ETV Bharat / city

जोधपुरः क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटियों में पैसा डूबने वाले पीड़ितों ने निकाली रैली

जोधपुर में क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटी के पीड़ित पक्ष ने मंगलवार को रैली निकाल कर जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री मोदी के नाम का ज्ञापन सौंपा.

Victims rally for drowning money in cooperative societies, jodhpur news, जोधपुर न्यूज
कॉपरेटिव सोसायटियों में पैसा डूबने वाले पीड़ितों ने निकाली रैली
author img

By

Published : Dec 17, 2019, 5:11 PM IST

जोधपुर. शहर में मंगलवार को क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटी के पीड़ित पक्ष ने जिला मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और जिला कलेक्टर के प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिया.

कॉपरेटिव सोसायटियों में पैसा डूबने वाले पीड़ितों ने निकाली रैली

बता दें कि ज्ञापन में बताया गया कि लोकतंत्र में सरकार को संवेदनशील होना चाहिए. आए दिन टीवी और समाचार पत्रों में समाचार आता है कि अमुक बैंक डूब गया, अमुक सोसायटी डूब गई, अमुक बैंकों में गबन हो गया. इन सभी बातों से जनता परेशान हो रही है. इन परेशानियों के चलते कई निवेशकों ने खुदकुशी कर ली तो किसी को दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई. वहीं किसी के घरों में बीमारियों का इलाज करवाने के लिए पैसा नहीं है. इन सभी समस्याओं का मुख्य कारण लोगों ने अपनी जिंदगी भर की खून की कमाई इन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों में जमा करवा दी और पैसा डूबने से निवेशक सड़क पर आ गए हैं.

पढ़ेंः जोधपुर: मनरेगा कर्मचारियों का अनशन जारी, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज इंजीनियर एसो. ने दिया नैतिक समर्थन

बता दें कि पीड़ितों ने बताया कि जांच एजेंसियां केवल खानापूर्ति कर रही है और खाताधारकों और निवेशकों की चिंता किसी को नहीं है. पीड़ितों ने बताया कि इस मामले में कार्रवाई हेतु सरकार को अलग से रकम की व्यवस्था करवानी चाहिए. इसके पश्चात् सरकार अपने अधिकारों का उपयोग करके वह रकम उसी कंपनी के खातों से संस्था की प्रोपर्टीयों से, उनकी निजी संपतियों से दिए गए लोन की वसूली से भी वसूल कर सकती है.

जोधपुर. शहर में मंगलवार को क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटी के पीड़ित पक्ष ने जिला मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और जिला कलेक्टर के प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिया.

कॉपरेटिव सोसायटियों में पैसा डूबने वाले पीड़ितों ने निकाली रैली

बता दें कि ज्ञापन में बताया गया कि लोकतंत्र में सरकार को संवेदनशील होना चाहिए. आए दिन टीवी और समाचार पत्रों में समाचार आता है कि अमुक बैंक डूब गया, अमुक सोसायटी डूब गई, अमुक बैंकों में गबन हो गया. इन सभी बातों से जनता परेशान हो रही है. इन परेशानियों के चलते कई निवेशकों ने खुदकुशी कर ली तो किसी को दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई. वहीं किसी के घरों में बीमारियों का इलाज करवाने के लिए पैसा नहीं है. इन सभी समस्याओं का मुख्य कारण लोगों ने अपनी जिंदगी भर की खून की कमाई इन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों में जमा करवा दी और पैसा डूबने से निवेशक सड़क पर आ गए हैं.

पढ़ेंः जोधपुर: मनरेगा कर्मचारियों का अनशन जारी, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज इंजीनियर एसो. ने दिया नैतिक समर्थन

बता दें कि पीड़ितों ने बताया कि जांच एजेंसियां केवल खानापूर्ति कर रही है और खाताधारकों और निवेशकों की चिंता किसी को नहीं है. पीड़ितों ने बताया कि इस मामले में कार्रवाई हेतु सरकार को अलग से रकम की व्यवस्था करवानी चाहिए. इसके पश्चात् सरकार अपने अधिकारों का उपयोग करके वह रकम उसी कंपनी के खातों से संस्था की प्रोपर्टीयों से, उनकी निजी संपतियों से दिए गए लोन की वसूली से भी वसूल कर सकती है.

Intro:जोधपुर।
क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटीयो के पीड़ित पक्ष ने आज रैली निकाल कर जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और भारत के प्रधान मंत्री के नाम का ज्ञापन सौपा।
वीओ ज्ञापन में बताया गया कि लोकतंत्र में सरकार को संवेदनशील होना चाहिए , आये दिन टीवी , समाचार पत्रों में समाचार आता है कि अमूक बैंक डूब गया , अमूक सोसायटी डूब गई , अमूक बैंकों में गबन हो गया . इन सभी बातों से जनता परेशान हो रही है । इन परेशानियों के चलते कई निवेशकों ने खुदकुशी कर ली , किसी को दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई , किसी के घरों में बीमारियों का इलाज करवाने के लिए पैसा नहीं है । किसी के बच्चों की पढाई के लिए पैसा नहीं है , किसी के बच्चों की शादियों के लिए पैसा नहीं है । इन सभी समस्याओं का मुख्य कारण लोगों ने अपनी जिन्दगी भर की गाढी खून का कमाई इन क्रेडिट को - ऑपरेटिव सोसायटियों में जमा करवा दी । ओर पैसा डूबने से निवेशक सड़क पर आ गये है । Body:पीड़ितों ने बताया कि जांच एजेन्सीयां केवल खाना - पूर्ति कर रही है तथा खाताधारकों व निवेशकों की चिंता किसी को नहीं है । कम्पनियों के डायरेक्टर्स बॉडी जो कि हिरासत में है , उन्हें सशर्त जमानत पर निवेशकों को उनकी गाडी कमाई का भुगतान करने हेतु रिहा किया जाय , उनके पासपोर्ट , आधार कार्ड , पैन कार्ड आदि जब्त कर भुगतान शीघ्रतिशीघ्र करवाने की व्यवस्था कर सहयोग करावें । पीड़ितों ने बताया कि इस मामले में कार्यवाही हेतु सरकार को अलग से रकम की व्यवस्था करवानी चाहिए । इसके पश्चात् सरकार अपने अधिकारों का उपयोग करके वह रकम उसी कम्पनी के खातों से संस्था की प्रोपर्टीयों से , उनकी निजी संपतियों से दिये गये लोन की वसूली से भी वसूल कर सकती है । पीड़िता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निवेशकों के पैसे वापस दिलवाने की भी मांग की है।

बाईट शांतिस्वरूप शर्मा पीड़ित Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.