जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय में गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई की ओर से सुरक्षा के लिए पेश की याचिका बुधवार को न्यायाधीश मनोज गर्ग की अदालत में सूचीबद्ध थी, लेकिन सुनवाई शुरू होने से पहले ही अधिवक्ताओं ने समय देने का आग्रह किया. इस पर न्यायाधीश गर्ग ने 10 मार्च को अगली सुनवाई मुकर्रर की है.
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जोधपुर शहर सहित अन्य राज्यों में दहशत फैलाने, फायरिंग करने वाले गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई को अब अपने ही एनकांउटर का डर सताने लगा है. अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद होने के बावजूद डर इतना है कि राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका पेश कर सुरक्षा की गुहार की है.
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता नमन मोहनोत ने याचिका पेश कर बताया कि अजमेर जेल में बंद लॉरेंस विश्नोई को जान का खतरा है. उसे खाना-पीना एवं बेसिक सुविधाएं नहीं दी जा रही है. उसे आशंका है कि जब उसे जेल से न्यायालय ले जाया जाएगा तब उसका एनाकाउंटर भी किया जा सकता है.
सरकार की ओर से अति राजकीय अधिवक्ता गौरव सिंह ने विरोध करते हुए कहा कि लॉरेंस विश्नोई को कोई खतरा नहीं है, लेकिन लॉरेंस के अधिवक्ता ने कहा कि मानव होने के नाते हर व्यक्ति को भारत का संविधान कुछ अधिकार प्रदान करता है. जिसका उल्लघंन नहीं किया जा सकता है. पिछली सुनवाई पर उच्च न्यायालय ने सरकार से लॉरेंस की सुरक्षा को लेकर सरकार से जवाब तलब किया था. बुधवार को सरकार की ओर से समय चाहा गया जिस पर 10 मार्च को सुनवाई मुकर्रर की गई है.