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जोधपुर : लोक अदालत में 5 हजार से ज्यादा मामला निस्तारित, टूटे परिवार भी जुड़े - RAJASTHAN NEWS

जोधपुर में महानगर न्यायक्षेत्र के सभी न्यायालयों और स्थाई लोक अदालत द्वारा 5 हजार से ज्यादा मामलों का निस्तारण किया गया. वहीं दूसरी ओर जोधपुर के ओसियां में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में वर्ष 2020 की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. जिसमें 43 मामलों का हाथोंहाथ निस्तारण किया गया.

Lok Adalat of Jodhpur in 2020, 2020 में जोधपुर की लोक अदालत
लोक अदालत में 5 हजार से ज्यादा मामला निस्तारित
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Published : Feb 8, 2020, 11:59 PM IST

जोधपुर. शहर में शनिवार को महानगर न्यायक्षेत्र के सभी न्यायालयों और स्थाई लोक अदालत द्वारा 5 हजार से ज्यादा मामलों का निस्तारण किया गया. इनमे 1 हजार 8 सौ 10 मामलों का निस्तारण लोक अदालत के माध्यम से किया गया और 18 करोड़ 95 लाख 94 हजार 6 सौ 82 रुपए अवार्ड राशि पारित की गई.

लोक अदालत में 5 हजार से ज्यादा मामला निस्तारित

इन विचाराधीन मामलों में से 10 वर्ष से पुराने 53 मामला और 5 से 10 वर्ष के भीतर के 53 मामलों का लोक अदालत के माध्यम से राजीनामा द्वारा निस्तारण किया गया. इसके अतिरिक्त प्रि-लिटिगेशन के कुल 3 हजार 5 सौ 81 मामला निस्तारित किए गए. यह वह मामला हैं जो न्यायालयों में संस्थित होने से पूर्व निस्तारित किए गए.

पढ़ेंः जोधपुरः उत्तर भारत में पहली बार लिथोट्रिप्सी तकनीक से हटाए गए हार्ट के ब्लॉकेज

प्रिलिटिगेशन के मामलों में कुल 77 लाख 63 हजार 16 रुपए का अधिनिर्णय पारित किया गया. पारिवारिक लोक अदालत में कई ऐसे जोड़ों को फिर से मिलाया गया जो लंबे समय से छोटी-छोटी बातों को लेकर अलग रह रहे थे. इन जोड़ों ने कोर्ट रूम में एक बार फिर एक दूसरे को वरमाला पहना कर नए जीवन की शुरू किया.

पढ़ेंः किसानों के साथ बजट से पहले संवाद, गहलोत ने कहा- किसान और पशुपालक राज्य के बजट का अहम हिस्सा

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष और जिला एवं सेशन न्यायाधीश नरसिंहदास व्यास ने बताया कि लोक अदालत न्याय की वह अदालत है. जिसके फैसले को किसी भी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती है. यहां जिस मामले का निस्तारण होता है, उसके बाद उसका अंत हो जाता है. ऐसे में लोक अदालत की नेता लगातार बढ़ रही है. लोक अदालत के माध्यम से अब विवाद खत्म होने से परिवार भी जुड़ने लगे है.

ओसियां में वर्ष कि पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का हुआ आयोजन

ओसियां में वर्ष कि पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का हुआ आयोजन

जोधपुर के ओसियां में शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में वर्ष 2020 की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन सिविल न्यायाधीश सिद्बार्थ सांदू कि अध्यक्षता में किया गया.

पढ़ेंः अभ्यर्थी का दिव्यांग प्रमाण पत्र नहीं बनाने पर हाईकोर्ट ने SMS मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल सहित अन्य को नोटिस जारी

शिविर में आपसी समझाइश से मामलों को सुलझाने के लिए न्यायालय के मामलों और प्रिलिटिगेशन से सबंधित 189 मामलों का चयन किया गया है. इनमें राजीनामा योग्य सिविल, दण्डिक,बैंक रिकवरी, चेक अनादण, श्रम विवाद, बकाया बिल, पारिवारिक और भूमि अधिग्रहण के कुल 43 मामलों का हाथोंहाथ निस्तारण किया गया. न्यायालय के न्यायाधीश सिद्बार्थ सांदू ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में दोनों पक्षों को साथ-साथ बैठाकर आपसी बातचीत और राजीनामे के आधार पर विवाद के निस्तारण का प्रयास किया जाता है.

