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हाईकोर्ट में सड़क बनाने की सहमति देने के बाद फिर पलटा विश्वविद्यालय प्रशासन, कोर्ट ने कहा क्या इसे अवमानना मानें

जोधपुर में अवैध निर्माण और अतिक्रमण जैसे मुद्दों को लेकर हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई की गयी. यह सुनवाई सोमवार को जस्टिस संगीत लोढ़ा एवं जस्टिस वीके माथुर की खंडपीठ में हुई.

highcourt ask the jnu registrar for not obeying the court orders
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Published : Jul 29, 2019, 11:29 PM IST

जोधपुर. जिले में अवैध निर्माण, अतिक्रमण, बदहाल यातायात व्यवस्था सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर महेंद्र लोढ़ा की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की गयी. जिसपर कोर्ट द्वारा नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है कि क्यों न उनके खिलाफ कोर्ट के आदेशों की अवमानना की कार्रवाई की जाए.

इस सुनवाई के दौरान जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय ने पिछली सुनवाई से पलटते हुए महेंद्र नाथ अरोड़ा ने सर्किल से पीली टंकी तक रोड बनाने के निर्देश को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से आपत्ति दर्ज करवाई. इस पर कोर्ट ने गहरी नाराजगी व्यक्त की. खंडपीठ ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि पिछली सुनवाई पर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने यहां रोड बनाने पर स्वीकृति प्रदान की थी लेकिन अब विश्वविद्यालय की ओर से इस संबंध में प्रार्थना पत्र लगाया गया है.

हाईकोर्ट में सडक बनाने की सहमति देने के बाद फिर पलटा विश्वविद्यालय प्रशासन, कोर्ट ने कहा क्या इसे अवमानना माने..?

पत्र में सिंडिकेट मेंबर एवं प्रोफेसरों की ओर से इस रोड को बनाने का विरोध किया गया है. कोर्ट ने इस संबंध में जेएनवीयू के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है कि क्यों न उनके खिलाफ कोर्ट के आदेशों की अवमानना की कार्रवाई की जाए.

रिंग रोड के निर्माण के दौरान डिफेंस की ओर से जवाब प्रस्तुत किया गया कि जब तक उन्हें रक्षा मंत्रालय से अनुमति नहीं मिल जाती है तब तक रिंग रोड के दूसरे फेज के निर्माण की स्वीकृति नहीं दी जा सकती है. जिस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अशोक छंगाणी ने कहा कि सैन्य क्षेत्र में ही पांच सितारा होटल बनाने की अनुमति दी गई है तो वह किस नियमों के तहत दी गई है.

पढ़े- जोधपुर : भरभराकर गिरा जर्जर अवस्था में पड़ा मकान, बड़ा हादसा टला

अगली सुनवाई 5 अगस्त को निर्धारित की गई है. 5 अगस्त को याचिकाकर्ता की ओर से वह सभी प्रकरण कोर्ट के सामने रखे जाएंगे जिनमें सैन्य क्षेत्र में रक्षा मंत्रालय की ओर से निर्माण की अनुमति दी गई है. वहीं अगली सुनवाई में रक्षा मंत्रालय की ओर से भी यह स्पष्ट किया जाएगा कि उन्हें रिंग रोड निर्माण को लेकर इस बात पर आपत्ति है.

जोधपुर. जिले में अवैध निर्माण, अतिक्रमण, बदहाल यातायात व्यवस्था सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर महेंद्र लोढ़ा की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की गयी. जिसपर कोर्ट द्वारा नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है कि क्यों न उनके खिलाफ कोर्ट के आदेशों की अवमानना की कार्रवाई की जाए.

इस सुनवाई के दौरान जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय ने पिछली सुनवाई से पलटते हुए महेंद्र नाथ अरोड़ा ने सर्किल से पीली टंकी तक रोड बनाने के निर्देश को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से आपत्ति दर्ज करवाई. इस पर कोर्ट ने गहरी नाराजगी व्यक्त की. खंडपीठ ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि पिछली सुनवाई पर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने यहां रोड बनाने पर स्वीकृति प्रदान की थी लेकिन अब विश्वविद्यालय की ओर से इस संबंध में प्रार्थना पत्र लगाया गया है.

