जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने क्रिकेटर हार्दिक पांड्या की ओर से पेश एक याचिका की सुनवाई करते हुए अनुसंधान अधिकारी को जांच कर 28 जनवरी को अगली सुनवाई पर तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता की अदालत में याचिकाकर्ता हार्दिक पांड्या की ओर से पेश याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से शिवकुमार भाटी ने पक्ष रखा.
क्या है पूरा मामला
जोधपुर के लूणी थाने में कोर्ट के आदेश के बाद डीआर मेघवाल ने हार्दिक पांड्या के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट की धाराओं के अलावा 124-क, 153क, 295क, 505, 120बी आईपीसी के तहत परिवाद पेश कर मुकदमा दर्ज कराया था. पांड्या पर आरोप है कि उनके Twitter अकाउंट से डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ कथित रूप से अपशब्दों को इस्तेमाल किया गया था.
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इस मामले में हार्दिक पांड्या ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका पेश कर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को चुनौती दी थी. हार्दिक पांड्या के वकील का कहना है कि जिस अकाउंट से अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया था वो फर्जी हैंडल है. हार्दिक पांड्या का आधिकारिक ट्विटर हैंडल नहीं है. इस पर हाईकोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए एफआईआर के क्रियान्वयन पर अंतरिम रोक लगा दी थी.