पढ़ेंः अदालती आदेश की पालना नहीं करने पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी

राष्ट्रीय लोक अदालत का माहौल न्यायालय जैसा नहीं होकर औपचारिक और बहुत ही सहज और सरल होता है. वहीं लोक अदालत के समक्ष दोनों पक्ष अपनी-अपनी बात खुलकर कह सकते हैं. राजीनामा किसी पर भी थोप कर नहीं किया जाता है, बल्कि दोनों पक्षों की स्वैच्छिक सहमति होने पर ही आदेश पारित किया जाता है.

शिविर में बैंक द्बारा डिफॉल्टरों कों दी गई छुट

राष्ट्रीय लोक अदालत शिविर में बड़ी संख्या में बैंकों के डिफाल्टर के खिलाफ मामले थे. एसबीआई शाखा प्रबंधक राकेश व्यास ने बताया कि जिन लोगों ने बैंक से कर्ज ले रखा है और उन्होंने कर्ज समय पर नहीं चुकाया है.

पढ़ेंः जोधपुर: दो दिवसीय मारवाड़ हॉर्स शो का आगाज, देश के अलग-अलग हिस्सों से आए घोड़े

ऐसे डिफॉल्टरों के खिलाफ बैंक द्बारा राजस्व वसूली की प्रक्रिया का अभियान चलाकर वसूली कि जा रही है. वहीं लोक अदालत में डिफॉल्टर को सेटलमेंट का अंतिम मौका दिया गया है और इसमें बैंक की तरफ से ब्याज में छूट की पेशकश की गई. जिससे कानूनी और लंबी प्रक्रिया से बचा जा सकें.

जोधपुर. शहर में शनिवार को महानगर न्यायक्षेत्र के सभी न्यायालयों और स्थाई लोक अदालत द्वारा 5 हजार से ज्यादा मामलों का निस्तारण किया गया. इनमे 1 हजार 8 सौ 10 मामलों का निस्तारण लोक अदालत के माध्यम से किया गया और 18 करोड़ 95 लाख 94 हजार 6 सौ 82 रुपए अवार्ड राशि पारित की गई.

लोक अदालत में 5 हजार से ज्यादा मामला निस्तारित

इन विचाराधीन मामलों में से 10 वर्ष से पुराने 53 मामला और 5 से 10 वर्ष के भीतर के 53 मामलों का लोक अदालत के माध्यम से राजीनामा द्वारा निस्तारण किया गया. इसके अतिरिक्त प्रि-लिटिगेशन के कुल 3 हजार 5 सौ 81 मामला निस्तारित किए गए. यह वह मामला हैं जो न्यायालयों में संस्थित होने से पूर्व निस्तारित किए गए.

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प्रिलिटिगेशन के मामलों में कुल 77 लाख 63 हजार 16 रुपए का अधिनिर्णय पारित किया गया. पारिवारिक लोक अदालत में कई ऐसे जोड़ों को फिर से मिलाया गया जो लंबे समय से छोटी-छोटी बातों को लेकर अलग रह रहे थे. इन जोड़ों ने कोर्ट रूम में एक बार फिर एक दूसरे को वरमाला पहना कर नए जीवन की शुरू किया.

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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष और जिला एवं सेशन न्यायाधीश नरसिंहदास व्यास ने बताया कि लोक अदालत न्याय की वह अदालत है. जिसके फैसले को किसी भी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती है. यहां जिस मामले का निस्तारण होता है, उसके बाद उसका अंत हो जाता है. ऐसे में लोक अदालत की नेता लगातार बढ़ रही है. लोक अदालत के माध्यम से अब विवाद खत्म होने से परिवार भी जुड़ने लगे है.

ओसियां में वर्ष कि पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का हुआ आयोजन

ओसियां में वर्ष कि पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का हुआ आयोजन

जोधपुर के ओसियां में शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में वर्ष 2020 की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन सिविल न्यायाधीश सिद्बार्थ सांदू कि अध्यक्षता में किया गया.

