ETV Bharat / city

पुलिस विभाग में तबादला आदेश को हाईकोर्ट ने किया निरस्त, 195 याचिकाकर्ता को बड़ी राहत - transfer order canceled

राजस्थान उच्च न्यायालय की जोधपुर पीठ ने पुलिस विभाग में तबादले के आदेश को निरस्त कर दिया है. इससे 195 याचिकाकर्ताओं को बड़ी राहत मिली है.

तबादला आदेश निरस्त
author img

By

Published : Sep 4, 2021, 8:49 PM IST

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश दिनेश मेहता की अदालत ने पुलिस विभाग में प्रशासनिक फेर बदल करते हुए 05 अगस्त 2021 को जारी किये गये स्थानान्तरण आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए आदेश को निरस्त कर दिया है. इससे याचिकाकर्ताओं को बड़ी राहत मिली है. इस आदेश के खिलाफ पूर्व में न्यायालय ने 11 अगस्त को अंतरिम रोक लगाई थी.

उच्च न्यायालय में सुभाषचन्द्र व अन्य की 195 याचिकाकर्ताओं की ओर से याचिकाएं पेश की गईं थीं. याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता एचएस सिंद्धू, हरिश पुरोहित, महावीर विश्नोई, सुशील सोंलकी ,एसपी शर्मा, विकास बिजरानिया सहित क़रीब एक दर्जन अधिवक्ताओं ने पक्ष रखते हुए बताया कि कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल व सहायक उपनिरीक्षक के पद पर अपने जिलों व रेंज में कार्य कर रहे हैं. पुलिस विभाग ने तीन अलग अलग आदेश 05 अगस्त 2021 के जरिये उनका स्थानान्तरण अन्य रेंज में कर दिया है.

पढ़ें: नियुक्ति से पहले संतान होने पर भी मिलेगा मैटरनिटी लीव का लाभ

उन्होंने कहा कि कांस्टेबल व हेड कांस्टेबल की वरिष्ठता जिला स्तर पर निर्धारित की जाती है जबकि सहायक उपनिरीक्षक की वरियता रेंज लेवल पर निर्धारित की जाती है. राज्य सरकार की ओर से पहले इस मामले में केविएट पेश कर दिया गया था. सरकार की ओर से अदालत को बताया कि राजस्थान पुलिस अधिनियम 2007 की धारा 34 के तहत प्रशासनिक फेर बदल किया जा सकता है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की नजीरे पेश करते हुए कहा कि प्रशासनिक कारणों के चलते किये गये फेरबदल में न्यायिक हस्तक्षेप तब तक नहीं हो सकता जब तक किसी के भी मूलभूत अधिकारों पर प्रहार ना हो.

इसके साथ उन्होंने कहा कि जहां तक वरिष्ठता की बात है तो 10 अगस्त 2021 को ही पुलिस विभाग ने एक आदेश जारी किया है जिसमें स्पष्ट किया गया कि जिनका स्थानान्तरण किया गया है उनकी वरिष्ठता प्रभावित नहीं होगी. न्यायालय ने राजस्थान उच्च न्यायालय के एकलपीठ की ओऱ से वर्ष 2017 में पारित याद राम के निर्णय में याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत देते हुए उनके स्थानान्तरण आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुये याचिकाकर्ताओं को मूल स्थान पर ही कार्य करने का आदेश दिया था.

सभी याचिकाओं पर विस्तृत सुनवाई के बाद न्यायालय ने सभी याचिकाओं को स्वीकार करते हुए पुलिस विभाग की ओर से पारित 05 अगस्त 2021 के आदेश को अपास्त करते हुए याचिकाकर्ताओं को राहत दी है.

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश दिनेश मेहता की अदालत ने पुलिस विभाग में प्रशासनिक फेर बदल करते हुए 05 अगस्त 2021 को जारी किये गये स्थानान्तरण आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए आदेश को निरस्त कर दिया है. इससे याचिकाकर्ताओं को बड़ी राहत मिली है. इस आदेश के खिलाफ पूर्व में न्यायालय ने 11 अगस्त को अंतरिम रोक लगाई थी.

उच्च न्यायालय में सुभाषचन्द्र व अन्य की 195 याचिकाकर्ताओं की ओर से याचिकाएं पेश की गईं थीं. याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता एचएस सिंद्धू, हरिश पुरोहित, महावीर विश्नोई, सुशील सोंलकी ,एसपी शर्मा, विकास बिजरानिया सहित क़रीब एक दर्जन अधिवक्ताओं ने पक्ष रखते हुए बताया कि कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल व सहायक उपनिरीक्षक के पद पर अपने जिलों व रेंज में कार्य कर रहे हैं. पुलिस विभाग ने तीन अलग अलग आदेश 05 अगस्त 2021 के जरिये उनका स्थानान्तरण अन्य रेंज में कर दिया है.

पढ़ें: नियुक्ति से पहले संतान होने पर भी मिलेगा मैटरनिटी लीव का लाभ

उन्होंने कहा कि कांस्टेबल व हेड कांस्टेबल की वरिष्ठता जिला स्तर पर निर्धारित की जाती है जबकि सहायक उपनिरीक्षक की वरियता रेंज लेवल पर निर्धारित की जाती है. राज्य सरकार की ओर से पहले इस मामले में केविएट पेश कर दिया गया था. सरकार की ओर से अदालत को बताया कि राजस्थान पुलिस अधिनियम 2007 की धारा 34 के तहत प्रशासनिक फेर बदल किया जा सकता है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की नजीरे पेश करते हुए कहा कि प्रशासनिक कारणों के चलते किये गये फेरबदल में न्यायिक हस्तक्षेप तब तक नहीं हो सकता जब तक किसी के भी मूलभूत अधिकारों पर प्रहार ना हो.

इसके साथ उन्होंने कहा कि जहां तक वरिष्ठता की बात है तो 10 अगस्त 2021 को ही पुलिस विभाग ने एक आदेश जारी किया है जिसमें स्पष्ट किया गया कि जिनका स्थानान्तरण किया गया है उनकी वरिष्ठता प्रभावित नहीं होगी. न्यायालय ने राजस्थान उच्च न्यायालय के एकलपीठ की ओऱ से वर्ष 2017 में पारित याद राम के निर्णय में याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत देते हुए उनके स्थानान्तरण आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुये याचिकाकर्ताओं को मूल स्थान पर ही कार्य करने का आदेश दिया था.

सभी याचिकाओं पर विस्तृत सुनवाई के बाद न्यायालय ने सभी याचिकाओं को स्वीकार करते हुए पुलिस विभाग की ओर से पारित 05 अगस्त 2021 के आदेश को अपास्त करते हुए याचिकाकर्ताओं को राहत दी है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.