जोधपुर. सांसद एवं केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा है कि पुलिस के कारण जनता को संबल मिलता है, लेकिन राजस्थान में पुलिस के अनेक अधिकारी और पुलिसकर्मी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. आखिरकार इसका कारण क्या है, यह रुख राज्य सरकार को साफ करना होगा.
शेखावत ने कहा कि प्रदेश में गृह मंत्रालय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास है, इसलिए सिर्फ जांच की बात कह कर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ना उचित नहीं है. पुलिसकर्मियों की आत्महत्या के सवाल पर राजस्थान सरकार के जवाब का इंतजार है. इस मुद्दे पर सरकार को चुप्पी तोड़नी ही होगी.
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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गत 23 मई को चूरू के राजगढ़ थाना प्रभारी विष्णुदत्त विश्नोई के जैसा ही 29 मई को दौसा के सैथल में हेड कांस्टेबल गिरिराज बैरवा और अब जैसलमेर में कांस्टेबल मायाराम मीणा ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया. पिछले 9-10 दिनों में प्रदेश के तीन पुलिसकर्मियों की ओर से जीवन लीला समाप्त करना अपनेआप में एक बड़ा सवाल है, यह एक गंभीर चिंता का विषय है.
शेखावत ने कहा कि पुलिस प्रशासन से जनता को सुरक्षा का संबल मिलता है. पुलिस के जवान और अधिकारी स्वयं को असुरक्षित महसूस क्यों कर रहे हैं? इस पर राज्य सरकार को रुख साफ करना पड़ेगा. सिर्फ जांच की बात कह कर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ना उचित नहीं है.
प्रदेश के गृह मंत्रालय की व्यवस्था के हालात जग जाहिर हैं
शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी भी है और प्रदेश के गृह मंत्रालय की व्यवस्था के हालात जग जाहिर हैं. वहीं, पुलिसकर्मियों की खुदकुशी के पीछे दबाव की बात सामने आ रही है. सरकार बताए कि जनता की सुरक्षा के पहरेदारों को किस वजह से इतना मानसिक संताप महसूस हो रहा था कि उन्होंने जीवन पथ के स्थान पर फांसी के फंदे को चुना.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुश्किल के दौर में पुलिसकर्मियों को अकेला नहीं छोड़ा जा सकता. साथ ही कहा कि मैं उन परिवारों के साथ खड़ा हूं, जिन्होंने अपनों को खोया है. पुलिसकर्मियों की आत्महत्या के सवाल पर राजस्थान सरकार के जवाब का पूरी प्रदेश की जनता को इंतजार है.