हाईकोर्ट में सडक बनाने की सहमति देने के बाद फिर पलटा विश्वविद्यालय प्रशासन, कोर्ट ने कहा क्या इसे अवमानना माने..?

पत्र में सिंडिकेट मेंबर एवं प्रोफेसरों की ओर से इस रोड को बनाने का विरोध किया गया है. कोर्ट ने इस संबंध में जेएनवीयू के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है कि क्यों न उनके खिलाफ कोर्ट के आदेशों की अवमानना की कार्रवाई की जाए.

रिंग रोड के निर्माण के दौरान डिफेंस की ओर से जवाब प्रस्तुत किया गया कि जब तक उन्हें रक्षा मंत्रालय से अनुमति नहीं मिल जाती है तब तक रिंग रोड के दूसरे फेज के निर्माण की स्वीकृति नहीं दी जा सकती है. जिस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अशोक छंगाणी ने कहा कि सैन्य क्षेत्र में ही पांच सितारा होटल बनाने की अनुमति दी गई है तो वह किस नियमों के तहत दी गई है.

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अगली सुनवाई 5 अगस्त को निर्धारित की गई है. 5 अगस्त को याचिकाकर्ता की ओर से वह सभी प्रकरण कोर्ट के सामने रखे जाएंगे जिनमें सैन्य क्षेत्र में रक्षा मंत्रालय की ओर से निर्माण की अनुमति दी गई है. वहीं अगली सुनवाई में रक्षा मंत्रालय की ओर से भी यह स्पष्ट किया जाएगा कि उन्हें रिंग रोड निर्माण को लेकर इस बात पर आपत्ति है.

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Body:हाईकोर्ट में सडक बनाने की सहमति देने के बाद फिर पलटा विश्वविद्यालय प्रशासन, कोर्ट ने कहा क्या इसे अवमानना माने?
जोधपुर। 

जोधपुर शहर में अवैध निर्माण, अतिक्रमण ,बदहाल यातायात व्यवस्था सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर महेंद्र लोढ़ा की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सोमवार को जस्टिस संगीत लोढ़ा एवं जस्टिस वीके माथुर की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय ने पिछली सुनवाई से पलटते हुएमहेंद्र नाथ अरोड़ा सर्किल से पीली टंकी तक रोड बनाने के निर्देश को लेकर जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से आपत्ति दर्ज करवाई । इस पर कोर्ट ने गहरी नाराजगी व्यक्त की। खंडपीठ ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि पिछली सुनवाई पर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने यहां रोड बनाने पर स्वीकृति प्रदान की थी लेकिन अब विश्वविद्यालय की ओर से इस संबंध में प्रार्थना पत्र लगाया गया है कि सिंडिकेट मेंबर एवं प्रोफेसरों की ओर से इस रोड को बनाने का विरोध किया गया है । कोर्ट ने कहा कि कोर्ट ने इस संबंध में जेएनवीयू के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है कि क्यों न उनके खिलाफ कोर्ट के आदेशों की अवमानना की कार्रवाई की जाए। रिंग रोड के निर्माण के दौरान डिफेंस की ओर से जवाब प्रस्तुत किया गया कि जब तक उन्हें रक्षा मंत्रालय से अनुमति नहीं मिल जाती है तब तक रिंग रोड के दूसरे फेज के निर्माण की स्वीकृति नहीं दी जा सकती है जिस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अशोक छंगाणी  ने कहा कि सैन्य क्षेत्र में ही पांच सितारा होटल बनाने की अनुमति दी गई है वह के नियमों के तहत दी गई है। अगली सुनवाई 5 अगस्त को निर्धारित की गई है । 5 अगस्त को याचिकाकर्ता की ओर से वह सभी प्रकरण कोर्ट के सामने रखे जाएंगे जिनमें सैन्य क्षेत्र में रक्षा मंत्रालय की ओर से निर्माण की अनुमति दी गई है । वहीं अगली सुनवाई में रक्षा मंत्रालय की ओर से भी यह स्पष्ट किया जाएगा कि उन्हें रिंग रोड निर्माण को लेकर इस बात पर आपत्ति है ।


बाईट -अशोक छंगाणी ,न्यायमित्र


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