने के लिए समय चाहा जिस पर न्यायालय ने 2 फरवरी को अगली सुनवाई मुकरर्र की है. न्यायालय ने अंतिम निर्णय को याचिका के अधीन रखा है.

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय प्रशासन ने जिला स्तर कैडर के न्यायाधीशों की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी कर दी है. राजस्थान उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार प्रशासन ने डीजे कैडर सीधी भर्ती 2020 की अधिसूचना जारी की है, जिसमें वर्ष 2019-20 के 02 पद और वर्ष 2020-21 के रिक्त 60 पदो के साथ पिछले वर्षो के बैंकलाग के रिक्त पदों को मिलाकर कुल 85 पदो की वेकेंसी जारी कर दी है.

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राजस्थान उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर जारी अधिसूचना के अनुसार 27 जनवरी 2021 को दोपहर 1 बजे से 27 फरवरी 2021 को शाम 5 बजे तक ऑनलाइन आवेदन किए जा सकेंगे. वहीं, परीक्षा शुल्क 27 जनवरी 2021 को दोपहर 01 बजे से 28 फरवरी 2021 की रात 11 बजकर 59 मिनट तक जमा करवाई जा सकेगी.

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स्टेट हाईवे का निर्माण कार्य फिर से शुरू होने की उम्मीद

राजस्थान उच्च न्यायालय ने जनहित को देखते हुए भावी से खींवसर तक बन रहे स्टेट हाईवे को लेकर पूर्व में जारी स्थगन आदेश को वेकेंट कर दिया है, जिससे अब निर्माण कार्य फिर से शुरू होने की उम्मीद है. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत मोहंती व न्यायाधीश दिनेश मेहता की खंडपीठ के समक्ष याचिकाकर्ता अशोक जैन व अन्य की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. अतिरिक्त महाधिवक्ता करणसिंह राजपुरोहित ने सरकार की ओर से पैरवी करते हुए बताया कि भावी से लेकर खींवसर तक करीब 84 किलोमीटर लम्बा स्टेट हाईवे का निर्माण हो रहा है, जिसमें करीब 75 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. वहीं, गजसिंह पुरा और दो तीन अन्य गांवों के पास निर्माण कार्य रूका हुआ है, जिसके चलते इस मार्ग को अभी तक शुरू नही किया गया है. याचिकाकर्ताओं की जनहित याचिकाओं पर पूर्व में उच्च न्यायालय ने स्ठगन आदेश भी पारित कर रखा है. याचिकाओं में यह भी बताया गया था कि आगोर की भूमि पर मार्ग का निर्माण हो रहा है, जो कि गलत है. सरकार की ओर से जनहित में निर्माण कार्य पूरा करने के लिए स्थगन आदेश को वेकेंट करने के लिए अनुरोध किया गया, जिसे उच्च न्यायालय ने स्वीकार कर दिया. वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मुक्तेश माहेश्वरी ने रिजोंइडर पेश करने के लिए समय चाहा जिस पर न्यायालय ने 2 फरवरी को अगली सुनवाई मुकरर्र की है. न्यायालय ने अंतिम निर्णय को याचिका के अधीन रखा है.

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