जोधपुर. शहर में तुलसीराम खटीक की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. दलित समाज ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पैतृक निवास पर धरना दिया और पुलिस के दोहरे रवैये पर सवाल उठाए हैं.
दलित समाज लगातार पुलिस पर हमलावार है. दलित समाज का कहना है कि तुलसीराम की हत्या कर उसे जलाया गया था. इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया था लेकिन दलित समाज ने हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया.
मामला तब बढ़ा जब दलितों ने अपनी मांग को लेकर साइकिल रैली निकाली. इस रैली को लेकर शहर की महामंदिर थाना पुलिस ने समाज के पदाधिकारियों पर महामारी एक्ट की धाराएं लगाकर मामला दर्ज कर लिया था. इसके बाद महंगाई को लेकर वैभव गहलोत की ओर से निकाली गई साइकिल रैली पर समाज उग्र हो गया. दलित समाज ने सीधे पुलिस पर सवाल उठा दिया. कहा कि दलितों की रैली पर पुलिस ने महामारी एक्ट लगाया और अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत की रैली में पुलिस उन्हें सुरक्षा देती चल रही थी.
पढ़ें- वाह सरकार : बेटे की रैली के लिए बिछा दिया पुलिसिया कारपेट...दलितों की रैली पर मुकदमा
महामंदिर पुलिस की ओर से किए गए इस भेदभाव के विरोध में शुक्रवार को समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री के पैतृक निवास पर धरना दिया. समाज के लोगों ने कहा कि जब हमारे खिलाफ कार्रवाई की गई तो वैभव गहलोत के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई. जबकि हमने सभी नियमों की पालना की थी. ट्रैफिक जाम नहीं किया. दूसरी ओर कांग्रेस की रैली में 500 से ज्यादा लोग थे और पूरा ट्रैफिक भी जाम हो गया था.
दलित समाज के लोगों का कहना है कि यह दर्शाता है कि कांग्रेस सत्ता में आने के बाद कहती कुछ है और करती कुछ और है. खटीक समाज के प्रतिनिधि सुरेश चंदेल ने बताया कि पुलिस हमारा आंदोलन तोड़ने के लिए हम पर कार्रवाई कर रही है. सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ेगा.