पढ़ेंः अभ्यर्थी का दिव्यांग प्रमाण पत्र नहीं बनाने पर हाईकोर्ट ने SMS मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल सहित अन्य को नोटिस जारी

शिविर में आपसी समझाइश से मामलों को सुलझाने के लिए न्यायालय के मामलों और प्रिलिटिगेशन से सबंधित 189 मामलों का चयन किया गया है. इनमें राजीनामा योग्य सिविल, दण्डिक,बैंक रिकवरी, चेक अनादण, श्रम विवाद, बकाया बिल, पारिवारिक और भूमि अधिग्रहण के कुल 43 मामलों का हाथोंहाथ निस्तारण किया गया. न्यायालय के न्यायाधीश सिद्बार्थ सांदू ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में दोनों पक्षों को साथ-साथ बैठाकर आपसी बातचीत और राजीनामे के आधार पर विवाद के निस्तारण का प्रयास किया जाता है.

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राष्ट्रीय लोक अदालत का माहौल न्यायालय जैसा नहीं होकर औपचारिक और बहुत ही सहज और सरल होता है. वहीं लोक अदालत के समक्ष दोनों पक्ष अपनी-अपनी बात खुलकर कह सकते हैं. राजीनामा किसी पर भी थोप कर नहीं किया जाता है, बल्कि दोनों पक्षों की स्वैच्छिक सहमति होने पर ही आदेश पारित किया जाता है.

शिविर में बैंक द्बारा डिफॉल्टरों कों दी गई छुट

राष्ट्रीय लोक अदालत शिविर में बड़ी संख्या में बैंकों के डिफाल्टर के खिलाफ मामले थे. एसबीआई शाखा प्रबंधक राकेश व्यास ने बताया कि जिन लोगों ने बैंक से कर्ज ले रखा है और उन्होंने कर्ज समय पर नहीं चुकाया है.

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ऐसे डिफॉल्टरों के खिलाफ बैंक द्बारा राजस्व वसूली की प्रक्रिया का अभियान चलाकर वसूली कि जा रही है. वहीं लोक अदालत में डिफॉल्टर को सेटलमेंट का अंतिम मौका दिया गया है और इसमें बैंक की तरफ से ब्याज में छूट की पेशकश की गई. जिससे कानूनी और लंबी प्रक्रिया से बचा जा सकें.

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Body:2020 की पहली लोक अदालत में 5 हजार से ज्यादा प्रकरण निस्तारित, टूटे परिवार भी जुड़े


जोधपुर । महानगर न्यायक्षेत्र के सभी न्यायालयों व स्थाई लोक अदालत द्वारा 5 हजार से ज्यादा प्रकरणों का निस्तारण किया गया। इनमे 1810 प्रकरणों का निस्तारण लोक अदालत के माध्यम से किया गया तथा 189594682/- रूपये अवार्ड राशि पारित की गई। इन विचाराधीन प्रकरणों में से 10 वर्ष से पुराने 53 प्रकरण तथा 5 से 10 वर्ष के भीतर के 53 प्रकरणों का लोक अदालत के माध्यम से राजीनामा द्वारा निस्तारण किया गया। इसके अतिरिक्त प्रि-लिटिगेशन के कुल 3581 प्रकरण निस्तारित किए गए। ये वे प्रकरण हैं जो न्यायालयों में संस्थित होने से पूर्व निस्तारित किये गए। प्रिलिटिगेशन के प्रकरणों में कुल 7763016/- रूपये का अधिनिर्णय पारित किया गया। पारिवारिक लोक अदालत में कई ऐसे जोड़ों को फिर से मिलाया गया जो लंबे समय से छोटी-छोटी बातों को लेकर अलग रह रहे थे। इन जोड़ों ने कोर्ट रूम में एक बार फिर एक दूसरे को वरमाला पहना कर नए जीवन की शुरू किया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष, व जिला एवं सेशन न्यायाधीश नरसिंहदास व्यास ने बताया कि लोक अदालत न्याय की वह अदालत है जिसके फैसले को किसी भी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती यहां जिस मामले का निस्तारण होता है उसके बाद उस वाद का अंत हो जाता है ऐसे में लोक अदालत की नेता लगातार बढ़ रही है लोक अदालत के माध्यम से अब विवाद खत्म होने से परिवार भी जुड़ने लगे है।


बाईट नरसिंगदास व्यास, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण





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